बांग्लादेश में मोहम्मद युनूस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार बनने के बाद से ही हिंदू लगातार इस्लामी कट्टरपंथियों के निशाने पर है। बांग्लादेश में एक महिला पत्रकार जो हिंदुओं पर होने वाले अत्याचारों पर रिपोर्ट करती थी उससे कट्टरपंथी इतने चिढ़ गए हैं कि उन्होंने हिंदू महिला पत्रकार का गैंगरेप करने की धमकी दी है। महिला पत्रकार के पति के साथ भी मारपीट की गई है और पुलिस आरोपितों को खोजने के बजाय हिंदुओं को ही धमकाने में लगी है।
प्रोमिथिआस चौधरी और उनकी पत्नी त्रिना रॉय चौधरी बांग्लादेश में TheNewse.com नाम से न्यूज पोर्टल चलाते हैं। प्रोमिथिआस इसके एडिटर और पब्लिशर हैं तो वहीं त्रिना पोर्टल की न्यूज एडिटर हैं। दोनों राजधानी ढाका से करीब 150 किलोमीटर दूर बेरिसाल जिले के वेस्ट गोइल गाँव में रहते हैं। कपल ने आनंद लोक नाम से एक आश्रम भी बनाया हुआ है जिसके जरिए वह आस-पास के हिंदुओं की मदद भी करते हैं। इनकी पत्रकारिता और हिंदुओं के मदद के चलते ही इस्लामी कट्टरपंथियों को इनसे चिढ़ होने लगी है।
पत्रकार त्रिना रॉय ने बताई कट्टरपंथियों की कहानी
त्रिना रॉय चौधरी ने ऑपइंडिया से बातचीत में कहा है कि आस-पास के कट्टरपंथियों से अक्सर उनका विवाद होता रहता है लेकिन बीते 29 अक्टूबर को बात मारपीट और रेप की धमकी पर आ गई। त्रिना रॉय ने बताया, “बीते 29 अक्टूबर की दोपहर को मेरे पति प्रोमिथिआस को नाजिम मुल्ला ने अपनी दुकान पर बुलाया था।”
उन्होंने कहा, “नाजिम और प्रोमिथिआस साथ ही पढ़े थे, दोस्त थे तो उन्हें लगा कि सामान्य बातचीत के लिए बुला रहे होंगे लेकिन जब वह दुकान पर पहुँचे तो नाजिम का शाहीन से पैसों को लेकर झगड़ा हो रहा था। नाजिम, शाहीन से अपने 3.5 लाख टका उधार माँग रहा था।”
उन्होंने कहा, “जब प्रोमिथिआस वहाँ पहुँचे तो दोनों उनसे ही भिड़ गए। नाजिम-शाहीन कहने लगे कि ‘तू पैसा देगा हमें, ISKCON का है तू’। जब प्रोमिथिआस ने इसका विरोध किया तो उनके साथ मारपीट की गई। उन्हें थप्पड़ लगाए गए और उनके साथ मारपीट की गई।” त्रिना रॉय बताती हैं, “जब प्रोमिथिआस ने उनसे कहा कि ‘मैं तुम्हारा दोस्त हूँ’ तो दोनों उनसे बोले ‘तू काफिर हिंदू है, दोस्त कैसे हो सकता है। बांग्लादेश हमारा है, तुझे दया करके रहने दे रहे हैं। बांग्लादेश से निकल जा’।”
त्रिना रॉय ने आगे कहा, “दोनों ने मेरा गैंगरेप करने की धमकी भी दी। मेरे पति से बोले कि ‘तुम्हारी पत्नी अधिक खतरनाक है, वो हमें पसंद नहीं करती है। उसका मुस्लिमों से गैंगरेप कराओ तो हमें पसंद करने लगेगी और उसे समझ आ जाएगा कि हम क्या हैं’।”
बात यही खत्म नहीं हुई। प्रोमिथिआस से मारपीट कर एक स्टांप पेपर पर साइन ले लिए गए और एक चेक छीन लिया गया। फखरुल इस्लाम मौके पर मौजूद था और उसने निर्देश दिए थे कि प्रोमिथिआस को कैसे प्रताड़ित किया जाए।
क्यों चिढ़े हुए हैं इस्लामी कट्टरपंथी?
