सोनिया गाँधी FIR

कॉन्ग्रेस नेता सोनिया गाँधी के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में FIR दर्ज करने की माँग की गई है। इस संबंध में याचिका दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि सोनिया गाँधी का नाम भारतीय नागरिक बनने से तीन साल पहले तक मतदाता सूची में जुड़ा था।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायतकर्ता एडवोकेट विकास त्रिपाठी ने दिल्ली की राउज एवेन्यु कोर्ट में एक याचिका दायर की है। मामले में सीनियर एडवोकेट अनिल सोनी और पवन नारंग ने ACJM वैभव चौरसिया के समक्ष दलील दी। नारंग ने कहा कि सोनिया गाँधी का नाम 1980 में नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल किया गया था।

उन्होंने बताया कि 1982 में सोनिया गाँधी का नाम मतदाता सूची से हटा लिया था। नारंग ने आगे कहा कि सोनिया गाँधी मूलरूप से इटली की नागरिक हैं, 30 अप्रैल 1983 में भारत की नागरिक बनी थीं, इसका अर्थ है कि कुछ फर्जी दस्तावेज जमा किए गए थे जो कि संगीन अपराध का मामला है।

नारंग ने कहा कि इस मामले में दिल्ली पुलिस से भी शिकायत की गई थी लेकिन कोई कार्ऱवाई नहीं हुई, जिसके चलते उन्हें कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह मामला राजनीति नहीं बल्कि कानून के दायरे में आता है, जिसके लिए पुलिस की जाँच जरूरी है।

गुरुवार (4 सितंबर 2025) को कोर्ट में ACJM वैभव चौरसिया ने मामले में कुछ देर सुनवाई की। ACJM ने पाया कि शिकायतकर्ता ने मामले में पर्याप्त दस्तावेज उपलब्ध किए हैं। इसके आधार पर मामले में सुनवाई की अगली तारीख 10 सितंबर 2025 तय कर दी है।

बीजेपी नेता ने सोनिया गाँधी पर उठाया था सवाल

इससे पहले बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस वार्ता में सवाल उठाया था कि इटली में जन्मीं सोनिया गाँधी का नाम 1980 में मतदाता सूची में जुड़ गया था जबकि वह 1983 में भारतीय नागरिक बनी थीं।

वहीं, बीजेपी नेता अमित मालवीय ने भी एक्स पर 1980 की मतदाता सूची की कॉपी शेयर की थी, जिसमें नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र के सफदरजंग रोड स्थित पोलिंग स्टेशन नंबर 145 की मतदाता सूची में इंदिरा गाँधी, राजीव गाँधी, संजय गाँधी, सोनिया गाँधी और मेनका गाँधी का नाम शामिल था।

अमित मालवीय ने कहा था कि भारत की मतदाता सूची के साथ सोनिया गाँधी का रिश्ता चुनावी कानूनों के घोर उल्लंघनों से भरा पड़ा है, शायद यही कारण है कि राहुल गाँधी अयोग्य और अवैध मतदाताओं को नियमित करने के पक्षधर हैं और SIR का विरोध करते हैं।



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