रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार (18 अगस्त 2025) को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया। इस बातचीत में पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ अलास्का में हुई अपनी मुलाकात का ब्योरा साझा किया। पुतिन ने यूक्रेन संघर्ष को लेकर चल रही स्थिति पर भी चर्चा की।
पीएम मोदी ने इस दौरान भारत के उस रुख को दोहराया, जिसमें यूक्रेन विवाद का समाधान बातचीत और कूटनीति से करने की वकालत की गई है। उन्होंने कहा कि भारत इस दिशा में हर संभव प्रयास का समर्थन करता है।
पीएम मोदी ने पुतिन को उनकी विस्तृत जानकारी के लिए धन्यवाद दिया और भारत-रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग के कई मुद्दों पर बात की, जिसमें व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और अन्य क्षेत्र शामिल रहे।
इस बातचीत का मकसद दोनों देशों के बीच रिश्तों को और गहरा करना था। पीएम मोदी ने पुतिन को इस साल के अंत में भारत आने का निमंत्रण भी दिया, ताकि 23वाँ भारत-रूस शिखर सम्मेलन हो सके।
पीएम मोदी ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि वह पुतिन के साथ निरंतर बातचीत की उम्मीद करते हैं। इस कॉल से भारत की कूटनीतिक स्थिति और मजबूत हुई, जो वैश्विक मंच पर शांति और सहयोग को बढ़ावा देती है। यह बातचीत भारत-रूस संबंधों को और प्रगाढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
Thank my friend, President Putin, for his phone call and for sharing insights on his recent meeting with President Trump in Alaska. India has consistently called for a peaceful resolution of the Ukraine conflict and supports all efforts in this regard. I look forward to our…
— Narendra Modi (@narendramodi) August 18, 2025
इस कॉल से पहले पुतिन ने बेलारूस, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और चीन के नेताओं से भी यूक्रेन मुद्दे पर बात की थी। यह बातचीत ऐसे समय में हुई, जब अमेरिका ने भारत के रूसी तेल आयात पर 50% टैरिफ लगाया है। भारत ने इसका जवाब देते हुए कहा कि वह अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए बाजार आधारित निर्णय लेता है। दोनों नेताओं ने सहमति जताई कि वे भविष्य में भी लगातार संपर्क में रहेंगे।