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सऊदी अरब की कंपनी ह्यूमेन ने लॉन्च किया इस्लामिक चैटबॉट हलाल एआई

सऊदी एआई कंपनी हुमैन (Humain) ने एक अरबी भाषा का एआई चैटबॉट लॉन्च किया है। कंपनी ने इसे दुनिया का पहला ‘हलाल एआई’ होने का दावा किया है। कंपनी का कहना है कि यह अरबी भाषा, इस्लामी रिवायत, मूल्यों और विरासत को लेकर संवेदनशील है।

क्या है हलाल एआई ( Halal AI)

अरबी भाषा में तैयार किए गए चैटबॉट हुमैन चैट (Humain Chat) यानी हलाल एआई अंग्रेजी और अरबी, दोनों भाषाओं में आसानी से स्विच कर सकता है। इसके अलावा मिस्र, लेबनानी सहित कई बोलियों को भी आसानी से समझ सकता है और जवाब दे सकता है। यूजर्स टेक्स्ट या वॉइस के जरिए इससे सवाल पूछ सकते हैं। इसमें रियल टाइम सर्च बेस्ड जवाब मिल जाते हैं। इतना ही नहीं बातचीत को शेयर भी किया जा सकता है।

Humain Chat चैटबॉट की तकनीक का आधार ‘ALLAM 34B’ है। यह एक लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) है, जिसे आठ पेटाबाइट से ज्यादा डेटा पर प्रशिक्षित किया गया है। इसे सबसे बड़ा अरबी डेटासेट माना जा रहा है।

कंपनी के मुताबिक, हुमैन चैट कंपनी के अल्लाम लार्ज लैंग्वेज मॉडल (Allam model) पर आधारित है, जिसे अब तक के सबसे बड़े अरबी डेटासेट पर तैयार किया गया है।

यह चैटबॉट सबसे पहले सऊदी अरब में उपलब्ध कराया जाएगा। ये वेब, IOS, Android तीनों पर उपलब्ध होगा। उसके बाद इसे मध्य पूर्व और दुनिया के बाकी हिस्सों में भी लॉन्च किया जाएगा।

इस्लाम की बारीकियाँ ह्यूमेन चैट को पता है- कंपनी

कंपनी का कहना है कि अल्लाम मॉडल को ‘इस्लामी, मध्य पूर्वी और सांस्कृतिक बारीकियों’ वाले डेटा सेट पर प्रशिक्षित किया गया है। यह दुनिया के अग्रणी चैटबॉट ChatGPT जैसा ही है, जिसके डेवलपर OpenAI का कहना है कि इसे पश्चिमी मूल्यों के अनुरूप बनाया गया है। ह्यूमेन चैट ऐसे समय में लॉन्च हुआ है, जब स्टार्टअप और दूसरी कंपनियाँ एआई तकनीक में आगे निकलने की होड़ में हैं।

सऊदी अरब की पब्लिक फंड के पैसे से बना ह्यूमेन चैट

सऊदी सॉवरेन वेल्थ फंड के स्वामित्व वाली ह्यूमेन चैट को सऊदी पब्लिक इनवेस्टमेंट फंड से मदद मिली है। कंपनी एआई इकोसिस्टम, इंफ्रास्ट्रक्चर, क्लाउड, डाटा और एप्लिकेशन पर फोकस कर रही है। इसको अबू धाबी सरकार की फाल्कन अरेबिक मॉडल से चुनौती मिल सकती है। अबु धाबी की सरकारी अनुसंधान संस्थान ने साल 2025 की शुरुआत में इसे लॉन्च किया था।

ह्यूमेन चैट की घोषणा मई में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सऊदी अरब यात्रा से एक दिन पहले की गई थी। सऊदी अरब ने इस दौरान एआई की बुनियादी ढाँचा बनाने के लिए अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ अरबों डॉलर के समझौते किए थे।

सऊदी अरब में स्टोर होगा यूजर्स का डाटा

कंपनी का कहना है कि ह्यूमेन चैट पूरी तरह से सऊदी अरब के पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन लॉ को मानने वाला है। इसके यूजर्स की सारी जानकारी देश में ही स्टोर किया जाता है, ताकि प्राइवेसी बनी रहे।

उद्योगों में अंग्रेजी भाषा के वर्चस्व के बीच ह्यूमेन चैट दुनिया के 38 करोड़ अरबी-भाषियों को उनकी मूल भाषा में सेवाएँ प्रदान करने में सक्षम होगी।

कंपनी का मानना है कि अनुवाद में सक्षम होने के बावजूद, दुनिया की अग्रणी एआई कंपनियों के चैटबॉट डिफ़ॉल्ट रूप से अंग्रेजी में ही काम करते हैं, क्योंकि इनके डेटासेट अंग्रेजी में होते हैं।

चैटजीपीटी, गूगल जेमिनी और चीन के डीपसीक की तुलना में अल्लाम और फाल्कन जैसे मॉडल अरबी भाषा में विस्तार से आउटपुट देने में ज्यादा सक्षम हैं।

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