छांगुर कर्नाटक पीड़िता

जलालुद्दीन उर्फ छांगुर पीर केवल धर्मांतरण नहीं, लड़कियों को बेचने का धंधा भी करता था। छांगुर के धर्मांतरण नेटवर्क की शिकार हुई कर्नाटक की पीड़िता ने उस पर हुए जुल्मों की कहानी सुनाई, जिसको सुनते ही किसी के भी रौंगटे खड़े हो जाएँगे। छांगुरृ हिंदू लड़कियों को ‘पैकेज’ समझता था। यही नाम लेकर हिंदू लड़कियों को सऊदी अरब भेजा जाता था, जहाँ उन्हें बेच देते थे। छांगुर के जाल में फँसी कर्नाटक की पीड़िता ने उसपर हुए जुल्मों की आपबीती सुनाई।

कैसे पीड़िता को भारत से सऊदी अरब ले जाया गया। पीड़िता को बंद कमरे में कई-कई दिन तक रखकर प्रताड़ित किया गया। किसी तरह चंगुल से भागकर भारत लौटी। तो यहाँ भी जीने नहीं दिया गया। फर्जी तरीके से पैसे ऐंठे गए। सहारनपुर में छांगुर के गुर्गों ने गैंगरेप किया। पीड़िता आज भी एक बंद कमरे में रहती है, जहाँ न टॉयलेट है और न रसोई। छांगुर की गिरफ्तारी के बाद घर की बिजली भी कट गई है।

राजू राठौड़ बनकर वसीम ने की दोस्ती

आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, युवती पर जुल्म की कहानी साल 2021 से शुरू होती है। जब राजू राठौड़ नाम से मोहम्मद वसीम इंस्टाग्राम पर युवती से दोस्ती की फरमाइश भेजता है। युवती लगातार इग्नोर करती है, तो एक अलग अकाउंट से महिला का मैसेज आता है। वह खुद को वसीम की भाभी बताती है। भाभी के कहने पर युवती ने वसीम से दोस्ती कर ली।

तब वसीम खुद को राजपूत बताता था। उसकी इंस्टाग्राम DP पर भी अक्सर हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें लगी होती थीं। कुछ दिन बाद कॉल पर बात होने लगी। युवती अनाथ थी और भाई की कुछ महीने पहले ही मौत हुई थी। वसीम ने युवती के अकेलेपन का फायदा उठाया। युवती को परिवार का मोह था, यही बात वसीम जान चुका था।

अब वसीम ने युवती को वसीम के साथ परिवार बनाने का लालच दिया। शादी के लिए प्रपोज किया। यहाँ तक की वसीम की भाभी ने भी जोर देकर कहा कि वसीम से शादी कर लोगी तो परिवार बन जाएगा। युवती ने बता मान ली।

सऊदी अरब ले जाकर धर्मांतरण कराया

वसीम सऊदी अरब रहता था। युवती को भी सऊदी बुलाया। कुछ ही दिन में फर्जी वीजा और पासपोर्ट युवती के पते पर पहुँच गए। अब युवती को वसीम पर पूरा भरोसा हो गया था। युवती और उसके भाई ने मिलकर घर बनाया था और युवती ब्यूटी पार्लर चलाती थी। पार्लर और घर दोनों बेच दिया और सऊदी की फ्लाइट पकड़ने दिल्ली पहुँच गई।

दिल्ली एयरपोर्ट पर वसीम के पापा और भाभी मिले, उनके साथ एक और शख्स था। तीनों ने युवती को फ्लाइट पकड़ने के तरीके सिखाए। छह घंटे में सऊदी अरब पहुँच गई, यहाँ वसीम से पहली मुलाकात हुई। वह दिखने में हिंदू ही था, बात-बात में भगवान का नाम भी लेता था।

युवती ने वसीम को फोन पर बात करते हुए ‘पैकेज’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए सुना। यहाँ ‘पैकेज’ हिंदू लड़कियों को बोला जा रहा था, जो भारत से सऊदी लाई जा रही थीं।

युवती ने आगे बताया कि उसे सऊदी अरब में अल-बदीहा के एक मकान में रखा गया। मकान में पहुँचते ही वसीम ने युवती को मंगलसूत्र पहनाया और माँग भर दी। इस वक्त तक युवती ने जीवनभर के सपने संजो लिए थे। लेकिन तभी वसीम को कॉल पर बात करते सुना, “(युवती का नाम लेते हुए बोला) वो आ चुकी है और धर्म बदलने के लिए तैयार है।” इतना सुनते ही युवती घबरा गई।

युवती को तब वसीम की असलियत पता लगी कि राजू राठौड़ असल में मुस्लिम है। वह युवती को आयशा बनाना चाहता था। युवती ने विरोध किया तो मारपीट की गई। अश्लील वीडियो बनाया और वायरल करने को ब्लैकमेल किया। युवती का फोन भी छीन लिया और उसे फ्लैट में तीन दिन तक बंद कर रखा।

