कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी की बिहार में हुई वोटर अधिकार यात्रा खत्म हो गई है। यह यात्रा राहुल गाँधी के सवालों से ज्यादा विवादों की वजह से चर्चा की वजह बनी रही थी। कभी पीएम मोदी को माँ की गाली दी गई तो अंत तक आते-आते समाप्ति सभा रद्द करनी पड़ी। यात्रा खत्म हुई तो राहुल गाँधी फिर छुट्टी पर निकल गए हैं। राहुल गाँधी की मलेशिया से सामने आई तस्वीरों पर भारतीय जनता पार्टी के लोग और सोशल मीडिया यूजर्स तमाम सवाल उठा रहे हैं।
राहुल गाँधी पर जो ‘पार्ट टाइम राजनेता’ होने के आरोप लगते रहे हैं वो इन तस्वीरों के सामने आने के बाद एक बार फिर खड़े हो गए हैं। ऐसे तस्वीरें से सवाल खड़े होते हैं कि क्या राहुल गाँधी के लिए बिहार का यह यात्रा या अन्य राजनीतिक यात्राएँ एक ‘असाइनमेंट’ की तरह होती हैं। जिन्हें वे बस खत्म करना चाहते हैं ताकि उन्हें फिर छुट्टियाँ मनाने का एक मौका मिल सके। ऐसी ही यह मलेशिया यात्रा भी है।
कोई राहुल गाँधी की मलेशिया यात्रा के पीछे लापरवाही भरे रवैये पर बात कर रहा है तो किसी को इस यात्रा के पीछे गहरी साजिश नजर आ रही है। मालूम हो कि यह पहली बार नहीं है जब कॉन्ग्रेस नेता की किसी विदेश यात्रा को लेकर इस तरह का बवाल हुआ हो। अमेरिका, इटली और बैंकॉक जैसी यात्राओं के दौरान भी राहुल गाँधी पर सवाल उठ चुके हैं।
भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने X पर लिखा, “राहुल गाँधी एक बार फिर चुपके से विदेश निकल गए। इस बार मलेशिया के लंगकावी में छुट्टियाँ मना रहे हैं। लगता है बिहार की राजनीति की गर्मी और धूल झेली नहीं गई। या फिर यह किसी गुप्त मीटिंग का हिस्सा है, जिसके बारे में जनता को जानना ही नहीं चाहिए? खैर, जहाँ लोग असली मुद्दों से जूझ रहे हैं, वहीं राहुल गाँधी गायब होकर छुट्टियाँ मनाने की कला में माहिर हैं।”
Rahul Gandhi has slipped away yet again—this time on a clandestine vacation in Langkawi, Malaysia.
Looks like the heat and dust of Bihar’s politics was too much for the Congress Yuvraj, who had to rush off for a break. Or is it another one of those secret meetings that no one is… pic.twitter.com/NdiA4TP2bT
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 6, 2025
इसी तरह अन्य लोग भी राहुल गाँधी से लगातार सवाल कर रहे हैं। पूछा जा रहा है कि एक तरफ उत्तर भारत बाढ़ से प्रभावित है। तो दूसरी तरफ राहुल गाँधी जनता को उनके हाल पर छोड़कर मलेशिया ट्रिप पर निकल गए हैं। लोगों का सवाल है कि क्या एक जननेता ऐसा होता है कि जब जनता को जमीन पर जरूरतों हो और वो सब छोड़कर छुट्टियाँ मनाने निकल पड़े हैं।
Congress has put Rahul’s pic on relief materials to show Rahul cares for flood victims.
