आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी

ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान को धूल चटा दी। इस ऑपरेशन में हर कदम शतरंज के पासे की तरह फेंका गया और पाकिस्तान चेकमेट हो गया। आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि भारत की राजनीतिक इच्छाशक्ति मजबूत होने से ही यह ऑपरेशन सफल हो सका है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, IIT मद्रास में ‘अग्निशोध’ के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति को साझा किया। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन शतरंज खेलने जैसा था। उन्होंने कहा, “हमें नहीं पता दुश्मन का अगला कदम क्या हो सकता है और फिर हम क्या करेंगे। इसे ही ग्रेजोन बोलते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “ग्रेजोन का मतलब है कि हम पारंपरिक ऑपरेशन नहीं कर रहे हैं। हम जो कर रहे हैं, वह सामान्य ऑपरेशन से बस थोड़ा कम है… हम शतरंज की चालें चल रहे थे और वह (दुश्मन) भी शतरंज की चालें चल रहा था। कहीं हम उन्हें शह और मात दे रहे थे, तो कहीं हम अपनी जान गँवाने के जोखिम पर भी मार गिराने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन यही तो ज़िंदगी है।”

पहलगाम आतंकी हमले के अगले दिन ऑपरेशन की तैयारी

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जानें चली गई। इसके अगले ही दिन थल, जल और वायु सेना प्रमुखों और राजनीतिक नेतृत्वों के बीच अहम बैठक हुई। आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी ने बताया कि वह पहली बार था जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था- “बस, अब बहुत हो चुका।” आर्मी चीफ ने कहा कि भारतीय सेना को ऑपरेशन सिंदूर प्लान और लागू करने की खुली छूट दे दी गई थी।

आर्मी चीफ ने कहा, “23 को, हम सब बैठे थे। यह पहली बार था जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘बस अब बहुत हो चुका।’ सेना के तीनों प्रमुखों को साफ था कि अब जरूर कुछ करना ही है। खुला हाथ दे दिया गया था और कहा गया कि कुछ भी करने का निर्णय आप (सेना) स्वयं लें। इस तरीके का आत्मविश्वास, राजनीतिक दिशा और स्पष्टता हमने पहली बार देखा था। यही आपका मनोबल बढ़ाता है।”

आर्मी चीफ ने बताया इस मनोबल से ही कमांडर को जमीनी स्तर पर सफलता हासिल हुई, जहाँ उन्होंने अपने दिमाग से ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान पर कार्रवाई की।

सिंदूर में सैनिकों को भावनाएँ जुड़ी

आर्मी चीफ से जब ऑपरेशन सिंदूर के नाम को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह सैनिकों की भावनाओं से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि छोटा नाम होने के साथ-साथ वह देश के लोगों से भी जुड़ना चाहिए था, इसीलिए ऑपरेशन सिंदूर नाम चुना, जिसने पूरे देश को जोड़े रखा।

उन्होंने कहा, “इस एक नाम ने पूरे देश को एक कर दिया। आज लोग कह रहे हैं- सिंधु से सिंदूर तक… सब कुछ हमने संभाल लिया। जब मैं ग्राउंड पर गया तो मैंने सैनिकों से कहा कि कोई भी बहन, माँ या बेटी जब सिंदूर लगाएगी तो वो हमेशा सैनिक को याद करेगी। यही तो वह जुड़ाव था जिसने पूरे राष्ट्र को एक उद्देश्य के लिए खड़ा कर दिया। यही कारण था कि पूरा देश पूछ रहा था- ऑपने ऑपरेशन क्यों रोका? और इसका जवाब भी दिया जा चुका है।”

पाकिस्तानी जनता को गुमराह करने में लगी उनकी फौज

मई 2025 में चले ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान का आर्मी चीफ असीम मुनीर अब प्रमोट होकर फील्ड मार्शल बन गया है। इससे पाकिस्तानी जनता को लगता है कि ऑपरेशन सिंदूर को उनकी फौज ने विफल कर दिया। यह पाकिस्तानी फौज की रणनीति है, खुद की आवाम के सामने जीत का डंका बजाने की। आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी ने भी इस पर तंज कसा।

उन्होंने कहा, “अगर आप किसी पाकिस्तानी से पूछें कि जीते या हारे तो वो कहेगा, मेरा चीफ फील्ड मार्शल बन गया है तो हम जरूर जीते होंगे। यही तरीका है कि जनता की सोच को प्रभावित करने का… चाहे वो अपने मुल्क की आवाम हो या दुश्मन की जनता हो।”

भारत ने पाकिस्तान के 5 विमानों को उड़ा दिया

आर्मी चीफ से पहले एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने भी ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बारे में जानकारी दी थी। उन्होंने ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान की तबाही पर पूरी रिपोर्ट साझा की थी। उन्होंने कहा था कि ऑपरेशन के दौरान IAF ने पाँच पाकिस्तानी फाइटर जेट और एक बड़े एयरक्राफ्ट को तबाह कर दिया था।

एयर चीफ मार्शल ने यह भी कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का अहम कारण राजनीतिक इच्छाशक्ति है। उन्होंने कहा, “हमने कम से कम पाँच फाइटर जेट और एक बड़े विमान को पक्के तौर पर मार गिराया। यह बड़ा विमान या तो ELINT विमान था या AEW&C विमान। इसे 300 किलोमीटर की दूरी से निशाना बनाया गया। यह अब तक का सबसे लंबी दूरी का सतह से हवा में मार करने वाला हमला है।”

कॉन्ग्रेस के केंद्र सरकार पर सवालों के मिले जवाब

पहलगाम आतंकी हमले के बाद कॉन्ग्रेस और कई विपक्षी दलों ने सरकार पर चुप्पी के सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था मोदी सरकार आतंकवादियों से डरकर पीछे हट गई है। यहाँ तक की ऑपरेशन सिंदूर पर भी विपक्ष को यकीन नहीं हुआ। अब तक वह ऑपरेशन के प्रमाण माँगती रही और इसमें पाकिस्तान को क्लीनचिट देती रही।

अब तो एयर चीफ मार्शल और आर्मी चीफ ने भी ऑपरेशन सिंदूर को लेकर साफ कर दिया है कि पाकिस्तान में कितनी तबाही मची है। यह सब भी राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण ही हुआ है। ऐसे में केंद्र सरकारी की मजबूती और उनकी दृण इच्छाशक्ति के बारे में अब विपक्ष को मानना ही होगा कि पाकिस्तान के खिलाफ चलाया गया ऑपरेशन सिंदूर भारत की कामयाबी है।

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