रतलाम ईसाई धर्मांतरण

मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में इलाज और प्रार्थना के बहाने जनजातीय समुदाय के लोगों पर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बनाए जाने का मामला सामने आया है। यहाँ लोगों से कहा जाता था कि दवा से ठीक ना हो तो प्रभु यीशु की प्रार्थना करो और ईसाई बन जाओ। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों पर केस दर्ज किया है, जिनमें से तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं एक अब भी फरार है।

शुक्रवार (5 सितंबर 2025) को रतलाम के औद्योगिक क्षेत्र स्थित टैंकर रोड पर एक झोपड़ी में प्रार्थना और इलाज के नाम पर जनजातीय महिलाओं और बच्चों को इकट्ठा किया गया था। सूचना मिलने पर हिंदू संगठनों के लोग वहाँ पहुंचे, तो उन्हें वहाँ बाइबल और क्रॉस मिले। कई लोगों की आँखों पर कपड़ा बाँधकर, सिर पर हाथ रखकर सामूहिक प्रार्थना करवाई जा रही थी। इनमें 18 साल से कम के लोग भी थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विरियाखेड़ी निवासी कैलाश निनामा, जो कि अनुसूचित जनजाति से हैं और मजदूरी करते हैं, उन्होंने पुलिस को बताया कि 4-5 महीने पहले बीमार होने पर वे मेडिकल कॉलेज इलाज के लिए गए थे। वहाँ उनकी मुलाकात जगदीश निनामा से हुई। जगदीश ने कहा कि अगर दवाइयों से फायदा न हो, तो प्रभु यीशु की प्रार्थना से राहत मिलेगी।

बाद में जगदीश ने कैलाश को बताया कि हर शुक्रवार को उसके भाई विक्रम के घर पर प्रार्थना होती है और वहाँ आकर वह भी ठीक हो सकते हैं। शुक्रवार (5 सितंबर) को कैलाश विक्रम के घर शिवनगर पहुँचे, जहाँ पहले प्रार्थना हुई, फिर प्रसाद दिया गया।

इसके बाद कैलाश ने बताया कि वहाँ मौजूद लोगों में शामिल जगदीश, विक्रम, मांगीलाल और अन्य ने उन पर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बनाया। कहा गया कि प्रार्थना से कई लोगों की बीमारियाँ ठीक हुई हैं। कैलाश का कहना है कि वहाँ का प्रसाद खाने से उनका मानसिक संतुलन भी बिगड़ गया।

पुलिस ने धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर तीन आरोपितों गंगासागर निवासी जगदीश निनामा, शिवनगर निवासी विक्रम निनामा और राजस्थान निवासी मांगीलाल को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, मौके से मुख्य आरोपी ‘डॉक्टर’ विक्रम फरार हो गया है।

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