शांति दूत बनने की होड़ में आगे बढ़ रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब रूस को धमकी दे डाली है। हर देश में संघर्ष रुकवाने का श्रेय लेने वाले ट्रंप ने कहा है कि अगर 50 दिन के अंदर रूस यूक्रेन के साथ शांति समझौता नहीं करता है तो इसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ेगा।
डोनाल्ड ट्रंप ने नाटो (NATO) के सेक्रेटरी जनरल मार्क फ्रूट से नाटो के ओवल कार्यालय में बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा है कि शांति समझौता न करने पर रूस के सामानों पर 100% तक टैरिफ लगाया जाएगा।
President Donald J. Trump hosts a meeting with NATO Secretary General @SecGenNATO Mark Rutte in the Oval Office.
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— The White House (@WhiteHouse) July 14, 2025
इसे लेकर व्हाइट हाउस की ओर से भी एक बयान जारी हुआ है। इस बयान में सेकेंड्री टैरिफ की बात को भी शामिल किया गया है। असल में सेकेंड्री टैरिफ से मतलब उन देशों पर है जो रूस से तेल समेत अन्य सामान आयात करते हैं।
ट्रंप ने कहा है कि रूस से तेल समेत अन्य व्यापार करने वाले देशों पर सेकेंड्री टैरिफ चुकाना होगा। गौरतलब है कि इन देशों में भारत भी शामिल है। अमेरिका को भारत के रूस से तेल लिए जाने पर पहले भी आपत्ति रही है। हालाँकि भारत ने इस आपत्ति को दरकिनार करते हुए रूस से तेल आयात करना जारी रखा है।
व्हाइट हाउस के अनुसार, यदि 50 दिनों के अंदर रूस, यूक्रेन के साथ अपने संघर्षों पर कोई समझौता नहीं कर पता है तो न केवल रूस पर बल्कि उसके साथ व्यापार करने वाले अन्य देशों पर भी बड़े और कड़े टैरिफ लगाए जाएँगे।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को रोकने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार कोशिश हो चुके हैं, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है। इसके बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव बनाने के लिए ट्रंप ने अपना ‘टैरिफ बम’ फोड़ा है।
बताते चलें कि अमेरिका की ओर से अब तक 25 देश पर टैरिफ की घोषणा की जा चुकी है। कई देशों में डोनाल्ड ट्रंप ने अपने टैरिफ की बात पत्र लिखकर भेजी है। ट्रंप के टैरिफ की नई दरें 1 अगस्त 2025 से लागू की जाएँगी।
हालाँकि इनमें कई देश ऐसे भी हैं जिनको टैरिफ की सूची से अब तक बाहर रखा गया है जिसमें रूस भी अब तक शामिल था। ट्रंप की इस नई शर्त के सामने रूस क्या प्रतिक्रिया देगा, यह जानना दिलचस्प होगा क्योंकि इससे पहले भी ट्रंप की बात को खारिज कर दिया था।
किन देशों पर लगे हैं टैरिफ
ट्रंप ने अपने ‘बिग ब्यूटीफुल बिल’ के तहत कई देशों पर 20 से 50% तक टैरिफ लगाया है। इसके तहत जापान, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, फिलीपींस, कजाकिस्तान, ट्यूनीशिया, ब्रुनेई, माल्दोवा पर 25% टैरिफ, श्रीलंका, लीबिया, अल्जीरिया, दक्षिण अफ्रीका, इराक, हर्जेगोविना के साथ यूरोपीय यूनियन के देशों में 30% टैरिफ, इंडोनेशिया पर 32% टैरिफ, कनाडा, बांग्लादेश और सर्बिया पर 35% टैरिफ, थाईलैंड और कंबोडिया पर 36% टैरिफ, म्यांमार और लाओस पर 40% और ब्राजील में 50% तक टैरिफ की दरें शामिल की गई हैं।
रूस को धमकी, यूक्रेन को हथियार
एक तरफ रूस को टैरिफ की धमकी देकर ट्रंप दूसरी ओर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ दोस्ती प्रगाढ़ करने की कोशिश कर रहे हैं। ट्रंप ने यूक्रेन को आर्थिक और तकनीकी यहयोग देने की बात कही है।
President Trump on Ukraine: "We make the best equipment, the best missiles… the European nations know that… We've made a deal today where we're going to be sending them weapons and they're going to be paying for them. The United States will NOT be having any payment made." pic.twitter.com/oKYzkKW4Is
— The White House (@WhiteHouse) July 14, 2025
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा, ‘नाटो के जरिए कई हजार करोड़ डॉलर के अमेरिकी हथियार यूक्रेन के युद्धक्षेत्र में पहुँच रहे हैं। इसमें एयर डिफेंस, मिसाइल और ड्रोन टेक्नोलॉजी शामिल हैं।’
ट्रंप के विशेष दूत कीथ कैल्लॉग भी कीव पहुँचे हैं। उन्होंने राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात को ‘प्रोडक्टिव’ बताया और कहा कि अब अमेरिका, यूरोप और यूक्रेन मिलकर डिफेंस प्रोडक्शन और खरीद में भी साझेदारी करेंगे।