उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग के एक छात्र ने अपने हॉस्टल के कमरे में आत्महत्या कर ली है। बिहार के पूर्णिया के रहने वाले 24 वर्षीय शिवम डे नामक छात्र ने बीते 15 अगस्त की रात अपने कमरे में चादर का फँदा बनाकर फाँसी लगा ली। साथी उसे अस्पताल भी लेकर गए लेकिन तब तक उसकी साँसें रुक गई थीं।
शिवम ने 2022 में B.Tech में एडमिशन लिया था लेकिन वो पिछले लंबे वक्त से कॉलेज नहीं जा रहा था। छात्र के परिजन ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने यह जानकारी देना भी उचित नहीं समझा कि उनका बच्चा इतने समय से पढ़ने नहीं आ रहा था। छात्र के कमरे से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है जिसमें उसने तनाव और दबाव को ना झेल पाने की बात कही है।
छात्र ने सुसाइड नोट में क्या लिखा?
शिवम डे ने सुसाइड नोट में खुद को अपनी मृत्यु का जिम्मेदार बताया है और माता-पिता से माफी माँगी है। छात्र ने लिखा, “अगर आप यह पढ़ रहे हैं तो मैं मर चुका हूँ। मेरी मौत का यह निर्णय मेरा है, इसमें कोई और शामिल नहीं है। मैं पिछले एक वर्ष से इसकी तैयारी कर रहा था।”
छात्र ने आगे लिखा, “यह दुनिया मेरे लिए नहीं है या शायद में इसके लिए नहीं हूँ। मैं किसी काम का नहीं हूँ।” शिवम ने सुसाइड नोट में पुलिस से माँग की है कि उनकी मौत के लिए किसी और को जिम्मेदार न ठहराया जाए।
छात्र ने अपने सुसाइड नोट में शारदा यूनिवर्सिटी से माँग कि है कि उनकी बकाया फीस को उनके परिजन को लौटा दिया जाए क्योंकि वह सेकेंड ईयर के बाद से कॉलेज नहीं गया था। छात्र ने लिखा, “मैं अच्छा छात्र नहीं हूँ। शायद मैं इस शिक्षा प्रणाली के लिए नहीं बना था। मैं अपने अंग दान करना चाहता हूँ। मैं उन सभी से माफी माँगता हूँ जो मुझे प्यार करते हैं।”
छात्र ने अपनी पिता और माँ को ‘सॉरी’ भी लिखा है। शिवम ने लिखा, “मैं बुढ़ापे में आपका सहारा नहीं बन सका।” छात्र ने आगे लिखा, “मैं इस तनाव और दबाव को और नहीं झेल पा रहा हूँ। लोगों को डरने की जरूरत नहीं है, मैं अपनी मौत के बाद किसी का पीछा नहीं करूँगा।”

लोन लेकर फीस भर रहे थे पिता
इस घटना के बाद से छात्र के पिता कार्तिक चंद डे सदमे में हैं। कार्तिक चंद डे ने बताया है कि वह लोन लेकर शिवम की फीस जमा कर रहे थे लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उसके कॉलेज ना पहुँचने की कोई जानकारी नहीं दी। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कभी नहीं बताया था कि शिवम ने पढ़ाई छोड़ दी है। कार्तिक का कहना है कि इस बीच यूनिवर्सिटी प्रशासन से फीस व अन्य चीजों को लेकर मेसेज और मेल आते रहते थे।
उनका कहना है कि जब शिवम 2023 के बाद कॉलेज नहीं गया था तो फीस क्यों ली गई थी। साथ ही, उन्होंने बताया है कि शिवम के साथ फर्स्ट ईयर में रैगिंग भी हुई थी, जिसका जानकारी छात्र ने ही अपने परिजन को दी थी। कार्तिक ने कहा कि बेटे को इंजीनियर बनाने के लिए भेजा था और अगर उन्हें उसकी समस्याओं को पता होता तो वह कभी उसे दुनिया से जाने नहीं देते।
छात्र के परिजन ने लापरवाही को लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ पुलिस में शिकायत दी है और पुलिस इस मामले की जाँच कर रही है। यह एक महीने के भीतर शारदा यूनिवर्सिटी में आत्महत्या का दूसरा मामला है। बीते 18 जुलाई को ज्योति जांगड़ा नामक एक छात्रा ने भी खुदकुशी कर ली थी। जिसके बाद दो प्रोफेसरों को गिरफ्तार किया गया था।
यूनिवर्सिटी ने क्या कहा?
शारदा यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर पीआर डॉ. अजित कुमार ने बताया है कि मेंटर ने छात्र से संपर्क बनाया हुआ था। कुमार ने बताया कि मई 2024 में चौथे सेमेस्टर की परीक्षाओं के बाद छात्र का CGPA तृतीय वर्ष में प्रमोशन के लिए जरूरी 5.0 के मानदंड तक नहीं पहुंचा था। जिसके बाद अगस्त 2024 में उसे विशेष परीक्षा का अतिरिक्त अवसर प्रदान दिया गया था।
कुमार ने बताया कि 2024-25 के सत्र के लिए शिवम ने खुद की रजिस्टर नहीं कराया और ना ही किसी क्लास में शामिल हुआ। हालाँकि, मेंटर ने छात्र से संपर्क बनाए रखा था। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्र की फीस को वापस उसके परिवार को लौटाने की बात कही है।