संभल हिंसा रिपोर्ट

संभल हिंसा की जाँच के लिए बनाई गई न्यायिक समिति की रिपोर्ट में चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं। रिपोर्ट में संभल के हिंदू परिवारों का बड़े स्तर पर पलायन का जिक्र है। रिपोर्ट में लव जिहाद की बात भी सामने आई हैं। बताया गया कि मुस्लिम युवकों ने हिंदू लड़कियों ने इस्लाम कबूलने के लिए ब्रेनवॉश किया।

450 पन्‍नों की रिपोर्ट में गजवा-ए-हिंद, आतंकी मॉड्यूल और हिंदूओं की घटती आबादी के बारे में चिंता जताई गई है। संभल हिंसा की जाँच पर बनी इस रिपोर्ट को उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बनाने के आदेश दिए थे, जिसमें संभल में हिंदू पर अत्याचार को लेकर अहम खुलासे हुए हैं।

मुस्लिम युवक से निकाह के बाद छोड़ा हिंदू धर्म

न्यायिक जाँच समिति की इस रिपोर्ट में संभल के उस परिवार के भी बयान हैं, जिन्होंने अपनी बेटी को लव जिहाद का शिकार होने के बाद खो दिया था। पीड़ित पिता ने समिति को बताया कि साल 2013 में संभल के दीपा सराय निवासी मोहम्मद हम्माद (तुर्क) से निकाह के बाद छोटी बेटी में बदलाव देखा।

पिता ने कहा कि निकाह के एक साल बाद उनकी बेटी ने फोन कर रोते हुए कहा था, “मुझे बचा लो।” लेकिन डर और धमकियों के चलते परिवार उसकी कोई सहायता नहीं कर सका। निकाह के बाद बेटी का नाम बदलकर सिदरा रखा दिया गया।

उन्होंने कहा कि निकाह से पहले उनकी बेटी पहले सनातन धर्म के प्रति खास जुड़ाव रखती थी। वह मंदिर में भगवान की प्रतिमाओं के लिए पोशाक बनाती, व्रत-उपवाह रखती और काफी धार्मिक गतिविधियों में लीन थी। लेकिन निकाह के बाद सब कुछ बदल गया।

पिता ने बताया कि आज सिदरा पूरी तरह मुस्लिम बन चुकी है। वह मदरसों में मजहबी भाषण देती है और उसकी तकरीरें अब मौलवियों से भी प्रभावशाली मानी जाती है।

गाजियाबाद की छात्रा के कमरे में मिली उर्दू किताबें

रिपोर्ट में यह कोई एकलौता मामला सामने नहीं आया है। गाजियाबाद में रहकर MBA की पढ़ाई कर रही एक युवती के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। कॉलेज में उसका संपर्क मोहम्मद हम्माद (तुर्क) से हुआ। मुस्लिम युवक से मिलने के बाद से युवती का इस्लामी गतिविधियों में जुड़ाव बढ़ने लगा। युवती के कमरे से उर्दू की किताबें मिली।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट तक पहुँचा। फैसला मुस्लिम युवक के पक्ष में सुनाया गया। पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद संभल में दावत-ए-वलीमा का आयोजन किया गया। युवती के परिजन ने बताया कि इसका उद्देश्य हिंदू परिवार को अपमानित करना था।

परिवार ने बताया कि जब भी हिंदू लड़की किसी मुस्लिम युवक से निकाह करती थी तो दावत-ए-वलीमा आयोजित किया जाता था। इससे हिंदू परिवारों को पलायन के लिए मजबूर किया जाता था।

संभल के युवकों को ब्रेनवॉश कर आतंकी संगठनों से जोड़ा

न्यायिक जाँच समिति की रिपोर्ट में कई खुलासे हुए हैं। यह भी सामने आया कि संभल में आतंकी संगठनों के मॉड्यूल पनपते गए। संभल के कुछ युवाओं को ब्रेनवॉश कर पाकिस्तान और अफगानिस्तान के आतंकी संगठनों में भर्ती किया गया। इन युवाओं के नाम अमेरिका की शीर्ष आतंकियों की सूची में भी हैं।

उस वक्त पाकिस्तान खुफिया एजेंसी ISIS ने भी संभल में अपना नेटवर्क खड़ा करने में सफलता पाई। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के संगठन हरकत-उल-मुजाहिदीन, तहरीक-ए-तालिबान, अल-कायदा, हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी उस वक्त संभल में काफी सक्रिय थे।

संभल में आजादी के बाद 15 दंगे, हिंदुओं का पलायन

गजवा-ए-हिंद के मंसूबे भी संभल में धड़ल्ले से आगे बढ़ते गए। इसके लिए सांप्रदायिक दंगे करवाए गए और हिंदू के धर्मस्थलों को निशाना बनाया गया। इस अपराध में प्रदेश की पूर्व सरकार के नेताओं का भी हाथ सामने आया, जिसपर सरकार ने चुप्पी साधी थी।

रिपोर्ट में आजादी के बाद संभल में 15 बड़े दंगों का जिक्र किया गया है, जिसमें इस्लामी कट्टरपंथियों को संरक्षण दी गई थी और हिंदुओं की ओर से मुकदमे तक दर्ज नहीं किए गए। इसमें CAA के विरोध में जबरन 6 दिन तक बाजार बंद करने का भी जिक्र किया गया है।

इन दंगों का उद्देश्य संभल में हिंदुओं को भगाना था और ऐसा हुआ भी। रिपोर्ट में संभल में हिंदुओ की घटती आबादी पर भी चिंता जताई गई। जब दंगाइयों के डर से मजबूरन हिंदुओं को पलायन करना पड़ा और हिंदू धर्मस्थलों पर इस्लामी कट्टरपंथियों ने कब्जा कर लिया।

संभल हिंसा के बारे में

न्यायिक जाँच समिति की यह रिपोर्ट नवंबर 2024 में उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा की है। जब कोर्ट ने इस मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश दिया तो इस्लामी कट्टरपंथ ने पूरे शहर में दंगे किए। दंगे में आगजनी की गई और लाठी-डंडे लेकर इस्लामी कट्टरपंथी हिंदुओं में दहशत फैलाने लगे। इस दौरान कई हिंदुओं के घर तोड़ दिए गए।

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