चीन के लगातार बढ़ते खतरे के बीच भारत ने एक बड़ी कूटनीतिक बढ़त हासिल की है। भारत की यात्रा पर आए फिलिपींस के राष्ट्रपति फ़र्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने भारत के आसपास के समुद्री क्षेत्र को एशिया पैसिफिक के बजाय इंडो पैसिफिक कह कर संबोधित किया है। उनके कहने का सीधा अर्थ है कि एशिया पैसिफिक का अभिभावक और रक्षक भारत है। उनकी यह यात्रा भारत और फिलिपींस सम्बन्धों में एक नया अध्याय है। इस दौरान रक्षा सहयोग मजबूत करने की बात भी हुई है।
भारत की यात्रा पर आए फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर मार्कोस जूनियर का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (5 अगस्त 2025) को राष्ट्रपति भवन में का स्वागत किया। राष्ट्रपति मार्कोस भारत की 5 दिवसीय राजकीय यात्रा पर आए हैं।
यह दौरा भारत और फिलीपींस के बीच कूटनीतिक संबंधों के 75 साल पूरे होने के अवसर पर हो रहा है। इसे दोनों देशों के बीच रणनीतिक और आर्थिक सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
स्वागत समारोह के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मार्कोस ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की बदलती स्थिति पर बात की। उन्होंने कहा कि अब इसे एशिया-प्रशांत क्षेत्र की बजाय इंडो-पैसिफिक क्षेत्र कहा जा रहा है और यह आज की वैश्विक राजनीति, व्यापार और अर्थव्यवस्था को बेहतर तरीके से दर्शाता है।
#WATCH | Delhi: Philippines' President Ferdinand Romualdez Marcos says, "I think it is a reaffirmation of the alliance and the partnership that we are strengthening. What used to be referred to as the Asia Pacific Region, we now refer to it as the Indo-Pacific Region, which is, I… pic.twitter.com/onQFGbFbLu
— ANI (@ANI) August 5, 2025
उन्होंने कहा कि नई तकनीकों और बदलती वैश्विक अर्थव्यवस्था और भू-राजनीति के कारण दोनों देशों के लिए कई नए अवसर उभरे हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा, “यह यात्रा नई संभावनाओं की खोज और हमारे मौजूदा संबंधों को मजबूत करने के लिए है।”
मार्कोस ने याद दिलाए अपने पारिवारिक संबंध
फिलीपींस के राष्ट्रपति मार्कोस ने भारत में होने पर खुशी जताई और हाल के वर्षों में भारत के तेज विकास की सराहना की। उन्होंने अपने पिता और पूर्व राष्ट्रपति फर्डिनैंड मार्कोस सीनियर को याद करते हुए कहा कि वे 1976 में भारत की यात्रा करने वाले पहले फिलीपीनी राष्ट्रपति थे।
राष्ट्रपति मार्कोस ने कहा, “यह मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है कि मैं अपने चार पूर्ववर्ती राष्ट्रपतियों के नक्शेकदम पर चलते हुए भारत आया हूँ। मैं भारत की आपकी अगुवाई में हुई शानदार उपलब्धियों के लिए बधाई देता हूँ। जब मैंने दिल्ली में कदम रखा, तो भारत के तेज बदलाव और दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की ऊर्जा मुझे साफ महसूस हुई।”
#WATCH | Delhi: Ferdinand Romualdez Marcos, President of the Republic of the Philippines, says, "…It has been one of my most productive and constructive visits that I have ever had and I attribute this to the enduring closeness between the Philippines and India…" pic.twitter.com/kGSzv5R2GN
— ANI (@ANI) August 5, 2025
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आतिथ्य और सहयोग के लिए भी धन्यवाद किया और हाल ही में भारत द्वारा फिलीपींस को चावल के निर्यात प्रतिबंध से छूट देने पर आभार जताया। गौरतलब है कि चावल फिलीपींस के खाने का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। फिलीपींस ने 2024 में भारत से 20 हजार+ टन चावल का निर्यात किया था।
