सोमवार (24 नवंबर 2025) को सूरत के ओलपाड़ में रहने वाली और नगरपालिका में सरकारी कर्मचारी के तौर पर कार्यरत एक महिला डिंकल शिंगोलावाला को उनके घर के बाथरूम में बेहोशी की हालत में पाया गया। बाद में परिवार वालों ने उन्हें अस्पताल पहुँचाया, लेकिन थोड़ी इलाज के बाद उनकी मौत हो गई।
महिला के निधन का कारण जानने के लिए एक ओर पोस्टमार्टम और अन्य प्रक्रियाएँ चल रही थीं, वहीं दूसरी ओर ये पता चलने पर कि वह BLO थी, मीडिया और कुछ राजनेताओं के एक समूह ने इस पूरे मामले का इस्तेमाल SIR प्रक्रिया के खिलाफ अपना एजेंडा चलाने के लिए करना शुरू कर दिया।
जानकारी यह है कि डिंकल शिंगोलावाला सूरत महानगरपालिका के वराछा जोन में टेक्निकल असिस्टेंट के रूप में काम कर रही थीं। SIR कार्य में उन्हें शहर के एक क्षेत्र में BLO के रूप में भी काम सौंपा गया था। सोमवार सुबह वे ड्यूटी पर जातीं, उससे पहले उनका घर के बाथरूम में बेहोशी की स्थिति में पाया गया।
परिवार के लोगों ने उन्हें बाद में अस्पताल पहुँचाया, लेकिन ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बाद में शव पोस्टमार्टम और फोरेंसिक जाँच के लिए भेजा गया। दूसरी ओर इस तथ्य के आधार पर कि वे BLO थीं, एजेंडा चलाने का काम शुरू हो गया।
आम आदमी पार्टी के नेता और अतीत में 1 करोड़ की फिरौती माँगने के मामले में एफआईआर का सामना कर चुके युवराज सिंह जाडेजा ने एक्स पर पोस्ट कर महिला BLO की मृत्यु का कारण हार्ट अटैक बताया।
पोस्ट में युवराज ने लिखा, “वे BLO के रूप में सर जे. जे. स्कूल में ड्यूटी निभा रही थीं। शिक्षिका को घर पर ही हार्ट अटैक आया और उनका निधन हो गया।”
#સુરત : 26 વર્ષીય મહિલા #BLO નું મોત
જામનગરમાં પણ BLOની તબિયત લથડી…
26 વર્ષીય BLO રિંકલ સીગોડાવાલાનું મોત થયું છે.
શિક્ષિકા વરાછા ઝોનમાં આસિસ્ટન્ટ તરીકે ફરજ બજાવતા હતા.
તેઓ BLO તરીકે સર જે જે સ્ફૂલમાં ફરજ બજાવતા હતા. શિક્ષિકાને ઘરે જ હાર્ટ એટેક આવતા દમ તોડ્યો હતો.… pic.twitter.com/pPUVreTkNe— Yuvrajsinh Jadeja (@YAJadeja) November 24, 2025
युवराज ने अपनी पोस्ट में यह भी कहा कि SIR की कार्यवाही में जुड़े अन्य BLO की मौतें भी हुई हैं। उन्होंने लिखा कि इनमें से अधिकांश मौतें हार्ट अटैक के कारण या असहनीय बोझ और मानसिक तनाव की वजह से हुई हैं। कुछ ने आत्महत्या करके जीवन समाप्त कर लिया है।
पोस्ट में उन्होंने ‘Justice for BLO’, ‘Stop Work Pressure’, ‘SIR Failure’ और ‘Systematic Negligence’ जैसे हैशटैग का भी इस्तेमाल किया।
इसी तरह ‘जी 24 घंटे’ की पत्रकार निधि पटेल ने एक पोस्ट में खबर देते हुए लिखा, “SIR की कार्यवाही के दौरान एक और दुखद मृत्यु।” यहाँ साफ तौर पर लिखा गया कि मौत SIR की प्रक्रिया के दौरान हुई है।
SIR ની કામગીરી દરમિયાન વધુ એક દુઃખદ મૃત્યુ ..@Zee24Kalak pic.twitter.com/j5zRVVlRKm
— Nidhi patel (@nidhirpatel6) November 24, 2025
कुछ अन्य रिपोर्टों और पोस्टों में भी ऐसे दावे किए गए कि महिला कर्मचारी की मौत काम के अत्यधिक बोझ के कारण हुई।
लेकिन सच्चाई यह है कि महिला की मृत्यु घर के बाथरूम में गैस गीजर से गैस लीकेज होने के कारण हुई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, उनकी मौत दम घुटने (साँस रुकने) से हुई थी। जाँच में यह स्पष्ट हुआ कि बाथरूम में गैस गीजर से गैस का रिसाव हुआ था, जिसके चलते यह हादसा हुआ।
दिव्य भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, सूरत सिविल अस्पताल के फॉरेंसिक विभाग के प्रमुख डॉ. चंद्रेश टेलर ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह प्राथमिक निष्कर्ष सामने आया है कि महिला की मौत कार्बन मोनोऑक्साइड गैस के कारण हुई। ऐसे मामलों में किसी बंद जगह में जमा हुआ कार्बन मोनोऑक्साइड ‘साइलेंट किलर’ की तरह काम करता है, जिससे व्यक्ति अचानक बेहोश हो जाता है और 5 से 7 मिनट में मृत्यु हो सकती है।
इसलिए यहाँ मौत का कारण काम का बोझ या हार्ट अटैक नहीं था, बल्कि गैस लीकेज के बाद दम घुटने से हुआ। इसके बावजूद युवराज और उनके समूह ने इस महिला की मृत्यु के मामले का इस्तेमाल SIR कार्यवाही के खिलाफ भय का माहौल बनाने के लिए किया।
यह रिपोर्ट लिखे जाने तक युवराज और अन्य लोगों ने अपनी पोस्ट न तो हटाई है और न ही उसमें कोई स्पष्टीकरण दिया है।













