भारत-नेपाल सीमा पर मस्जिद-मदरसे बनाने और धर्मांतरण के खेल के लिए दक्षिण भारत की से फंडिंग हो रही थी। यह फंडिंग सैकड़ों करोड़ में है। नकद के अलावा यह फंडिंग UPI के जरिए भी हुई है। आयकर विभाग की एक गोपनीय रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
आयकर विभाग ने गृह मंत्रालय को यह विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट में फंडिंग के अलावा रिपोर्ट में नेपाल से सटे जिलो में मुस्लिम आबादी बढ़ने की भी जानकारी है। इनमें श्रावस्ती, बहराइच, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर जैसे जिले शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, कई जिलों के गाँवों में मुस्लिम आबादी बढ़ी है तो वहीं हिंदू आबादी घटी है।
नेपाल सीमा के जिलों की डेमोग्राफी बदलने का यह अभियान बीते एक दशक से ज्यादा समय से चल रहा है। इसमें कई एंगल से जाँच चल रही है।
आयकर विभाग की छापेमारी में मिले फंडिंग के सबूत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नेपाल से सटे रक्सौल, रुपैडीहा, बढ़नी आदि इलाकों में ₹2000 के नोट अवैध तरीके से बदले जा रहे थे। इसकी सूचना पर आयकर विभाग अलर्ट हुआ और छापेमारी की। विभाग ने बड़े स्तर पर बैंक खातों में ट्रांजेक्शन की जाँच की, जिसमें UPI के जरिए संदिग्ध खातों में करोड़ो रुपए के लेन-देन की जानकारी लगी।
आयकर विभाग की शुरुआती जाँच में ₹150 करोड़ की फंडिंग के सुराग भी मिले हैं। इसका इस्तेमाल अवैध धर्मांतरण के साथ मस्जिद, मदरसे और मजारें बनाने में किया जा रहा है। जाँच में एक मुस्लिम व्यक्ति के बैंक खाते में करीब ₹12 करोड़ पहुँचे थे, जो कि तमिलनाडु की एक संस्था द्वारा भेजे गए थे।
योगी सरकार ने अवैध मस्जिद-मदरसों पर लगातार की कार्रवाई
आयकर विभाग की रिपोर्ट में अब साफ हो गया है कि नेपाल से सटे जिलों में इस्लामिक कट्टरपंथी अपनी पैंठ जमाने में लगे हैं। ये बात कोई नई नहीं हैं, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार इसके खिलाफ ऑपरेशन चलाए हुए हैं। इन जिलों में अवैध मस्जिद-मदरसों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है।
उत्तर प्रदेश और नेपाल के बीच 7 जिलों की 570 किलोमीटर की सीमा पर रोज अवैध ढाँचे समतल किए जा रहे हैं। महाराजगंज से लेकर सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, पीलीभीत और लखीमपुर में इन कब्जों को चिन्हित किया जा रहा है। लगातार 2025 में ऐसे सैंकड़ों अवैध ढाँचे गिराए गए हैं।
ऑपइंडिया ने बताई थी नेपाल सीमा पर बदलती डेमोग्राफी की सच्चाई
नेपाल से सटे जिलों के गाँवों में डेमोग्राफी बदलने कोई नई बात नहीं है। यह अभियान सालों से चला आ रहा है। ऑपइंडिया इस समस्या को परखने के लिए जमीनी स्तर पर पहुँचा थे। ग्राउंड रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे भी हुए। नेपाल सीमा के आसपास के गाँवों में मुस्लिम आबादी कई गुना बढ़ी है।
साल 2022 की इस ग्राउंड रिपोर्ट में नेपाल की सीमा से 15 किलोमीटर के दायरे में सैंकड़ों से अधिक मस्जिद और मदरसे पाए गए। अकेले बलरामपुर जिले में बॉर्डर से 15 किलोमीटर 150 मदरसे चल रहे हैं। इसके अलावा इसी क्षेत्र में नेपाल सीमा से 15 किलोमीटर क्षेत्र में मस्जिदों की संख्या 200 से अधिक है।
इन दोनों के अतिरिक्त लगभग 10 स्थान ऐसे भी हैं, जहाँ मस्जिद के ही अंदर मदरसे चल रहे हैं। हाल ही में पकड़ा गया छांगुर पीर इसी बलरामपुर का है। उसे भी विदेशी फंडिंग का खुलासा हुआ था। इस रिपोर्ट में यह भी सामने आया था कि कई गाँव जो पहले हिन्दू बहुल हुआ करते थे वो अब मुस्लिम बहुल हो चुके हैं।
नेपाल में 20 साल में मुस्लिम आबादी दोगुना
केवल नेपाल सीमा से सटे भारत के जिलों में ही नहीं बल्कि उस पार भी मुस्लिम आबादी बढ़ी है। इसकी पुष्टि नेपाल के सांसद अभिषेक सिंह तक ने भी की थी। साल 2022 में ऑपइंडिया से बातचीत में सांसद ने कहा था कि पहले भी मुस्लिम आबादी बढ़ी, लेकिन तब इसका एहसास नहीं हुआ लेकिन अब जब सब सामने नजर आने लगा तब हम लोग चिंतित हैं।
सांसद ने कहा कि पिछले 20 साल के भीतर नेपाल में मुस्लिम आबादी दोगुना हो गई है। उन्होंने बताया कि 20 साल पहले 4.5% मुस्लिम आबादी वाले नेपाल में अब 9% से अधिक मुस्लिम आबादी है। इसी के साथ सांसद ने आने वाले 20 वर्षों में मुस्लिम आबादी कई गुना और बढ़ जाने की आशंका जताई।