ब्रिटेन के सांसद रूपर्ट लोव की अगुवाई में हुई एक निजी जाँच में हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं। जाँच में ब्रिटेन के कम से कम 85 इलाकों में गैंग बनाकर बच्चों का यौन शोषण किए जाने के मामलों का पता चला है।

शोषण की ये घटनाएँ ना केवल मौजूदा वक्त में हो रही हैं बल्कि कई घटनाएँ 1960 के दशक से चली आ रही हैं। जाँच रिपोर्ट का दावा है कि इस घिनौने कांड में शामिल अधिकतर आरोपी पाकिस्तानी मूल के युवक हैं।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सैकड़ों पीड़ित, उनके परिजन और व्हिसलब्लोअर्स सामने आए हैं, जिन्होंने अपनी दर्दनाक कहानियाँ बताई है। कई पीड़िताएँ बचपन में ही गैंग्स के निशाने पर आ गईं, उन्हें गिफ्ट्स और झूठे वादों से फँसाया गया, नशा दिया गया और फिर बार-बार बलात्कार का शिकार बनाया गया।

इन मामलों में हैरानी की बात ये रही कि अक्सर पुलिस और प्रशासन ने इन घटनाओं के संकेतों को नजरअंदाज किया और पीड़ितों को गंभीरता से नहीं लिया गया।

रूपर्ट लोव की जाँच और सरकार पर दबाव

सांसद रूपर्ट लोव ने अपनी जाँच टीम के साथ देशभर में सफर किया और सबूत जुटाए। उन्होंने हजारों ‘फ्रीडम ऑफ इन्फॉर्मेशन’ (सूचना अधिकार जैसी व्यवस्था) के तहत माँगी गई रिपोर्टों और सैकड़ों गवाहों के बयानों के आधार पर यह खुलासा किया है।

लोव का कहना है ‘सड़ी-गली सच्चाई’ पहले से सोची गई तुलना में कहीं ज्यादा गहरी है। उनके अनुसार, “‘”सैकड़ों, हजारों जिंदगियाँ इन पाकिस्तानी गैंग्स के हाथों बर्बाद हो चुकी हैं।”

उन्होंने लेबर सरकार पर भी तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि सरकार ने अब तक कोई  ठोस कदम नहीं उठाए हैं। लोव ने कहा, “दो महीने से ज्यादा हो गए, लेबर ने पूरे देश में एक्शन लेने का वादा किया था, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। पीड़ितों का संदेश साफ है, बस बहुत हो चुका। अब समय है सख्त कदम उठाने का।”

लोव ने यह भी ऐलान किया कि उनकी जाँच समिति संसद में एक रिपोर्ट पेश करेगी, जिसमें पारदर्शिता, जवाबदेही और पीड़ितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम सुझाए जाएँगे।

उन्होंने यहाँ तक कहा कि अगर कोई विदेशी नागरिक ऐसे अपराधों में शामिल पाया जाता है या चुपचाप जानकर भी कुछ नहीं करता, तो उसे तुरंत ब्रिटेन से बाहर निकाला जाना चाहिए।

रोदरहैम से अब तक का काला सच

ब्रिटेन में ग्रूमिंग गैंग्स की समस्या कोई नई नहीं है। साल 2014 में प्रोफेसर एलेक्सिस जे की रिपोर्ट ने रोदरहैम इलाके में 1997 से 2013 के बीच कम से कम 1400 बच्चियों के यौन शोषण का पर्दाफाश किया था।

उस रिपोर्ट में साफ कहा गया था कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने जानबूझकर इन घटनाओं को दबाया, क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं उन पर नस्लभेदी होने का ठप्पा न लग जाए। यह रवैया ही अपराधियों को खुली छूट देता रहा।

अब नई जाँचों में और भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। कुछ पीड़िताओं ने तो यह तक आरोप लगाया कि साउथ यॉर्कशायर पुलिस के कुछ अधिकारी भी पाकिस्तानी गैंग्स के साथ मिलकर उनका शोषण करते रहे। कई पीड़िताओं के बयान फाड़कर कूड़े में फेंक दिए गए, ताकि अपराध कभी दर्ज ही न हो सके।

एक पीड़िता ने बताया कि उसे 12 साल की उम्र में ही पुलिस की गाड़ी में बलात्कार का शिकार बनाया गया। वहीं, कई बच्चियों को नशा देकर गर्भपात के लिए मजबूर किया गया। इन घटनाओं ने पीड़िताओं का पुलिस और कानूनी व्यवस्था से पूरा भरोसा तोड़ दिया। हालांकि हाल के वर्षों में कुछ पूर्व पुलिस अधिकारी गिरफ्तार किए गए हैं, लेकिन सजा का इंतजार अब भी लंबा है।

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