त्रिया बताता हैं कि इस्लामी कट्टरपंथियों की उनसे और उनके पति से पुरानी चिढ़ है। पिछले दिनों नवरात्रि के दौरान भी उनकी मुस्लिमों से झड़प हो गई थी। उन्होंने कहा, “मुस्लिम मंदिर के पास आकर सिगरेट पीने लगे थे, उनसे जब मना किया तो वो मारपीट और धमकी पर उतर आए। बाद में पुलिस के हस्तक्षेप के बाद यह मामला खत्म हुआ था।”
साथ ही, हिंदुओं के लिए किए जाने वाले दोनों के कामों को लेकर भी आस-पास के इस्लामी कट्टरपंथी उनसे चिढ़े रहते हैं। त्रिया के मुताबिक, पत्रकार होने के नाते वो बांग्लादेश में होने वाली इस्लामी कट्टरपंथियों की ज्यादती पर खुलकर लिखती हैं। इसके अलावा जिस तरह हिंदुओं का दमन किया जाता है, उसे भी वो खुलकर बताते हैं, रिपोर्टिंग करते हैं जिससे कट्टरपंथी चिढ़े रहते हैं। त्रिया और प्रोमिथिआस ने कई ऐसी खबरें की हैं जिससे कट्टरपंथियों की कलई खुली है और वे उनसे बदला लेने का बहाना ढूँढ रहे हैं।
पुलिस भी नहीं कर रही है मदद: त्रिया
त्रिया बताती हैं कि उन्होंने 29 अक्टूबर को ही पुलिस को इसकी रिपोर्ट दी थी लेकिन अब तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है उल्टा उन्हें ही धमकाया जा रहा है। त्रिया बताती हैं, “थाने का इंचार्ज मुस्लिम है, तो वो हमारे ऊपर ही दबाव बना रहा है। जब हमने ISKCON वाली बात शिकायत में डाली तो कहा गया कि इससे दंगा भड़क सकता है इसे मत लिखो।”

त्रिया रॉय ने बताया कि पुलिस ने शिकायत पर कार्रवाई करने के बजाय अब उन्हें ही धमकी दी है कि वे उनके पति के खिलाफ झूठा आरोप लगाएँगे। उन्होंने कहा, “पुलिस ने प्रोमिथिआस से कहा कि ‘हम तुम्हारे खिलाफ ही केस दर्ज कर देंगे, कह देंगे कि मस्जिद तोड़ने के लिए लोगों को बुला रहा है’। यह धमकी इसलिए दी गई है कि हम चुप हो जाएँ, इस्लामी कट्टरपंथियों के खिलाफ कार्रवाई की माँग ना करें।”
त्रिया ने कहा कि बात सिर्फ इतनी ही नहीं है। वो और उनकी पूरा परिवार डरा हुआ है क्योंकि कट्टरपंथी उनके घर पर नजर रखे हुए हैं। उनके पास आने-जाने वाले लोगों की निगरानी की जा रही है। 31 अक्टूबर को जब कुछ पत्रकार साथी उनसे मिलने आ रहे थे तो उन्हें भी कट्टरपंथियों ने रोक लिया। उन्हें भी धमकी दी गई। पत्रकारों से कहा गया कि तुम जिनके घर जा रहे हो उनके घर में हम तोड़फोड़ कर देंगे।
इस घटना के बाद से लगातार बांग्लादेश में अलग-अलग जगहों पर पत्रकार प्रदर्शन कर रहे हैं और आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करने की माँग कर रहे हैं लेकिन पुलिस का कान पर जूँ तक नहीं रेंग रही है। त्रिया का कहना है कि उनका बांग्लादेश में रहना मुश्किल हो गया है। बांग्लादेश में बीते कुछ समय में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमले, रेप और हत्याओं के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति दिन-ब-दिन और बदतर होती जा रही है।