आयोग का कहना है कि मतदाता सूची में कोई भी नाम कानूनी प्रमाण के बिना न ही हटाया या जोड़ा जा सकता। मतदाता सूची कानून का सख्ती से पालन करते हुए तैयार की जाती है। इसमें नाम जोड़ना या हटाना ‘मतदाता पंजीकरण 1960’ के तहत किया जाता है। बिहार में SIR को लेकर चुनाव आयोग का कहना है कि 14 अगस्त तक एक भी शिकायत किसी राजनीतिक पार्टी ने दर्ज नहीं कराई है।
BIHAR SIR 2025: DAILY BULLETIN
1st Aug (3 PM) till 14th Aug (9 AM)
Read in detailhttps://t.co/wUWZbcoTdp pic.twitter.com/UL9oFufoG0
— Election Commission of India (@ECISVEEP) August 14, 2025
विपक्ष संसद से सड़क तक वोटर लिस्ट में नाम काटने के नाम पर बवाल कर रहा है। चुनाव आयोग ने 1 अगस्त से एक महीने तक किसी भी तरह की शिकायत होने पर राजनीतिक दलों को दर्ज कराने को कहा है। 14 दिन बीत जाने के बावजूद अब तक एक भी आपत्ति या शिकायत कोई भी पार्टी दर्ज नहीं करा पाई है।
बिहार में जमीन पर विपक्ष के कार्यकर्ता जो बीएलए हैं, उन्होंने भी प्रक्रिया पर संतुष्टि जताई है। लेकिन राहुल गाँधी को बस चुनाव प्रक्रिया पर हमला कर जनता के लोकतंत्र पर विश्वास को तोड़ने की ही कोशिश में लगे हुए हैं। ये लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है। चुनाव प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग ने स्पष्टीकरण भी दिया है।
These Claims are False and Misleading
#ECIFactCheckRead in detail in image attached
Also reference link of Karnataka CEO: https://t.co/gERrrQucQs https://t.co/FE4jIxf4Ib pic.twitter.com/kyLb0fQPTw— Election Commission of India (@ECISVEEP) August 13, 2025
चुनाव आयोग का कहना है कि ‘एक व्यक्ति एक वोट’ का कानून 1951-1952 में भारत के पहले चुनाव से ही अस्तित्व में है। अगर किसी के पास किसी भी चुनाव में किसी व्यक्ति द्वारा दो बार वोट देने का कोई सबूत है, तो उसे बिना किसी सबूत के भारत के सभी मतदाताओं को “चोर” बताने के बजाय, एक लिखित हलफनामे के साथ चुनाव आयोग के साथ साझा किया जाना चाहिए।
आयोग ने वोट चोर शब्द पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा, “हमारे मतदाताओं के लिए ‘वोट चोर’ जैसे गंदे शब्दों का इस्तेमाल करके एक झूठी कहानी गढ़ने की कोशिश करना लाखों चुनाव कर्मचारियों की ईमानदारी पर भी हमला है। साथ ही ये करोड़ों भारतीय मतदाताओं पर सवाल खड़े करना है। चुनाव आयोग का जवाब कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने ‘वोट चोरी’ का आरोप चुनाव आयोग पर लगाया था।