राष्ट्रपति मार्कोस ने कहा, “हाल के वर्षों में हमारे बीच सहयोग काफी बढ़ा है। मुझे खुशी है कि अब हम इस मित्रता को एक पूर्ण रणनीतिक साझेदारी में बदल रहे हैं।”
फिलिपींस के लिए भारतीयों को नहीं लेना पड़ेगा वीजा
राष्ट्रपति मार्कोस ने लोगों के बीच बेहतर संबंधों को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों पर एक भाषण दिया। उन्होंने इस दौरान ऐलान किया कि भारतीय पर्यटकों के लिए फिलीपींस में वीजा-फ्री प्रवेश की सुविधा होगी। उन्होंने और अधिक संख्या में भारतीयों को फिलीपींस घूमने का निमंत्रण दिया।
#WATCH | Delhi: President Ferdinand Romualdez Marcos Jr of the Philippines says, "…I reiterated our introduction of a visa-free entry privileges and extended our invitation for more Indian tourists to visit the Philippines. I thank PM Modi for the introduction of a scheme to… pic.twitter.com/utOSjtGJVD
— ANI (@ANI) August 5, 2025
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया कि भारत ने फिलीपींस के पर्यटकों के लिए वीजा की फीस माफ़ कर दी है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा, “हम इस साल अक्टूबर से सीधी उड़ानों की दोबारा शुरुआत का स्वागत करते हैं और इस तरह की सीधी हवाई कनेक्टिविटी को आगे भी बनाए रखने और बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
रक्षा और समुद्री सहयोग पर फोकस
भारत और फिलीपींस के नेताओं के बीच बातचीत में रक्षा और समुद्री सहयोग पर खास जोर दिया गया। राष्ट्रपति मार्कोस ने भारत को रक्षा उद्योग में सहयोग खासकर भारत से ब्रह्मोस मिसाइल जैसे रक्षा प्लेटफॉर्म के निर्यात के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने इस क्षेत्र में और अधिक सहयोग की बात भी कही।
बातचीत में संयुक्त सैन्य अभ्यास, समुद्री गतिविधियों में सहयोग, अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आदान-प्रदान और अन्य रक्षा सहयोग के पहलुओं पर भी चर्चा हुई।
भारत ने यह भी कहा कि वह कई देशों को रक्षा प्लेटफॉर्म निर्यात कर रहा है और फिलीपींस भी इन प्लेटफॉर्म्स में रुचि दिखा रहा है। दोनों देशों के बीच जहाजों के दौरे और बहुपक्षीय मंचों के तहत सहयोग पर भी चर्चा हुई।
यह सहयोग आपसी समझ, समुद्री क्षेत्र की निगरानी बढ़ाने, इंटरऑपरेबिलिटी बेहतर बनाने और आपदा प्रबंधन में तैयारियों को मजबूत करने पर केंद्रित है।
#WATCH | Delhi: On the visit of President Ferdinand Romualdez Marcos Jr of the Philippines, P Kumaran, Secretary (East) says, "There was a discussion on defence cooperation. President Marcos thanked the Prime Minister for cooperation in the area of defence industry, the export of… pic.twitter.com/XAGgAi9db8
— ANI (@ANI) August 5, 2025
इसके अलावा, भारत ने अपनी अंतरिक्ष क्षमताओं और कम लागत वाले स्पेस प्रोग्राम के बारे में भी बताया। राष्ट्रपति मार्कोस ने माना कि उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की लागत प्रभावशीलता का अध्ययन किया है और वे भारत की तकनीक का उपयोग मौसम की सटीक भविष्यवाणी, कृषि सुधार और आपदा राहत जैसे सामाजिक क्षेत्रों में करना चाहते हैं।
भारत-फिलीपींस रक्षा संबंध: ब्रह्मोस समझौता
भारत और फिलीपींस ने रक्षा क्षेत्र में एक अहम कदम उठाया है। अप्रैल 2024 में भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें डिलीवर की थी। यह मिसाइलें 2022 में हुए 375 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹3100 करोड़) के समझौते के तहत दी गई हैं।
इन मिसाइलों को भारतीय वायुसेना के C-17 ग्लोबमास्टर विमान के जरिए भेजा गया था। यह भारत की ओर से दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश फिलीपींस को किया गया पहला बड़ा रक्षा निर्यात है।