अमेरिका की राजनीति में भारत को एक महत्वपूर्ण और केंद्रीय साझेदार के रूप में माना जा रहा है। पहले कभी डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की नीतियों पर सवाल उठाए थे, वहीं अब उनका प्रशासन भारत को ‘भविष्य की दिशा तय करने वाला साझेदार’ बता रहा है। इस बदलाव का संकेत कई घटनाओं से भी मिलता है, जैसे कि भारत के मंत्रियों को व्यापार वार्ता के लिए वॉशिंगटन बुलाना।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्क रुबियो ने भी भारत के साथ रिश्ते को ‘दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण रिश्तों में से एक’ बताया है। अमेरिका के अगले राजदूत नामित किए गए सर्जियो गोर ने साफ किया है कि भारत को चीन से दूर करके अपनी तरफ लाना उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। ट्रंप प्रशासन के इस रणनीतिक बदलाव से यह साफ है कि अमेरिका अब भारत के बिना आगे नहीं बढ़ना चाहता।
भारत अब अमेरिका की ‘टॉप रिलेशनशिप’
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्क रुबियो ने भारत के साथ अमेरिका का रिश्ता दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण रिश्तों में से एक बताया है। मार्क रुबियो का मानना है कि 21वीं सदी में दुनिया का भविष्य कैसा होगा, यह तय करने में यह रिश्ता बहुत मायने रखता है। मार्क रुबियो का कहना है कि 21वीं सदी की कहानी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में लिखी जाएगी। भारत का महत्व इतना बढ़ गया है कि अमेरिका ने अपनी कमान का नाम भी बदलकर ‘इंडो-पैसिफिक’ कर दिया है।
#WATCH | US Secretary of State Marco Rubio says, "… Sergio Gor is the nominee to India (as US Ambassador), which is the top relationships that the US has in the world today, in terms of the future what the world's going to look like… In the 21st century, the story is going to… pic.twitter.com/1i8721J1xL
— ANI (@ANI) September 11, 2025
मार्क रुबियो के अनुसार, भारत-अमेरिका के बीच कई अहम मुद्दे हैं जिन पर उन्हें मिलकर काम करने की जरूरत है, जैसे कि यूक्रेन और अन्य मामले। मार्क रुबियो ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत में एक ऐसा प्रतिनिधि होना चाहिए, जिसकी सीधी पहुँच अमेरिकी राष्ट्रपति तक हो। इसलिए मार्क ने सर्जियो गोर को इस पद के लिए सही उम्मीदवार बताया हैं। क्योंकि वह प्रशासन और ट्रंप ऑफिस दोनों जगह से काम करवा सकते हैं। ऐसा व्यक्ति होने से दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर तरीके से संभाला जा सकता है।
भारत को चीन से दूर करके अमेरिका की तरफ लाना
अमेरिका के अगले राजदूत के तौर पर सर्जियो गोर को चुना गया है। सर्जियो गोर ने कहा अमेरिका की सबसे बड़ी प्राथमिकता भारत को चीन से दूर करके अपनी तरफ लाना है। इसके अलावा, भले ही अभी भारत और अमेरिका के बीच कुछ छोटे-मोटे मतभेद हों, लेकिन ये जल्द ही सुलझ जाएँगे। दोनों देशों के बीच दशकों पुराने और चीन की तुलना में काफी गहरे संबंध हैं।
#WATCH | "… We will make it a top priority that India is pulled into our side and away from China…," says Sergio Gor, nominee as the next US Ambassador to India.
He also says, "… While we (India-US) might have our moment of hiccups right now, we are on the track of… pic.twitter.com/h5eRRqx9FR— ANI (@ANI) September 11, 2025
सर्जियो गोर ने कहा कि चीन सिर्फ भारत के साथ लगी सीमा पर ही नहीं, बल्कि पूरे एशिया में विस्तारवाद की नीति अपना रहा है। अमेरिका चाहता है कि भारत का बाज़ार उनके कच्चे तेल, पेट्रोलियम उत्पाद और LNG (लिक्विफाइड नैचुरल गैस) के लिए खुले। सर्जियो गोर ने यह भी कहा कि भारत का मध्यवर्ग अमेरिका की पूरी आबादी से भी बड़ा है।
ट्रंप प्रशासन की बदली सोच
सुनवाई के दौरान रूबियो ने साफ कहा कि सेर्जियो गोर सीधे राष्ट्रपति ट्रंप के भरोसेमंद लोगों में हैं और उनके पास सीधे ओवल ऑफिस तक पहुँच है। ऐसे में भारत को अमेरिका में वो जगह मिल रही है, जहाँ से नीतियाँ बनती हैं। यह अमेरिका की नीति में एक बड़ा बदलाव है, जो दिखाता है कि भारत को अब सिर्फ सहयोगी नहीं, बल्कि रणनीतिक साथी माना जा रहा है।
ट्रंप प्रशासन का यह यू-टर्न सिर्फ कूटनीतिक बयानबाजी नहीं है। भारत के मंत्रियों को अमेरिका बुलाया गया है। वहाँ व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की तैयारी है। यह सब दर्शाता है कि अब अमेरिका समझ चुका है कि भविष्य की वैश्विक व्यवस्था भारत को साथ लिए बिना नहीं बनाई जा सकती।
जहाँ कभी ट्रंप प्रशासन भारत को लेकर दोराहे पर खड़ा था, अब वहीं भारत को भविष्य का केंद्र मान रहा है। दिल्ली को अब सिर्फ एक बाजार नहीं, बल्कि रणनीतिक ताकत के रूप में देखा जा रहा है। यह बदलाव भारत की मजबूती का संकेत भी है और दुनिया में उसकी बढ़ती अहमियत का सबूत भी।