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वामपंथी गढ़ केरल में पहली बार बनेगा BJP का मेयर, जहाँ पूरे गाँव को बताया ‘वक्फ प्रॉपर्टी-वहाँ भी NDA की जीत: सोनिया गाँधी नहीं जीत सकीं निकाय चुनाव


केरल चुनाव

केरल में निकाय चुनावों के नतीजों की तस्वीर साफ होते-होते भले ही UDF (यूनाइटिड डेमोक्रेटिक फ्रंट) अपनी जीत की खुशी मना रही है, लेकिन एक तस्वीर ये भी है कि राज्य की राजधानी समेत कई जगह भगवा दिखने लगा है। लोग वामपंथी और कॉन्ग्रेसी गढ़ वाले क्षेत्रों में NDA की बढ़त देख खुलकर अपनी खुशी जाहिर कर रहे हैं हैं।

तिरुवनंतपुरम में जहाँ पहली बार भाजपा के मेयर बनने की खबर चर्चा में है तो वहीं एर्नाकुलन के मुनंबम में NDA की विजय को ऐतिहासिक कहा जा रहा है। इसी तरह मुन्नार में ‘सोनिया गाँधी’ नाम की प्रत्याशी से जुड़े परिणाम भी मीडिया में खूब सुर्खियों में है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इन परिणामों के लिए अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं का और जनता का आभार जताया है।

पीएम ने एक्स पर लिखा, “केरल के उन सभी लोगों का धन्यवाद जिन्होंने राज्य में लोकल बॉडी चुनावों में बीजेपी और NDA उम्मीदवारों को वोट दिया। केरल UDF और LDF से तंग आ चुका है। वे NDA को एकमात्र विकल्प के रूप में देखते हैं जो अच्छा शासन दे सकता है और सभी के लिए अवसरों के साथ एक #विकसितकेरल बना सकता है।”

तिरुवनंतपुरम में पहली बार बीजेपी का मेयर, नगर निगम में ऐतिहासिक जीत

तिरुवनंतपुरम में बीजेपी को नगर निगम चुनाव में ऐतिहासिक सफलता मिली है, जिसके साथ ही राज्य की राजधानी में पहली बार पार्टी का मेयर बनने जा रहा है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने इस जीत को जनता का स्पष्ट जनादेश बताया।

उन्होंने कहा कि पिछले 45 वर्षों में सीपीएम तिरुवनंतपुरम के विकास में नाकाम रही और जनता ने बीजेपी के इसी रुख को स्वीकार किया। चंद्रशेखर ने बताया कि उन्होंने खुद चुनाव प्रचार किया था, इसलिए परिणाम का उन्हें पहले से अंदाजा था। उनके अनुसार पार्टी का लक्ष्य सीटों की संख्या नहीं, बल्कि नगर निगम पर कब्जा करना था, जो पूरा हो गया।

मुनंबम वार्ड में NDA की बड़ी जीत

एर्नाकुलम जिले के मुनंबम वार्ड में NDA ने जिस तरह से स्पष्ट और निर्णायक जीत दर्ज की है, वह सिर्फ एक वार्ड का परिणाम नहीं है। यह जीत उस इलाके में आई है जो लंबे समय से केरल वक्फ बोर्ड से जुड़े भूमि विवाद को लेकर चर्चा में रहा है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह परिणाम दिखाता है कि स्थानीय मुद्दों पर जनता का रुख किस तरह मतदान व्यवहार को प्रभावित कर रहा है। BJP और NDA के लिए यह जीत केरल जैसे राज्य में आत्मविश्वास बढ़ाने वाली मानी जा रही है।

याद दिला दें कि मुनंबम ही वह इलाका है जहाँ केरल वक्फ बोर्ड ने लगभग 404 एकड़ जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया है। इस जमीन पर करीब 500 परिवार, जिनमें अधिकांश ईसाई समुदाय से हैं, दशकों से रह रहे हैं। वक्फ बोर्ड के दावे के बाद इन परिवारों पर बेदखली का खतरा मंडराने लगा। एनडीए लगातार इन परिवारों के साथ इनकी हक की बात कर रही है।

BJP नेतृत्व की प्रतिक्रिया

BJP के केरल महासचिव अनूप एंटनी जोसेफ ने मुनंबम में NDA की जीत को ‘ऐतिहासिक’ करार दिया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार और BJP शुरू से ही मुनंबम के लोगों के साथ खड़ी रही है। उनके मुताबिक, जनता ने वक्फ बोर्ड के दावे के खिलाफ अपनी लड़ाई में BJP को जनादेश दिया है।

यह बयान साफ करता है कि पार्टी इस जीत को सिर्फ स्थानीय नहीं, बल्कि राज्य स्तर पर एक राजनीतिक संदेश मान रही है।

मुन्नार में सोनिया गाँधी की हार और बड़े संकेत

चुनावों के दौरान मुन्नार से भाजपा उम्मीदवार सोनिया गाँधी का नाम देशभर में चर्चा में रहा। नाम की वजह से सुर्खियों में आईं सोनिया गाँधी को नल्लाथन्नी वार्ड से LDF उम्मीदवार वलारमती ने हरा दिया। यह हार भले ही एक वार्ड तक सीमित हो, लेकिन इसकी राजनीतिक गूँज दूर तक सुनाई दी।

कुल 1199 स्थानीय निकायों के इन चुनावों में ग्रामीण क्षेत्रों में LDF और शहरी इलाकों में UDF की बढ़त दिखी, जबकि BJP ने कुछ अहम शहरी क्षेत्रों में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई। इन नतीजों को 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है, जो यह संकेत देते हैं कि केरल की राजनीति अब नए मोड़ पर खड़ी है।



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