पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के बाद हुई हिंसा से जुड़े एक रेप मामले में फरार आरोपित मीर उस्मान अली को केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) ने मंगलवार (12 अगस्त 2025) को यूपी के गाजियाबाद गिरफ्तार कर लिया।
CBI के मुताबिक, तकनीकी जानकारी और लगातार मेहनत के बाद मीर उस्मान अली उर्फ आरा गाजियाबाद के इलायचीपुर इलाके में एक मस्जिद के पास से पकड़ा गया। यह मामला 30 अगस्त 2021 को दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप था कि 4 मई 2021 को उस्मान अली ने पीड़िता के घर में घुसकर उसके साथ बलात्कार किया।
CBI Arrests Absconding Accused in a Rape Case related to Post Poll Violence during State Assembly Elections in West Bengal pic.twitter.com/TCYjAOlbwO
— Central Bureau of Investigation (India) (@CBIHeadquarters) August 13, 2025
रिपोर्ट्स के मुताबिक, CBI ने 5 मई 2022 को तमलुक, पुरबा मेदिनीपुर की विशेष अदालत (SC/ST POA एक्ट) में उस्मान अली के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। 25 सितंबर 2024 को कलकत्ता हाई कोर्ट ने उसे जमानत दे दी थी, लेकिन CBI ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट में नोटिस भेजने के बावजूद न तो उस्मान और न ही उसका वकील पेश हुआ। इसके बाद 2 अगस्त 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने उस्मान के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया और CBI को उसे 13 अगस्त को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया। CBI ने आखिरकार उसे पकड़ लिया और उसे सुप्रीम कोर्ट में पेश किया।
CBI ने बताया कि उस्मान अली, जिसे मीर उस्मान अली या आरा के नाम से भी जाना जाता है.. वो लंबे समय से फरार था। हाल ही में CBI ने 2021 की चुनाव बाद हिंसा के मामलों में सक्रियता दिखाई है। जुलाई में तृणमूल कॉन्ग्रेस के एक विधायक और कोलकाता नगर निगम के दो पार्षदों को इस हिंसा से जुड़े एक मामले में आरोपित बनाया गया था। हालाँकि, तृणमूल कॉन्ग्रेस का कहना है कि यह बीजेपी की साजिश है, ताकि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले उनकी पार्टी पर दबाव बनाया जाए।