न्यायमूर्ति केआर श्रीराम और न्यायमूर्ति सुंदर मोहन की खंडपीठ ने जिन आईएएस अधिकारियों को नोटिस जारी किए, उनके नाम हैं :
- एस मधुमती, सचिव, स्कूल और शिक्षा विभाग
- डॉ बी चंद्रमोहन, सचिव, पर्यटन, संस्कृति, मानव संसाधन और सीई विभाग
- पीएन श्रीधर, आयुक्त, हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती प्रशासन विभाग
- सिबी आदित्य सेंथिलकुमार, जिला कलेक्टर, कुड्डालोर
- इसके अलावा एचआर एंड सीई विभाग के दो संयुक्त आयुक्तों का नाम भी उच्च न्यायालय द्वारा जारी नोटिस में शामिल है। हाईकोर्ट ने इन सभी अधिकारियों को 10 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा है।
बीजेपी के आध्यात्मिक और मंदिर विकास विंग के राज्य सचिव एस विनोद राघवेंद्रन ने ये याचिका दायर की थी। इसमें याचिकाकर्ता ने मद्रास उच्च न्यायालय के अप्रैल 2024 के आदेश का पालन न करने का आरोप लगाया था। अप्रैल 2024 में, उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के अधिकारियों को सेंट जोसेफ स्कूल के लिए वैकल्पिक भूमि खोजने के लिए कहा था।
एस विनोद राघवेंद्रन ने अपनी याचिका में कहा था कि कुड्डालोर में जिस जमीन पर सेंट जोसेफ मैट्रिकुलेशन और हायर सेकेंडरी स्कूल चल रहा है, वह एक हिंदू मंदिर की जमीन है। इसे खाली कराने की कई कोशिशें की गई लेकिन अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका।
मद्रास उच्च न्यायालय में स्कूल ने भी 2009 में रिट याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 4.5 एकड़ जमीन स्कूल को 6 महीने के अंदर आवंटित करने का आदेश सरकार को दिया था। राज्य सरकार के वकील ने न्यायालय को बताया कि वैकल्पिक व्यवस्था अभी तक राज्य सरकार ने नहीं की है। छात्रों को दिक्कत न हो इस पर भी विद्यालय का जोर है।
इसके बाद अप्रैल 2024 में कोर्ट ने स्कूल को वैकल्पिक भूमि उपलब्ध कराने के लिए राज्य को 6 महीने का और वक्त दिया था। लेकिन राज्य सरकार अब तक कोई कदम नहीं उठा पाई।
याचिकाकर्ता एस विनोद रघुनाधरन ने हाईकोर्ट में कहा कि राज्य सरकार की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया है कि स्कूल को कहाँ ले जाएँगे? और न ही ये निश्चित किया गया है कि स्कूल की जमीन से अवैध कब्जा कब हटेगा?