कॉन्ग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान को क्लीन चिट दे दी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को हमले में दोषी ठहराना भारत सरकार की अपनी सोच है। कॉन्ग्रेस नेता ने कहा कि भारत के पास पाकिस्तान के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मणिशंकर अय्यर ने कहा, “शशि थरूर और उनकी डेलिगेशन टीम ने 33 देशों के दौरान पहलगाम आतंकी हमले का जिम्मेदार पाकिस्तान को नहीं ठहराया है। यहाँ तक की UN और अमेरिका ने भी पाकिस्तान को हमले का जिम्मेदार नहीं ठहराया।”
कॉन्ग्रेस नेता ने आगे कहा, “हम (भारत) ही छाती पीट कर कह रहे हैं कि इसके पीछे पाकिस्तान का हाथ है, लेकिन कोई भी हमारी बात पर विश्वास करने को तैयार नहीं है।” अय्यर ने यह भी कहा, “हम ऐसा कोई सबूत पेश नहीं कर पाए हैं, जिससे लोगों को यकीन हो सके कि किस पाकिस्तानी एजेंसी ने इस हमले को अंजाम दिया है।”
मणिशंकर का यह बयान तब सामने आया जब हाल ही में ऑपरेशन महादेव के तहत POK में पहलगाम आतंकी हमले में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी ताहिर हबीब को भारतीय सेना ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया। इसके बाद रावलकोट में उसका जनाजा निकला, जिसमें खाई गाला के पूर्व पाकिस्तानी फौजी भी शामिल हुए।
इससे आतंकी ताहिर का पाकिस्तान से कनेक्शन साफ हो गया है। यह भी स्पष्ट हो गया कि 22 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान का ही हाथ है। इतना ही नहीं गृह मंत्री अमित शाह तो संसद में तक पाकिस्तान कनेक्शन का प्रमाण दे चुके हैं।
‘ऑपरेशन महादेव’ को लेकर बोलते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था, “02 अगस्त 2025 को ऑपरेशन में तीन आतंकवादी- सुलेमान, अफगान और जिबरान मारे गए। जो लोग उन्हें खाना पहुँचाते थे, उन्हें पहले ही हिरासत में ले लिया गया था। जब इन आतंकवादियों के शव श्रीनगर पहुँचे तो हिरासत में लिए गए लोगों ने इनकी पहचान की।”
गृह मंत्री ने आगे कहा, “पहलगाम में धर्म पूछकर मारने वाले इन तीनों आतंकवादियों को मार गिराया गया है। इसके सबूत भी हमारे पास हैं। तीन में से दो आतंकियों के पाकिस्तानी वोटर नंबर मिले हैं। इनके पास से मिली राइफलें और चॉकलेट्स भी पाकिस्तान निर्मित हैं। इससे पुष्टि हुई है कि इन्हीं लोगों ने पहलगाम में निर्दोष लोगों पर हमला किया था।”
इन सबूतों के बाद भी विपक्ष पाकिस्तान को क्लीन चिट देने में लगी हुई है। आए दिन कॉन्ग्रेस नेता सरकार पर पहलगाम आतंकी हमले के अपराधियों पर सवाल खड़ा करते हैं। यहाँ तक की हमले में पाकिस्तान की भूमिका के सबूत माँगते हैं।