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मेडिकल हॉस्टल में खाना खा रहे थे डॉक्टर, जब छत में घुसा एयर इंडिया का विमान: 240+ मौतें, पीड़ित परिजनों को ₹1-1 करोड़ देगा TATA; जानिए अब तक क्या हुआ


अहमदाबाद प्लेन क्रैश

गुजरात के लिए गुरुवार (12 जून 2025) का दिन एक काला दिन बन गया। अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 टेक-ऑफ के चंद मिनटों बाद ही क्रैश हो गई।

इस विमान में 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर्स यानी कुल 242 लोग सवार थे। इनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के बड़े नेता विजय रूपाणी भी शामिल थे। विजय रूपाणी इस फ्लाइट में बिजनेस क्लास की 2D सीट पर सवार थे।

हादसा इतना भयानक था कि पूरा शहर सन्न रह गया। विमान मेघाणी नगर के रिहायशी इलाके में बीजे मेडिकल कॉलेज की मेस बिल्डिंग और अतुल्यम हॉस्टल से टकराया, और देखते ही देखते आग का गोला बन गया। चारों तरफ धुआँ, मलबा और चीख-पुकार फैल गई।

इस हादसे में सिर्फ एक यात्री रमेश विश्वास कुमार किसी चमत्कार से जिंदा बचा। बाकी 241 लोगों की मौत की खबर ने पूरे देश को झकझोर दिया। हालाँकि कई रिपोर्ट्स में दावा है कि बचने वालों की संख्या 2 है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, हादसा दोपहर करीब 1:38 बजे हुआ। फ्लाइट बोइंग 787 ड्रीमलाइनर थी, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर VT-ANB था। एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल को ‘मेडे’ कॉल भेजी। ये कॉल तब दी जाती है, जब विमान में कोई बहुत बड़ी तकनीकी खराबी हो और जान का खतरा हो। लेकिन इसके बाद विमान से संपर्क टूट गया। विमान सिर्फ 625 फीट की ऊँचाई तक पहुँचा था और फिर अचानक नीचे आ गिरा।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विमान हवा में डगमगाया और फिर जोरदार धमाके के साथ क्रैश हो गया। मेघाणी नगर में जहाँ विमान गिरा, वहाँ की इमारतें हिल गईं। आसपास के लोग दौड़े, लेकिन आग और धुएँ ने सबकुछ तबाह कर दिया। हादसे के समय मेडिकल कॉलेज में छात्र भोजन कर रहे थे।

हादसे की खबर मिलते ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर जी.एस. मलिक ने बताया कि अब तक 204 शव बरामद हो चुके हैं। 41 लोग घायल हैं, जिनका सिविल और प्राइवेट अस्पतालों में चल रहा है। मरने वालों की पहचान के लिए DNA टेस्ट किए जा रहे हैं। क्योंकि हादसा इतना भयानक था कि कई शवों को पहचान पाना मुश्किल हो गया है। राहत और बचाव के लिए NDRF, BSF और आर्मी की टीमें दिन-रात लगी हैं।

रैपिड एक्शन फोर्स और CRPF के 100 से ज्यादा जवान मलबा हटाने और लोगों को बचाने में जुटे हैं। दमकल की सात गाड़ियों ने आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक बहुत कुछ जलकर खाक हो चुका था।

हादसे में जिंदा बचे इकलौते यात्री रमेश विश्वास कुमार की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं। रमेश ने बताया, “विमान में धमाका हुआ, और चारों तरफ आग फैल गई। मुझे कुछ समझ नहीं आया। एंबुलेंस में मुझे अस्पताल लाया गया। मुझे यकीन नहीं होता कि मैं जिंदा हूँ। ये किसी करिश्मे जैसा है।” रमेश का इलाज अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में चल रहा है। उनकी हालत नाज़ुक है, लेकिन वो जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। उनकी बातें सुनकर हर कोई हैरान है कि इतने बड़े हादसे में कोई कैसे बच सकता है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, विमान में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक सवार थे। हादसे की खबर मिलते ही लोग अपने अपनों की खबर लेने के लिए अस्पतालों की ओर दौड़े। भावना पटेल नाम की एक महिला ने बताया कि उनकी बहन इस फ्लाइट में थी। वो रोते हुए अपनी बहन की हालत जानने की कोशिश कर रही थीं। ऐसे कई परिवार हैं जो अपनों को खोने के गम में डूबे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर गहरा दुख जताया। उन्होंने ट्वीट किया, “अहमदाबाद का हादसा दिल दहलाने वाला है। मेरी संवेदनाएँ पीड़ित परिवारों के साथ हैं।” उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह और नागरक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू से बात की और राहत कार्य तेज करने को कहा। गृहमंत्री अमित शाह शाम के समय हादसे वाली जगह पर भी पहुँचे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी शोक जताते हुए कहा, “ये हादसा दिल तोड़ने वाला है। पूरा देश पीड़ितों के साथ खड़ा है।”

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घायलों के जल्द ठीक होने की कामना की। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भी दुख जताया, क्योंकि विमान में कई ब्रिटिश नागरिक सवार थे।

एयर इंडिया ने हादसे की पुष्टि की और हेल्पलाइन नंबर 1800-5691-444 जारी किया। नागरक उड्डयन मंत्रालय ने कंट्रोल रूम बनाया, जिसके नंबर 011-24610843 और 9650391859 हैं।

एयर इंडिया के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने कहा, “हम प्रभावित परिवारों को हर मुमकिन मदद दे रहे हैं।” विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो की टीम हादसे की जाँच के लिए अहमदाबाद पहुँच चुकी है। DGCA के मुताबिक, विमान के दोनों पायलट अनुभवी थे। कप्तान के पास 8,200 घंटे और को-पायलट के पास 1,100 घंटे का उड़ान अनुभव था। लेकिन फिर भी ये हादसा कैसे हुआ, ये सवाल सबके मन में है।

हादसे के तुरंत बाद अहमदाबाद एयरपोर्ट पर सभी उड़ानें रोक दी गई थी, हालाँकि शाम तक सीमित संख्या में उड़ाने फिर से शुरू कर दी गईं। विमान ने दिल्ली से अहमदाबाद के लिए उड़ान भरी थी, और कुछ देर रुकने के बाद लंदन रवाना हुआ था। हादसे की वजह से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मची है। मेघाणी नगर के लोग अब भी सदमे में हैं। वहाँ की गलियाँ मलबे और दुख से भरी पड़ी हैं।

ये हादसा भारत के लिए एक बहुत बड़ा झटका है। विजय रूपाणी जैसे बड़े नेता का जाना और 241 लोगों की मौत ने हर किसी को स्तब्ध कर दिया। गुजरात ही नहीं, पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है। लोग सोशल मीडिया पर शोक जता रहे हैं। बीजेपी के गुजरात अध्यक्ष सीआर पाटिल ने भी रूपाणी के निधन की पुष्टि की और कहा कि ये पार्टी के लिए बड़ा नुकसान है।

अब सबकी नजरें जाँच पर टिकी हैं। आखिर इतना बड़ा हादसा हुआ कैसे? क्या तकनीकी खराबी थी या कोई और वजह? इन सवालों के जवाब मिलने में वक्त लगेगा। लेकिन इस हादसे ने एक बार फिर बता दिया कि जिंदगी कितनी अनिश्चित है। जो लोग सुबह अपने घरों से निकले, उन्हें क्या पता था कि वो कभी लौटकर नहीं आएँगे। पूरा देश इस दुख में पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है। और उम्मीद है कि रमेश विश्वास जैसे लोग जिंदगी की इस जंग को जीत जाएँगे।



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