जिनेवा में चल रहे संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के 60वें सत्र में भारत ने स्विट्जरलैंड को कड़ा जवाब दिया। स्विट्जरलैंड ने भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकार और मीडिया की आजादी को लेकर सवाल उठाए थे।
इसके जवाब में भारत ने न सिर्फ इन टिप्पणियों को गलत और भ्रामक बताया, बल्कि स्विट्जरलैंड को अपने देश में नस्लवाद और भेदभाव जैसे मुद्दों पर ध्यान देने की सलाह दी। साथ ही भारत ने इन समस्याओं से निपटने में स्विट्जरलैंड की मदद करने की पेशकश भी की।
मंगलवार (9 सितंबर 2025) को जिनेवा में UNHRC की बैठक में स्विट्जरलैंड ने भारत से अल्पसंख्यकों के अधिकारों और मीडिया की आजादी को लेकर सवाल उठाए। उसने कहा, “हम भारत में सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ मीडिया की स्वतंत्रता के अधिकारों को बनाए रखने की अपील करते हैं।” यह बयान ऐसे समय आया है जब परिषद में वैश्विक मानवाधिकारों पर चर्चा हो रही थी और स्विट्जरलैंड UNHRC की अध्यक्षता कर रहा है।
इस पर बुधवार (10 सितंबर 2025) को भारत के राजनयिक क्षितिज त्यागी ने सख्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हम अपने घनिष्ठ मित्र और साझेदार स्विटजरलैंड की ओर से की गई आश्चर्यजनक और गलत जानकारी पर आधारित टिप्पणियों पर भी प्रतिक्रिया देना चाहेंगे। क्योंकि स्विटजरलैंड UNHRC का अध्यक्ष है, इसलिए उसके लिए यह और भी महत्वपूर्ण है कि वह परिषद का समय ऐसी बातों पर बर्बाद करने से बचे जो सरासर झूठी हैं और भारत की वास्तविकता के साथ न्याय नहीं करतीं।”
UNHRC की पाँचवीं बैठक में बोलते हुए त्यागी ने कहा कि स्विट्जरलैंड को एक अध्यक्ष होने के नाते, झूठे और भ्रामक बयानों से बचना चाहिए। उन्होंने स्विट्जरलैंड में मौजूद नस्लवाद, भेदभाव और जेनोफोबिया (विदेशियों के प्रति डर या नफरत) जैसे मुद्दों की ओर इशारा करते हुए कहा कि उसे पहले अपने आंतरिक हालात पर ध्यान देना चाहिए।
#WATCH | At the 5th Meeting- 60th Session of Human Rights Council, Indian Diplomat Kshitij Tyagi says, "We would also like to respond to the surprising, shallow and ill-informed remarks made by Switzerland, a close friend and partner. As it holds the UNHRC presidency, it is all… pic.twitter.com/22R1vRJg67
— ANI (@ANI) September 10, 2025
भारत की स्थिति को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा, सबसे विविध और जीवंत लोकतंत्र है और भारत की सभ्यता में बहुलता (pluralism) को हमेशा सम्मान मिला है।
उन्होंने आगे कहा, “स्विट्जरलैंड भारत का करीबी मित्र है, लेकिन उसके हालिया बयान गलत और भ्रामक हैं। उसे परिषद का समय बर्बाद नहीं करना चाहिए। बेहतर होगा कि वह अपने देश में मौजूद नस्लवाद, व्यवस्थित भेदभाव और जेनोफोबिया जैसे मुद्दों पर ध्यान दे। भारत, जो विविधता और लोकतंत्र में विश्वास रखता है, ऐसे मुद्दों से निपटने में स्विट्जरलैंड की मदद करने को तैयार है।”
संयुक्त राष्ट्र के मंच से आतंकवाद को लेकर भारत ने पाकिस्तान को भी जमकर सुनाया। राजनियक क्षितिज त्यागी ने कहा, “हम फिर उस देश के उकसावे का जवाब देने को मजबूर हैं, जिसके अपने नेताओं ने हाल ही में उसकी तुलना ‘डंप ट्रक’ से की थी। शायद उस देश के लिए यही सही उदाहरण है, जो जो इस प्रतिष्ठित परिषद के सामने बार-बार झूठ और घिसे-पिटे दुष्प्रचार को दोहराता रहता है।”
इस दौरान उन्होंने 9/11 हमले से पुलवामा, उरी, पठानकोट, मुंबई और पहलगाम आतंकी हमलों का भी जिक्र किया और कहा कि यहाँ पाकिस्तान नैतिकता का ढोंग करता है। असल में वो ही उन नेटवर्क को पनाह और फंडिंग देता है, जो वैश्विक सुरक्षा को खतरे में डालते हैं।