भारत ने अपनी सबसे बड़ी रक्षा योजना की शुरुआत की है। यह योजना पिछले कुछ महीनों में हुए आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद सामने आई है। नरेंद्र मोदी सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी रक्षा योजना पेश की है, जिसके तहत भारतीय सेना, वायुसेना, और नौसेना को अत्याधुनिक तकनीक और उपकरणों से सुसज्जित किया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय ने इस 15 साल के रोडमैप को तैयार किया है, जिसमें लाखों डॉलर और नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। इस प्लान में परमाणु-संचालित युद्धपोत, अगली पीढ़ी के टैंक, हाइपरसोनिक मिसाइलें, स्टील्थ बॉम्बर ड्रोन और AI-आधारित हथियार शामिल हैं।
क्या है इस 15-वर्षीय रक्षा प्लान की खास बातें?
रक्षा मंत्रालय के रोडमैप के अनुसार, भारतीय सेना को भविष्य के लिए पूरी तरह से तैयार किया जाएगा। इसमें अलग-अलग सेनाओं के लिए विशेष हथियार और उपकरण शामिल किए गए हैं। थल सेना (आर्मी) को लगभग 1,800 भविष्य के टैंक मिलेंगे, जो पुराने T-72 टैंकों की जगह लेंगे। पहाड़ों में लड़ाई के लिए 400 हल्के टैंक, 50000 टैंक-रोधी मिसाइलें और 700+ रोबोटिक काउंटर-IED सिस्टम भी खरीदे जाएँगे। इन उपकरणों से सेना की युद्ध क्षमता में जबरदस्त वृद्धि होगी।
वहीं, भारत की नौसेना (नेवी) को भी इस योजना में बड़ा स्थान मिला है। इसमें एक नया एयरक्राफ्ट कैरियर, 10 नए फ्रिगेट, 7 एडवांस कोरवेट और 4 लैंडिंग डॉक प्लेटफॉर्म मिलेंगे। इसके साथ ही, नौसेना को न्यूक्लियर प्रोपल्शन वाले युद्धपोत भी मिलेंगे। एयरक्राफ्ट कैरियर की बढ़ती संख्या से भारतीय नौसेना की ताकत और बढ़ेगी, जो भारत को समुद्र के इलाके में ज्यादा प्रभावी बना देगा।
वायु सेना (एयर फोर्स) के लिए भी इस योजना में कई बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। इसमें 75 हाई-एल्टीट्यूड प्सूडो सैटेलाइट्स, 150 स्टील्थ बॉम्बर ड्रोन और 100+ रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट मिलेंगे। इसके अलावा, हाई-पॉवर वाली लेजर सिस्टम और निर्देशित ऊर्जा हथियारों का भी अधिग्रहण किया जाएगा, जिससे वायुसेना की युद्ध क्षमता और बढ़ेगी।
भारत की नई रक्षा योजना में बहुत सारी नई और एडवांस तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा, जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), हाइपरसोनिक मिसाइल और अंतरिक्ष से जुड़ी युद्ध प्रणाली। इन तकनीकों से भारत को आने वाले युद्धों के लिए तैयार किया जाएगा। इसमें साइबर सुरक्षा, सेटेलाइट के जरिए संवाद और ड्रोन को रोकने वाली तकनीक भी शामिल है।
‘मेक इन इंडिया’ पर जोर
इस योजना में सरकार ने ‘मेक इन इंडिया‘ का महत्व बताया है। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय कंपनियों को सरकार के साथ मिलकर इन नई तकनीकों को बनाने में मदद करनी चाहिए। साथ ही, सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों को आपस में मिलकर काम करना चाहिए ताकि देश में ज्यादा चीजें बनाई जा सकें।
आतंकवाद के खिलाफ बड़ा कदम
यह बड़ा रक्षा प्लान ऐसे समय में आया है जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान को सबक सिखाया है। इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान और POK में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे। हालाँकि पाकिस्तान ने भी जवाब में ड्रोन और रॉकेट से हमला किया, लेकिन भारत की मजबूत हवाई सुरक्षा प्रणाली ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के फौजी ठिकानों को निशाना बनाया और मजबूरन पाकिस्तान को युद्धविराम करना पड़ा।
यह विशाल रक्षा बूस्ट प्लान, भारत की तरफ से पाकिस्तान को एक स्पष्ट चेतावनी है कि किसी भी तरह की गुस्ताखी की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। यह दिखाता है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई तेज करने और किसी भी आपात स्थिति के लिए खुद को मजबूत करने के लिए तैयार है।