छांगुर पीर

जमालुद्दीन उर्फ छांगुर पीर ने धर्म परिवर्तन कराने के लिए तीन श्रेणियाँ बनाई थीं। इनमें अलग-अलग वर्ग की महिलाएँ और युवतियाँ शामिल की गईं। वहीं, मुस्लिम युवकों को भी नाम बदलकर हिंदू युवतियों को प्रेमजाल में फँसाकर धर्मांतरण कराने का काम सौंपा गया।

पहली श्रेणी में मुस्लिम महिलाएँ गरीब और अनुसूचित जाति की महिलाओं का ब्रेनवॉश कर धर्म परिवर्तन कराती थीं। दूसरी श्रेणी में मुस्लिम युवतियों को रखा गया, वेश्या महिलाओं को फँसाकर इस्लाम कबूल करवातीं। आखिरी श्रेणी में मुस्लिम युवक नाम बदलकर हिंदू युवतियों के पीछे लगाया गया।

दुबई से कट्टर मौलाना बुलाकर देता प्रशिक्षण

छांगुर पीर अपने गुर्गों को प्रशिक्षण देने के लिए दुबई से कट्टर मौलाना बुलाता था। उनके साथ नेपाल में सक्रिय दावत-ए-इस्लामी की टीम भी होती थी। ये मौलाना मुस्लिम युवकों को हिंदू युवती को फँसाने के तरीके बताते थे। साथ ही हिंदू धर्म के विरुद्ध ब्रेनवॉश करते थे। इस प्रशिक्षण के काम के लिए ही छांगुर पीर ने आलीशान कोठी बनवाई थी।

बलरामपुर की कोठी में बनाए तहखाने

छांगुर के धर्मांतरण के नेटवर्क में 579 जिलों में 3000 गुर्गे काम कर रहे थे। इस नेटवर्क को बढ़ाने के लिए छांगुर पूरी मेहनत से लगा हुआ था। उसने गुर्गों को प्रशिक्षण देने के लिए दो आलीशान कोठी भी बनवाई। इनमें पहले फ्लोर पर तहखाने बनाए गए, जिनमें रोजाना तकरीर कराने की तैयारी थी।

बलरामपुर के मधुपुर गाँव स्थित छांगुर की कोठी की निर्माण कराने वाली वसीउद्दीन ने बताया कि साल 2022 में कोठी बननी शुरू हुई थी। हालाँकि, अब तक पूरी तरीके से बनकर तैयार नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि कोठी को पिलर पर खड़ा किया गया, जिससे छांगुर अपने हिसाब से कमरों को बाँट सके।

वसीउद्दीन ने कहा कि शुरुआत में ही लगा था कि किसी अवैध कार्य के लिए कोठी का निर्माण हो रहा है, लेकिन छांगुर ने बताया था कि वह विद्यालय खोलना चाहता था। बाद में उसने अस्पताल खोलने की बात कही। इसी तरह बार-बार झूठ बोलता रहा।

बता दें कि बलरामपुर स्थित कोठी को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया है। अब कोठी का मलबा पढ़ा दिखाई देता है। इसी कोठी में छांगुर अपने परिवार समेत नीतू और नवीन रोहरा के साथ रहता था।

गोंडा में भी छांगुर के अड्डे की तलाश

छांगुर पीर के धर्मांतरण नेटवर्क की जड़ें उत्तर प्रदेश के गोंडा में भी होने की आशंका है। यहाँ धानेपुर क्षेत्र के रेतवागाड़ा में छांगुर पीर के अड्डे की तलाश की जा रही है। ATS रमजान को ढूँढ रही है, जिससे छांगुर के बाकी सहयोगियों का पता निकलेगा।

मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आया कि अयोध्या के करीब होने के चलते छांगुर गोंडा में भी अपनी जड़े मजबूत कर रहा था। यह काम रमजान को सौंपा गया था, वही वजीरगंज और नवाबगंज तक अपने डेरा जमा रहा था। पूरी जानकारी कि लिए ATS के अधिकारी जाँच में जुटे हैं।

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