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‘शिवाजी महाराज ने बंगाल पर किया था हमला’: राजदीप सरदेसाई ने पहले बोला झूठ, पोल खुलने पर माफी माँगने की जगह दिया बेशर्मी भरा ‘करेक्शन’… लेकिन मुगलों की तरफदारी में नहीं की कोई कमी


राजदीप सरदेसाई ने छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर फैलाया झूठ

पत्रकारिता के नाम पर प्रोपेगेंडा फैलाने वाले राजदीप सरदेसाई ने एक बार फिर इतिहास से छेड़छाड़ की है। हाल ही में राजदीप सरदेसाई ने एक पोस्ट में कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने पश्चिम बंगाल पर हमला किया था। यह बयान तब आया जब केंद्र सरकार ने NCERT की किताबों में मुगल शासकों की क्रूरता को उजागर करने के लिए कुछ बदलाव किए।

लेकिन राजदीप सरदेसाई को यह सब सहन नहीं हुआ और उन्होंने मुगलों की पैरवी करते हुए छत्रपति शिवाजी महाराज पर विवादित बयान दिया। प्रोपेंगेडा पत्रकार ने अपने शो ‘डेमोक्रेटिक न्यूज़रूम’ पर ना केवल मुगलों का बचाव किया, बल्कि शिवाजी महाराज को ‘डाकू’ कहा और उनकी सेना ने बंगाल पर हमला कर तबाही मचाने की बता कहीं।

फिर क्या… लोगों ने प्रोपेगेंडा फैलाने वाले पत्रकार को घेरा और इस विवादित बयान का विरोध किया। इसके बाद जनाब सरदेसाई ने X (पहले ट्वीटर) पर पोस्ट में ‘करेक्शन’ चिपका दिया। ‘करेक्शन’ में लिखा कि ‘अरे नहीं, बंगाल नहीं, छत्रपति शिवाजी महाराज ने सूरत पर हमला किया था।’ लेकिन प्रोपेगेंडा पत्रकार ने अपनी गलती नहीं मानी, बस हमले की जगह बंगाल से सूरत कर दी।

राजदीप सरदेसाई ने पहले क्या कहा?

प्रोपेगेंडा पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने एक कार्यक्रम ‘डेमोक्रेटिक न्यूज़रूम’ में यह आरोप लगाया था कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने बंगाल पर हमला किया था और उनकी सेना ने वहाँ खूब लूटपाट की थी।

राजदीप सरदेसाई ने यह बात मुगलों के अत्याचारों को कम दिखाने और शिवाजी महाराज को मुगलों से क्रूर दिखाने की कोशिश में कही थी।

लोगों के विरोध के बाद राजदीप सरदेसाई का दूसरा पोस्ट

छत्रपति शिवाजी महाराज पर विवादित बयान के बाद लोगों के राजदीप सरदेसाई का जमकर विरोध और आलोचना की। फिर राजदीप सरदेसाई ने अपनी बात में सुधार करते हुए एक नया पोस्ट ‘करेक्शन’ के नाप पर चिपका डाला।

प्रोपेगेंडा पत्रकार ने ‘करेक्शन’ पोस्ट में लिखा कि शिवाजी महाराज ने बंगाल पर नहीं बल्कि सूरत पर हमले किए थे, जो मुगलों की ताकत पर हमला था। इसके अलावा राजदीप सरदेसाई ने शिवाजी महाराज को ‘इस पूरे दौर का सबसे बढ़िया शासक’ बताया।

राजदीप सरदेसाई ने अपने ‘करेक्शन’ पोस्ट में छत्रपति शिवाजी महाराज के सैन्य कौशल और लोगों के कल्याण के प्रति लिए गए फैसलों’ की तारीफ की। हालाँकि, प्रोपेगेंडा पत्रकार ने अपने झूठ के लिए सीधे तौर पर माफी माँगने की बजाय इसे ‘सुधार’ दिखाया।

सच्चाई क्या है?

ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स बताते हैं कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने कभी भी बंगाल पर हमला नहीं किया था। उनके सैन्य अभियान मुख्य रूप से दक्कन और पश्चिमी भारत को मुगलों और अन्य सल्तनतों के चंगुल से मुक्त कराने पर केंद्रित थे।

शिवाजी महाराज अपनी शूरवीरता के लिए जाने जाते थे, है और रहेंगे खासकर महिलाओं के प्रति। शिवाजी महाराज ने युद्ध के दौरान अगवा की गई महिलाओं के आत्मसम्मान की रक्षा की थी।

मुगलों की क्रूरता की सच्चाई

मुगलों ने भारत पर हमला किया और यहाँ अपनी सत्ता जमाई। मुगलों ने अपने शासन में बहुत खून-खराबा, मंदिरों को तोड़ा और हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण करवाया। औरंगजेब जैसे कुछ मुगल शासक भारत को पूरी तरह इस्लामिक देश बनाना चाहते थे।

मुगलों ने मंदिरों पर कब्जा कर उन्हें धवस्त किया। महिलाओं को कर हरम में रखा। हिंदुओं पर भारी टैक्स लगाया। जिन हिंदुओं ने इस्लाम कबूल नहीं किया उन्हें मार डाला। इसके उलट,

शिवाजी महाराज ने जो भी लड़ाई लड़ी वो अपने लोगों की रक्षा के लिए थी। शिवाजी महाराज केवल और केवल ‘हिंदवी स्वराज्य’ कायम करना था।

प्रोपेगेंडा पत्रकार राजदीप सरदेसाई का ये कोई नया रवैया नहीं है। पहले बयान फेंको, फिर विरोध पर ‘करेक्शन’ डालो, लेकिन माफी न माँगो। यह सिर्फ पत्रकारिता की गिरावट नहीं, बल्कि इतिहास से जानबूझकर छेड़छाड़ की शर्मनाक मिसाल है। जब ऐतिहासिक सच्चाई इतनी स्पष्ट है तो फिर यह ‘गलती’ नहीं, एजेंडा है।



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