बिहार बंगला

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति हमेशा के लिए सरकारी बंगला पर कब्ज़ा करके नहीं रख सकता। सुप्रीम कोर्ट ने इसी के साथ तय समयसीमा से ज्यादा रहने पर किराया वसूलने को भी सही ठहराया। यह टिप्पणियाँ सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के एक नेता की याचिका ख़ारिज करते हुए की।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (22 जुलाई 2025) को बिहार के पूर्व विधायक अवनीश कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई की। अवनीश कुमार सिंह ने सरकारी बंगले में रहने के ₹20 लाख वसूले जाने का विरोध किया था और इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से राहत की माँग की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट में CJI बी आर गवई, जस्टिस K विनोद चंद्रन और जस्टिस एन वी अंजारिया वाली बेंच ने इस मामले की सुनवाई की है। बेंच ने कहा कि विधायक पद से इस्तीफे के बाद अवनीश कुमार सिंह को अपना बंगला खाली कर देना चाहिए था। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह का कब्जा न केवल अवैध है, बल्कि यह एक गलत परंपरा को बढ़ावा देता है।

कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी को भी तय समय से अधिक समय तक जबरन कब्जा करके सरकारी आवास में रहने की अनुमति नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व विधायक को कोई भी राहत देने से इनकार करते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी।

क्या था मामला?

यह मामला पूर्व विधायक अवनीश कुमार सिंह से संबंधित था। अवनीश कुमार सिंह को पटना स्थित बंगले में निर्धारित समय से दो वर्ष अधिक रहने पर ₹21 लाख रुपए भरने का आदेश दिया गया था। अवनीश कुमार सिंह ने अपने बचाव में यह तर्क दिया था कि उन्हें एक सरकारी पद पर नियुक्त किए जाने के कारण वे सरकारी आवास के हकदार थे।

अवनीश कुमार सिंह ने अपनी याचिका में कहा था कि उन्हें 2009 में ‘राज्य विधानमंडल अनुसंधान और प्रशिक्षण ब्यूरो’ में नामित किया गया था, ऐसे में वह सरकारी बंगला पाने के हकदार थे। कोर्ट ने उनकी यह दलीलें अस्वीकार कर दी।

ढाका निर्वाचन क्षेत्र से पाँच बार विधायक रहे अवनीश कुमार सिंह ने मार्च 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे। इसके बाद उन्हें ‘राज्य विधानमंडल अनुसंधान और प्रशिक्षण ब्यूरो’ में नामित किया गया। इसके बावजूद उन्होंने पटना के टेलर रोड स्थित सरकारी बंगले को मई 2016 तक नहीं खाली किया।

बंगले में दो साल अधिक समय तक रहने पर बिहार सरकार ने अवनीश कुमार सिंह से 21 लाख रुपये का किराया माँगा। उन्होंने इसके बाद हाई कोर्ट में याचिका लगाई। उनकी याचिका पटना हाईकोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दी कि 2009 की अधिसूचना उन्हें पुराने आवंटित बंगले में रहने का अधिकार नहीं देती।

हाईकोर्ट ने उन्हें यह राशि 6% वार्षिक ब्याज सहित चुकाने का आदेश दिया। अवनीश कुमार सिंह ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की लेकिन यहाँ भी उन्हें राहत नहीं मिली।

Source link

Search

Categories

Recent Posts

Tags

Gallery