sudarshanvahini.com

हमास आतंकियों के लिए बैटिंग करने उतरी प्रियंका गाँधी, इजरायल के राजदूत ने किया बोल्ड: जानिए वायनाड की कॉन्ग्रेस MP के पोस्ट को क्यों कहा ‘शर्मनाक’


प्रियंका गाँधी को इजरायल का जवाब

कॉन्ग्रेस की नीति इजरायल विरोध की रही है। ईरान युद्ध हो या फिलिस्तीन से जंग, कॉन्ग्रेस हमेशा केन्द्र को इजरायल के खिलाफ कदम उठाने की नसीहत देती है। कॉन्ग्रेस नेता प्रियंका गाँधी वाड्रा ने इजरायल के बहाने केन्द्र सरकार को घेरने की कोशिश की है। उन्होंने इजरायल पर फिलिस्तीन के नरसंहार का आरोप लगाया है। साथ ही कहा है कि केन्द्र सरकार इस पर चुप क्यों है?

प्रियंका के बयान को इजरायल के राजदूत रेवुएन अजार ने कहा, ” आपकी धुर्तता कितनी शर्मनाक है। इजरायल ने 25,000 हमास आतंकवादियों को मारा। मानव जीवन को हुई क्षति के लिए हमास की घिनौनी रणनीति जिम्मेदार है। नागरिकों के पीछे छिप कर कायराना हमला, पलायन करने वालों पर गोली चलाना और रॉकेट दागना हमास कर रहा है।”

इजरायल राजदूत ने ये भी कहा है कि इजरायल ने गाजा में 20 लाख टन खाद्य सामग्री पहुँचाई। हमास ने उसे जब्त करने की कोशिश की, जिससे भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई। उन्होंने दावा किया कि पिछले 50 सालों में गाजा की आबादी 450% बढ़ी है। वहाँ कोई नरसंहार नहीं हुआ है। हमास के आँकड़ों पर यकीन मत कीजिए।

इससे पहले कॉन्ग्रेस नेता प्रियंका गाँधी वाड्रा ने कहा था कि इजरायली नरसंहार कर रहा है। उसने 60,000 से ज़्यादा लोगों की हत्या की है, जिनमें 18,430 बच्चे थे। सैकड़ों लोगों को भूख से मरने के लिए मजबूर किया गया। इनमें कई बच्चे भी शामिल हैं। लाखों लोगों को भूखा मारने की धमकी दी जा रही है।”

केन्द्र सरकार पर इस मामले में निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए प्रियंका गाँधी ने कहा, “चुप्पी साधकर और निष्क्रियता से अपराधों को बढ़ावा देना अपने आप में एक अपराध है। यह शर्मनाक है कि भारत सरकार चुप बैठी है जबकि इजरायल फिलिस्तीन के लोगों पर तबाही मचा रहा है।”

दरअसल कॉन्ग्रेस ने 9 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इजरायली हमले के दूसरे दिन खुले तौर पर फिलिस्तीनियों के समर्थन में प्रस्ताव पास किया था। इसमें फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों का समर्थन किया था।

प्रस्ताव में कहा गया था कि CWC फिलिस्तीनी लोगों के जमीन, स्वशासन और आत्मसम्मान एवं गरिमा के साथ जीवन के अधिकारों के लिए अपने दीर्घकालिक समर्थन को दोहराती है। कॉन्ग्रेस की नीति में इजरायल का विरोध शुरू से नजर आता है। लेकिन भारत की विदेश नीति निस्पक्ष रही है। इसके तहत बगैर भेदभाव के मानवीय आधार पर सहायता भारत करता रहा है।



Source link

Exit mobile version