बिहार में औद्योगिक विकास के मद्देनजर और युवाओं के लिए रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज (26 अगस्त 2025) ‘बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 (BIPPP-2025)’ की घोषणा की। इस पॉलिसी के तहत राज्य में उद्योगों को और निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई रियायत दी जाएँगी।
इस फैसले के तहत बिहार में 40 करोड़ रुपए तक के निवेश पर ब्याज सब्सिडी दी जाएगी। साथ ही नई इकाइयों को स्वीकृत परियोजना लागत का 300% तक शुद्ध SGST की प्रतिपूर्ति 14 वर्षों तक की जाएगी। इसके अतिरिक्त, 30% तक पूंजीगत सब्सिडी भी प्रदान की जाएगी।
माननीय मुख्यमंत्री श्री @NitishKumar की अध्यक्षता में दिनांक 26/08/2025 को आयोजित #बिहार_कैबिनेट की बैठक में बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज (BIIPP), 2025 की स्वीकृति मिली। #BiharCabinetDecisions#BiharCabinetDecisions2025 #InvestInBihar pic.twitter.com/WAh37QvYKm
— Department of Industries, Bihar (@IndustriesBihar) August 26, 2025
नई नीति के तहत निर्यात प्रोत्साहन की सीमा 14 वर्ष की अवधि के लिए 40 लाख रुपए प्रतिवर्ष की गई है। इसके अलावा कौशल विकास, पर्यावरण संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग, स्टाम्प ड्यूटी एवं भूमि रूपांतरण शुल्क की प्रतिपूर्ति, निजी औद्योगिक पार्कों को सहयोग, पेटेंट पंजीकरण एवं गुणवत्ता प्रमाणन हेतु सहायता देने का भी ऐलान किया गया है।
बिहार में निवेश को बढ़ावा देने के लिए इस नई नीति के तहत ये भी निर्णय लिया गया है कि बड़े निवेशकों जैसे 100 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाली एवं 1000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करने वाली औद्योगिक इकाइयों को 10 एकड़ तक भूमि निःशुल्क आवंटित की जाएगी।
बिहार में उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने बियाडा एमनेस्टी पॉलिसी 2025 के बाद अब नया बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 (BIPPP-2025) लागू किया है। इसके तहत:-
(1) 40 करोड़ रूपए तक की ब्याज सब्सिडी (Interest Subvention) दी जाएगी।
(2) नई इकाइयों को स्वीकृत…— Nitish Kumar (@NitishKumar) August 26, 2025
इसके अलावा 1000 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाली औद्योगिक इकाइयों को 25 एकड़ तक भूमि निःशुल्क आवंटित की जाएगी। फॉर्च्यून 500 कंपनियों को 10 एकड़ तक भूमि निःशुल्क आवंटित की जाएगी।
इस योजना के लाभ के लिए निवेशकों के 31 मार्च 2026 से पहले आवेदन करना होगा। सरकार का उद्देश्य है कि उनके इस कदम से 5 वर्ष में 1 करोड़ युवाओं को राज्य के भीतर रोजगार देना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।