बंगाल आरक्षण

कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की नई आरक्षण सूची जारी करने पर रोक लगा दी है। यह नई सूची राज्य की सत्तारूढ़ ममता बनर्जी सरकार ने बनाई है। इसमें 76 जातियों को जगह दी गई है। इनमें से 85%+ जातियाँ मुस्लिम थीं। कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले पर भाजपा नेताओं ने प्रसन्नता व्यक्त की है।

कलकत्ता हाई कोर्ट की जस्टिस तपब्रत चक्रवर्ती और जस्टिस राजशेखर मंथा की बेंच ने मंगलवार (17 जून, 2025) को यह निर्णय सुनाया। बेंच ने बंगाल सरकार की इस नई OBC आरक्षण लिस्ट के जारी किए जाने पर रोक लगाई है। यह रोक अंतरिम तौर पर लगाई गई है जो 31 जुलाई, 2025 तक जारी रहेगी।

कलकत्ता हाई कोर्ट ने इसी के साथ बंगाल सरकार के पोर्टल पर भी रोक लगा दी है। बंगाल सरकार ने इस पोर्टल के जरिए जातियों के आवेदन खोले थे। इस मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई, 2025 तक है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने यह निर्णय एक याचिका पर सुनाया है।

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि पश्चिम बंगाल नई सूची में फिर से उन जातियों को जोड़ रही है, जिनका आरक्षण पिछली बार कलकत्ता हाई कोर्ट ने खत्म कर दिया था। इस फैसले का राज्य के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने स्वागत किया है।

उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “मैं ममता बनर्जी सरकार द्वारा तैयार की गई नई OBC सूची में 76 मुस्लिम वर्गों को शामिल करने पर रोक लगाने के ऐतिहासिक निर्णय के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ। यह एक अहंकारी राज्य सरकार के खिलाफ न्यायपालिका की एक शानदार जीत है… ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली TMC सरकार की तुष्टिकरण की राजनीति, OBC सूची में लगभग 90% नए मुस्लिम वर्गों के शामिल करने से स्पष्ट है और यह समानता तथा निष्पक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन है।”

उन्होंने कहा कि 2010 में TMC के आने से पहले OBC वर्गों में केवल 20% मुस्लिम थे लेकिन ममता बनर्जी के शासन में यह संख्या आसमान छू गई है। उन्होंने कहा कि इसके चलते आरक्षण के हक़दार हिन्दुओं का हक़ मारा जा रहा है।

भाजपा नेता अमित मालवीय ने इस फैसले को तुष्टिकरण की राजनीति पर चोट बताया है। अमित मालवीय ने इससे पहले कहा था कि ममता बनर्जी की सरकार द्वारा बनाई गई नई 2 सूचियों में 76 में 67 जातियाँ मुस्लिम हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि लिस्ट A में मुस्लिमों को 84% जबकि लिस्ट B में 90% जगह दी गई है।

वहीं मीडिया रिपोर्ट्स ने बताया है ममता सरकार ने 76 में से 74 जातियाँ वही रखी हैं जिनका आरक्षण मई, 2024 में कलकत्ता हाई कोर्ट ने खत्म कर दिया था। ममता बनर्जी की सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुँची थी।



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