But Rahul Gandhi is enjoying Vacation in Langkawi Island, Malaysia. pic.twitter.com/xndjQYyLEf
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) September 6, 2025
इसके अलावा ये ट्रिप विवाद में इसलिए भी है क्योंकि इस्लामी कट्टरपंथी जाकिर नाइक ने भी भारत छोड़ने के बाद मलेशिया की नागरिकता ही ली है। ऐसे में सवाल किया जा रहा है कि कहीं राहुल गाँधी की ये ट्रिप किसी खास मुलाकात के लिए तो नहीं है। कुछ लोगों ने यहाँ तक लिख दिया है, “वह अपने गुरु जाकिर नाइक से मिलने मलेशिया गए हैं।”

चुनाव के बीच विदेश जाने का रहा है कॉन्ग्रेस के युवराज का इतिहास
चुनावी मौसम के दौरान या ऐसे समय जब उनकी पार्टी को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत हो, जनता को बताए बिना छुट्टियों पर जाने का राहुल गाँधी का इतिहास रहा है। इसे लेकर यह सवाल भी उठ चुका है कि वह पार्टी पर संकट के बीच ही यात्राएँ करते हैं साथ ही भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप को बढ़ावा भी देते हैं। साल 2019 में उनकी बैंकॉक यात्रा इसी तरह से विवादों में आई थी। उस समय भी चुनावों के बीच में छोड़कर वो घूमने निकल गए थे।
इन सवालों के पीछे की वजह भी ठोस है। राहुल गाँधी ने विदेश यात्राओं के दौरान कई बार भारत विरोधी तत्वों से मुलाकात की है। उदाहरण के लिए साल 2023 में ही उन्होंने अमेरिका की यात्रा के दौरान हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स (HfHR) की सह-संस्थापक सुनीता विश्वनाथ से मुलाकात की। बता दें कि HfHR एक इस्लामवादी वकालत समूह है, जो भारत में हिंदुओं पर भेदभाव करने का आरोप लगाता है।
Prominent Indian politician Shri Rahul Gandhi, during his proposed #RahulInUSA tour,would attend several public events. He may not know, but some ‘coordinators’ who are claiming to be associated with events are Pak Jamaat-e-Islami & Muslim Brotherhood-linked fronts
A Thread pic.twitter.com/pqaHO6n31L
— DisInfo Lab (@DisinfoLab) May 30, 2023
साल 2022 के अप्रैल महीने में जब कॉन्ग्रेस पार्टी को नेतृत्व की जरुरत थी और प्रशांत किशोर को कॉन्ग्रेस में शामिल करने की चर्चा चल रही थी, उस समय भी वे बेफिकर होकर घूमने निकल गए थे। प्रशांत किशोर के पार्टी में शामिल होने से इनकार करने के तुरंत बाद राहुल गाँधी लगभग 10 दिनों के लिए अचानक गायब हो गए और उनकी कोई जानकारी नहीं मिल पाई। उस दौरान कॉन्ग्रेस पार्टी को बिना किसी नेतृत्व के काम करना पड़ा जबकि पार्टी गहरे संकट में थी।
इससे पहले, दिसंबर 2021 में, जब पाँच राज्यों में विधानसभा चुनाव में पार्टी को करारी हार मिली थी, राहुल गाँधी निजी यात्रा के लिए इटली के दौरे पर थे। उनकी यात्रा की ही वजह से उस समय पंजाब में चुनावी तैयारियों को बड़ा झटका लगा क्योंकि कई रैलियाँ उनकी वापसी तक टाल दी गईं। उनकी यही यात्रा आम आदमी पार्टी की जीत और उनकी अपनी पार्टी के सफाया होने की वजह बनी।
सितंबर 2021 में, जब पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के कारण कॉन्ग्रेस संकट में थी, उस वक्त भी गाँधी परिवार शिमला में छुट्टियाँ मना रहा था। दिसंबर 2020 में जब कॉन्ग्रेस पार्टी का 136वाँ स्थापना दिवस मनाया जा रहा था, राहुल गाँधी फिर इटली चले गए। इसी तरह अक्टूबर 2019 में हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावों से ठीक 15 दिन पहले वो बैंकॉक चले गए थे।
इसी तरह 2019 के लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद, बिना नतीजे देखे ही लंदन रवाना हो गए और छुट्टियाँ मनाने लगे। यहाँ तक कि उन्होंने सोनिया गाँधी द्वारा बुलाई गई अहम बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया। इसके अलावा, राहुल गाँधी अक्सर अपनी विदेश यात्राओं के दौरान एसपीजी सुरक्षा (विशेष सुरक्षा दल) नहीं लेते थे और सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करते रहे। इसी कारण सरकार ने उनकी एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली। इस पर संसद में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी सवाल उठाए।