हरियाणा की एक अदालत ने लव जिहाद को देश के लिए खतरा करार दिया है। अदालत ने कहा है कि भले ही कानून में इसको लेकर कुछ ना कहा गया हो लेकिन यह एक षड्यंत्र है। यह टिप्पणियाँ अदालत ने एक नाबालिग हिन्दू लड़की की FIR पर दायर मुकदमे में सुनाई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हरियाणा के यमुनानगर में जगाधरी की एक अदालत ने 17 जुलाई, 2025 को यह फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि उसके सामने आया मामला लव जिहाद है। अदालत ने लव जिहाद को देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा बताया।
अदालत ने कहा कि भले ही भारतीय न्याय संहिता (BNS) और POCSO में लव जिहाद को लेकर कोई परिभाषा नहीं दी गई है लेकिन यह असल में मुस्लिम पुरुषों का गैर-मुस्लिम महिलाओं के साथ प्रेम में होकर उन्हें इस्लाम में धर्मांतरित करने का एक षड्यंत्र है।
यह फैसला जज रंजना अग्रवाल ने सुनाया। उन्होंने इस मामले में दोषी शहबाज को कुल 7 साल की सजा सुनाई। उसे एक मामले में 4 साल, एक में 2 साल और एक में 1 साल की सजा सुनाई गई है। उस पर POCSO समेत बाकी धाराओं में लगाए गए आरोप में यह सजाए सुनाई गईं।
अदालत ने उस पर ₹1 लाख का जुर्माना भी ठोंका। शहबाज एक 14 वर्षीय हिन्दू बच्ची को स्कूल जाते समय परेशान करता था। वह हिन्दू बच्ची पर दबाव बनाता था कि वह एक मुस्लिम नाबालिग के साथ रिश्ते में आ जाए।
वह इसके लिए लगातार बच्ची का पीछा करता था और उसका उत्पीड़न करता था। बच्ची ने इस मामले में नवम्बर, 2024 में मामला दर्ज करवाया था। अब कोर्ट ने इस मामले में अंतिम फैसला सुनाया है।
गौरतलब है कि लम्बे समय से मुस्लिम युवक, हिन्दू युवतियों को फँसाने के लिए पहचान बदल कर, कलावा पहन और तिलक आदि लगा कर भ्रमित करते रहे हैं। ऐसे मामलों में पहचान तब सामने आती है जब हिन्दू पीड़िता पूरी तरह से फँस चुकी होती है। केरल में ईसाई युवतियाँ भी इसकी शिकार हुई हैं।