उत्तर प्रदेश के बरेली से एक सुनियोजित और संगठित धर्मांतरण गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। इस गिरोह ने नेत्रहीन प्रोफेसर प्रभात उपाध्याय को निकाह और बेहतरीन जिंदगी का लालच देकर फँसा लिया था। मदरसे में खतने की प्रक्रिया के दौरान ही पुलिस ने दबिश देकर उन्हें गैंग की साजिश नाकाम की। पुलिस ने 4 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों के पास से ज़ाकिर नाइक की सीडी, धर्मांतरण प्रमाणपत्र, 22 बैंक खातों में संदिग्ध ट्रांजैक्शन और विदेशी फंडिंग से जुड़े सुराग मिले हैं।
पुलिस जाँच में सामने आया है कि गिरोह का नेटवर्क देश के कई राज्यों और 13 से ज्यादा प्रदेशों तक फैला है। गिरोह की सोशल मीडिया, कट्टरपंथी प्रचार और ‘हनी ट्रैप‘ हथकंडे भी सामने आए हैं।
कैसे खुला ये पूरा मामला?
सारा मामला तब सामने आया जब अलीगढ़ की एक महिला ने पुलिस में शिकायत की थी कि एक गिरोह ने उसके नेत्रहीन बेटे प्रभात उपाध्याय को बहकाकर अपने जाल में फँसा लिया है। इसके अलावा शादी और पैसे का लालच देकर अपने साथ ले गए है। प्रभात एक प्रोफेसर हैं।
जाँच के दौरान पुलिस को पता चला कि उसे बरेली के एक मदरसे में ले जाया गया था, जहाँ उसका जबरन खतना कराकर नाम ‘हामिद’ रखा जा रहा था। माँ की शिकायत पर पुलिस ने समय रहते छापा मारा और प्रभात को बचा लिया।
कैसे काम करता था यह गिरोह?
पुलिस ने मौके से अब्दुल मजीद, सलमान, आरिफ और फहीम को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह बहुत ही सोचे-समझे तरीके से काम करता था। पुलिस ने मौके से अब्दुल मजीद, सलमान, आरिफ और फहीम को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह बहुत ही सोचे-समझे तरीके से काम करता था। पहले ये कमजोर लोगों को निशाना बनाता है, जिसमें तलाकशुदा, परेशान या अकेले रहने वाले लोग शामिल होते हैं।
फिर उन लोगों को शादी, नौकरी या पैसों का लालच दिया जाता है। ये लोग सोशल मीडिया ग्रुप्स में जाकिर नाइक और दूसरे कट्टरपंथी मौलवियों के वीडियो और ऑडियो शेयर करते है। जब पीड़ित पूरी तरह से उनके जाल में फँस जाता है, तो उसे मदरसे में ले जाकर जबरन खतना और निकाह कराकर उसका धर्म परिवर्तन कर देते है।
पुलिस को इस गैंग के पास से मजहबी किताबें, जाकिर नाइक की सीडी और धर्मांतरण से जुड़े कई दस्तावेज भी मिले हैं। यह भी खुलासा हुआ है कि इस गिरोह ने पहले बृजपाल साहू और उनके परिवार का भी धर्मांतरण कराया था।
विदेशी फंडिंग का शक
गिरफ्तार किए गए आरोपितों के कुल 21 बैंक खाते मिले हैं। इनमें से अकेले सलमान के 12 बैंक खाते हैं, जिनमें उसकी हैसियत से कहीं ज़्यादा पैसे मिले हैं। अब्दुल मजीद के 5 खातों में 2,000 से ज़्यादा संदिग्ध लेनदेन पाए गए हैं।
पुलिस का मानना है कि ये लोग अलग-अलग राज्यों से चंदा इकट्ठा करते थे और इसी पैसे से धर्मांतरण का धंधा चलाते थे। इस बड़े लेन-देन को देखते हुए एजेंसियाँ पाकिस्तान समेत अन्य देशों से फंडिंग की संभावना की जाँच कर रही हैं।
एसपी साउथ अंशिका वर्मा ने बताया कि इस गिरोह का नेटवर्क सिर्फ बरेली तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के कई राज्यों में फैला हुआ है।
थाना भुता बरेली पुलिस द्वारा थाना भुता पर पंजीकृत मु0अ0सं0 377/2025 धारा 140(3)/351(3) बीएनएस व 3/5(1) उ0प्र0 विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 से संबंधित 04 अभियुक्तों की गिरफ्तारी एवं बरामदगी के संबंध में सुश्री अंशिका वर्मा #SP South बरेली की बाइट।#UPPolice https://t.co/hOveW3QedX pic.twitter.com/YSnPOiNzS3
— Bareilly Police (@bareillypolice) August 26, 2025
उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले में और भी लोगों को गिरफ्तार करेगी। इस घटना ने एक बार फिर से इस तरह के धर्मांतरण रैकेटों की गंभीरता को उजागर कर दिया है, जो हमारे समाज के लिए एक बड़ा खतरा हैं।