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बिहार SIR पर विपक्ष ने नहीं दर्ज कराई एक भी आपत्ति, न तो कॉन्ग्रेस के पास शिकायत न RJD के पास: ‘हंगामा खड़ा करना’ वाले मकसद पर चला विपक्ष, बैरिकेट्स तक कूदे


SIR के खिलाफ विपक्ष का हंगामा

बिहार में वोटर वेरिफिकेशन पर लगातार विपक्ष संसद से सड़क तक हंगामा कर रहा है। वोटर लिस्ट में नाम काटने का आरोप लगा रहा है लेकिन चुनाव आयोग ने 1 अगस्त से एक महीने तक किसी भी तरह की शिकायत होने पर राजनीतिक दलों को दर्ज कराने को कहा है। 10 दिन बीत जाने के बावजूद अब तक एक भी आपत्ति या शिकायत कोई भी पार्टी दर्ज नहीं करा पाई है।

ऊपर से तेजस्वी यादव के दो जगह नाम होने पर चुनाव आयोग को जवाब नहीं दे पा रहे। कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी पटना से दिल्ली तक एसआईआर के खिलाफ बवाल कर रहे हैं, गले फाड़-फाड़ कर लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं। लेकिन आयोग को बताने नहीं जा रहे कि उन्हें आखिर आपत्ति किस बात पर है?

दिल्ली पुलिस से बगैर अनुमति माँगे SIR के खिलाफ इंडी गठबंधन ने राहुल गाँधी के नेतृत्व में संसद से चुनाव आयोग के ऑफिस तक जाने की कोशिश की। इस दौरान बैरिकेड्स लगा कर नेताओं को रोकने की कोशिश की गई। इस दौरान एसपी नेता अखिलेश यादव उस पर चढ़ गए। कॉन्ग्रेस नेता प्रियंका गाँधी वाड्रा नारा लगाते दिखाई दी। नेताओं के बवाल के बाद पुलिस ने इन लोगों को हिरासत में ले लिया।

कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी का कहना है कि “ये लोग बात नहीं करना चाहते हैं। देश के सामने सबकुछ सामने आ गया है। ये लड़ाई राजनीति नहीं है।”

चुनाव आयोग ने दिया सुप्रीम कोर्ट को भरोसा

चुनाव आयोग ने SIR पर शनिवार (9 अगस्त 2025) को सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल कर दिया। आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि बिना नोटिस दिए किसी भी मतदाता को अंतिम वोटर लिस्ट से बाहर नहीं किया जाएगा। चुनाव आयोग ने भरोसा दिया है कि बगैर सूचना दिए या बिना आदेश के वोटर लिस्ट में किसी का नाम नहीं हटाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में आयोग ने कहा कि वह हर वोटर को शामिल करने की पूरी कोशिश कर रहा है।

अब तक एक भी नाम नहीं बता पाई है पार्टियाँ

इससे पहले चुनाव आयोग ने 1 सितंबर तक किसी तरह की आपत्ति होने पर राजनीतिक दलों और आम लोगों से शिकायत, सुझाव और बदलाव हर तरह की जानकारी देने के लिए कहा है। 1 अगस्त से 9 अगस्त तक विपक्षी पार्टियों में किसी भी दल ने न तो कोई आपत्ति दर्ज की और न ही बदलाव की बात कही। सभी पार्टियाँ पूरी तरह निष्क्रिय दिख रहीं है। अगर किसी तरह की गड़बड़ी पार्टियों को दिख रही है, तो आधिकारिक तौर पर आयोग को सबूत के साथ बताएँ, न की बैरिकेड तोड़ कर मीडिया के सामने ड्रामा करने की कोशिश करें।

तेजस्वी यादव का वोटर लिस्ट में दो जगहों पर नाम

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने दावा किया था कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में उनका नाम नहीं है। इसके बाद चुनाव आयोग ने उनके आरोप को बेबुनियाद करार देते हुए नाम लिस्ट भेजा। इस दौरान तेजस्वी यादव के दो जगह वोटर लिस्ट में नाम सामने आये। आयोग ने उनसे जवाब माँगा है लेकिन जवाब देने के बजाए तेजस्वी यादव नकारात्मक राजनीति करते नजर आ रहे हैं।

वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी एसआईआर वोटिंग प्रक्रिया का एक जरूरी हिस्सा है। विपक्षी पार्टियाँ शुरू से इसका विरोध कर रही हैं। कभी कहती हैं कि दस्तावेजों की कमी से योग्य मतदाता वोटिंग से वंचित रह जाएगा। जबकि इसी देश में राशन कार्ड पर मुफ्त राशन देने, बैंकों का खाता खोलने के लिए जरूरी दस्तावेज देने जैसी प्रक्रियाएँ सफलतापूर्वक की गई हैं और इसका फायदा आम लोगों को मिल रहा है। ऐसे में वोटर लिस्ट का शुद्धिकरण भी उतना ही जरूरी है जिसका अधिकार चुनाव आयोग को संविधान ने दिया है।



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