पूरा मामला
दरअसल, भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 25 से 27 जून के बीच चीन के क़िंगदाओ शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने गए थे। इस बैठक में रूस, ईरान, पाकिस्तान और अन्य सदस्य देशों के रक्षा मंत्री भी मौजूद थे।
यह दौरा ऐसे समय में हुआ जब भारत और चीन अपने संबंधों को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं ताकि दोनों देशों के बीच यात्रा और वाणिज्य संबंधों के साथ-साथ बातचीत के माध्यमों को भी वापस शुरू किया जा सके।
इसी दौरान, पाकिस्तान से जुड़े कुछ सोशल मीडिया हैंडल्स ने एक झूठी खबर फैलाई कि SCO के तहत चीन, रूस, ईरान और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) स्तर की एक गोपनीय बैठक हुई, जिसमें भारत को बुलाया नहीं गया। उन्होंने इस फर्जी दावे को भारत की ‘कूटनीतिक हार’ और पाकिस्तान की ‘जीत’ के तौर पर पेश किया।
हालाँकि, सच यह है कि इस खबर की कहीं कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है, जिससे यह तो साफ है कि यह खबरें केवल भ्रामक प्रचार का हिस्सा हैं।


एक रिपोर्ट में तो इस घटनाक्रम को “रणनीतिक संरेखण में एक बड़ा बदलाव” तक करार दे दिया गया।

डी-इंटेंट डेटा के अनुसार किसी भी विश्वसनीय स्रोत ने शिखर सम्मेलन में चार देशों के बीच ऐसी किसी बैठक की सूचना नहीं दी।
and lack support from any credible, verified, or official sources. Additionally, as per reports, during the SCO Defence Ministers' Meeting in China, India declined to sign the joint statement as it did not adequately address its concerns regarding terrorism. (2/3) pic.twitter.com/ZdNGQa8rPA
— D-Intent Data (@dintentdata) June 30, 2025
बता दें कि 26 जून 2025 को चीन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की जो बैठक हुई थी, उस पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एक कड़ा रुख अपनाया और उस साझा बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया, क्योंकि उसमें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए उस आतंकी हमले का कोई जिक्र नहीं था, जिसमें 26 निर्दोष हिंदू पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी।
इस संयुक्त बयान में न तो भारत की आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति को दर्शाया गया और न ही पीड़ितों को न्याय दिलाने की कोई बात की गई। हाँ लेकिन पाकिस्तान के कहने पर बयान में बलूचिस्तान की स्थिति का उल्लेख जरूर किया गया।
राजनाथ सिंह ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए सभी सदस्य देशों से आह्वान किया कि वे आतंकवाद के खात्मे के लिए एकजुट हों, ताकि पूरे क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। इसके बावजूद, SCO ने अपने आधिकारिक बयान में पहलगाम हमले उल्लेख करना जरुरी नहीं समझा।