रॉबर्ट वाड्रा, जमीन घोटाला

कॉन्ग्रेस महासचिव और वायनाड की सांसद प्रियंका गाँधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा को गुरुग्राम में 3.5 एकड़ जमीन रिश्वत में मिली थी। बाद में यह जमीन वाड्रा ने 58 करोड़ रुपए में रियल एस्टेट कंपनी DLF को बेच दी। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में यह खुलासा किया है।

यह जमीन गुरुग्राम के सेक्टर 83 में है। वाड्रा ने जमीन के बदले 7.5 करोड़ रुपए भुगतान का दावा किया था। लेकिन यह चेक कभी क्लियर ही नहीं हुआ। चार्जशीट में कहा गया है कि सोनिया गाँधी के दामाद होने का फायदा वाड्रा को मिला। इसके कारण हरियाणा के तत्कालीन कॉन्ग्रेसी मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा उनके प्रभाव में थे।

रॉबर्ट वाड्रा पर ED की चार्जशीट

ED ने 17 जुलाई 2025 को यह चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें कहा गया है कि ओंकारेश्वर प्रॉप्रटीज प्राइवेट लिमिटेड (OPPL) ने जमीन स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड (SLHPL) को रिश्वत के तौर पर दी थी ताकि SLHPL के निदेशक रॉबर्ट वाड्रा अपनी व्यक्तिगत पहुँच का इस्तेमाल कर हरियाणा के तत्कालीन ‘नगर एवं ग्राम नियोजन’ मंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से OPPL को उसी गाँव में हाउसिंग लाइसेंस दिला सकें।

इससे पहले ED ने बताया था कि उन्होंने वाड्रा से जुड़ी 37 करोड़ रुपए की संपत्तियाँ अटैच की थी। इसमें वाड्रा और 10 अन्य लोगों पर 58 करोड़ रुपए की ‘अपराध की कमाई’ को मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए सफेद करने का आरोप है।

प्रियंका गाँधी तक पहुँची जाँच की आँच

इस मामले में वायनाड की सांसद प्रियंका गाँधी वाड्रा तक भी जाँच की आँच पहुँच गई है। ED की चार्जशीट में फरीदाबाद के अमीपुर गाँव में 39.7 एकड़ की 3 हाई-वैल्यू संपत्तियों का जिक्र है, जिनकी जानकारी प्रियंका ने चुनावी हलफनामे में नहीं दी है। यह मामला केरल हाई कोर्ट में है और अदालत ने नोटिस भी जारी किया है। गौरतलब है कि चुनावी हलफनामे में झूठी या अधूरी जानकारी देने को ‘भ्रष्ट आचरण’ के तौर पर देखा जाता है और इसमें अयोग्यता और जेल की सजा हो सकती है।

कैसे खुला रॉबर्ट वाड्रा का फर्जीवाड़ा?

ED की जाँच के दौरान हरियाणा सरकार के अधिकारियों और OPPL के प्रमोटरों सहित कम से कम 20 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। इन लोगों ने शुरू में दावा किया था कि वाड्रा ने जमीन के लिए 7.5 करोड़ रुपए का भुगतान किया था, लेकिन ED ने इस बयान को झूठा बताया है।

ED ने गुरुग्राम पुलिस से वाड्रा के इस कथित भुगतान की जाँच करने को कहा। जाँच में पुलिस उपायुक्त ने पाया कि SLHPL ने OPPL से 3.53 एकड़ ज़मीन 12 फरवरी 2008 को सेल डीड नंबर 4928 के जरिए खरीदी थी। कागजों में दिखाया गया कि भुगतान चेक नंबर 607251 से किया गया है, लेकिन यह चेक कभी क्लियर ही नहीं हुआ। इसके 6 महीने बाद एक और चेक से रकम दी गई।

यह चेक Skylight Realty Pvt Ltd (SLRPL) का था, न कि खरीददार कंपनी SLHPL का। SLHPL की पूँजी केवल 1 लाख थी और SLRPL के खाते में भी 7.5 करोड़ रुपए नहीं थे। 45 लाख का स्टांप ड्यूटी भी बेचने वाले ने दी थी, न कि वाड्रा की कंपनी ने। ईडी के अनुसार, रजिस्ट्री में झूठा भुगतान दिखाकर सौदा बेनामी तरीके से किया गया।

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