तीन दिन बाद फ्लैट में छांगुर का चेला बदर अख्तर सिद्दीकी आया। वह सऊदी में धर्मांतरण का नेटवर्क संभालता था। बदर और वसीम को आपस में बात करते सुना तो पता लगा कि युवती को यहाँ तक लाने के लिए ₹15 लाख रुपए मिले थे।

कर्नाटक वापस आकर भी प्रताड़ना जारी रही

सऊदी अरब में युवती पर तीन महीने तक रोजाना जुल्म ढहाए गए। अब युवती का टूरिस्ट वीजा खत्म हो चुका था। तो युवती वापस कर्नाटक आकर किराए के मकान में रहने लगी। यहाँ युवती रोजाना इस खौफ में रहती कि कहीं उसका वीडियो वायरल तो नहीं हो गया। पार्लर में असिस्टेंट की नौकरी करने लगी।

लेकिन वसीम की धमकियाँ यहाँ आकर भी नहीं रुकी। रोजाना कॉल पर पैसे माँगने लगा, कभी कोई मर गया तो कभी कोई बीमार है। ढाई साल तक यह सिलसिला चलता गया। हिम्मत कर कर्नाटक पुलिस को शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने युवती के दिए नंबरों पर फोन किया।

इसके बाद युवती को जान से मारने की धमकियाँ मिलने लगी। युवती को सहारनपुर बुला लिया गया, जहाँ वसीम के घरवाले रहते थे। मई 2024 में युवती सहारनपुर पहुँची थी। यहाँ युवती का सच से वास्ता हुआ। असल में जिसे वसीम की भाभी समझा, वह तो वसीम की बीवी थी। यहाँ पूरे गाँव में वसीम का कुनबा था।

यहाँ युवती को बँधक बनाकर रखा गया। घर का हर सदस्य युवती को धर्म बदलने के लिए धमकाते रहे। युवती अगर पुलिस के पास पहुँचती भी तो पुलिस दोबारा उसे वसीम के घर छोड़ जाती थी। फिर दोबारा धमकाने और मारपीट शुरू कर दी जाती।

गोमांस परोसा, सिगरेट से जलाया और वसीम के रिश्तेदारों ने गैंगरेप किया

एक रोज घरवालों ने युवती के सामने गोमांस परोस दिया। युवती ने हाथ लगाने से इनकार किया तो लातों और बेल्टों से पीटा। इतना ही नहीं अगले दिन जब युवती बाहर निकली, तो 12-14 लोगों ने गाड़ी मे डालकर ले गए। मुँह पर कपड़ा और हाथ-पैर बाँधकर गैंगरेप किया गया।

आरोपित वसीम के चाचा, दोस्त और कई रिश्तेदार थे। इसका वीडियो भी बनाया गया। खाली प्लॉट में ले जाकर चाकू-लातों-बेल्ट से मारा। हिंदू धर्म को गालियाँ दी। युवती की हालत बहुत खराब हो गई, सारी हड्डियाँ चूर हो चुकी थी।

छांगुर पीर के अड्डे पर ले गए

इसके बाद छांगुर पीर के अड्डे पर ले जाया गया। छांगुर ने देखते ही पहली बात कही- “अरे, इसे चेहरे पर क्यों मारा। उसे तो ठीक रखना था, वरना खरीदेगा कौन। अब ले जाओ। इसका इलाज करवाओ और चाहे जितने पैसे लगें। रूहानी इलाज मैं कर देता हूँ।” इतना कहते ही युवती को एक तावीज पहना दिया।

युवती को अस्पताल में गलत जानकारी से भर्ती करा दिया गया। वहाँ से घसीट-घसीटकर फिर एक बार भागी और सीधा कचहरी पहुँची। यहाँ हिंदू संगठन विश्व हिंदू रक्षा परिषद के गोपाल राय से युवती की मुलाकात हुई। गोपाल राय ने युवती को न्याय दिलाने में मदद की।

अब 03 जून 2025 को लखनऊ के गोमतीनगर में युवती ने घर वापसी कर ली है। छांगुर भी गिरफ्तार किया जा चुका है। लेकिन आज भी युवती छांगुर और उसके गुर्गों के खौफ में रहती है। युवती सहारनपुर में उसी घर में रहती है, जहाँ वसीम के घरवालों ने प्रताड़ना की थी।

युवती बताती है कि अब वह घर-घर जाकर पार्लर का काम करती है। लेकिन सड़क पर चलते आज भी भद्दे इशारे किए जाते हैं, तो कोई सिगरेट का धुआँ फेंकता है। युवती को अलग-अलग नंबर से धमकियाँ भी मिलती हैं। युवती को डर है कि जब तक छांगुर के गुर्गे बाहर खुला घूम रहे हैं, तब तक कभी-भी उसकी हत्या की जा सकती है।

युवती का यही कहना है कि वह अनाथ थी, लेकिन परिवार के सपने ने उसे अकेला भी बना दिया।

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