उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में मकबरा-मंदिर विवाद में प्रयागराज कमिश्नर और आईजी रेंज ने विवाद की विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेज दी है। बीते 11 अगस्त को नवाब अब्दुल समद के मकबरे को हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों ने मंदिर बताते हुए यहाँ पूजा की थी, जिस पर खूब हंगामा हुआ था।
हिंदू संगठन से जुड़े लोगों ने मकबरे के भीतर बनीं 2 मजारों में तोड़फोड़ की थी और मुस्लिम पक्ष ने हिंदुओं पर पथराव किया था। दरअसल, मुस्लिम पक्ष इस मकबरे को नवाब अब्दुल समद खान और उनके बेटे अबू बकर की कब्र बताता है जबकि हिंदू पक्ष इस जगह पर भगवान शिव और भगवान कृष्ण का प्राचीन मंदिर होने का दावा करता है। दावा किया जाता है कि यह मकबरा 200 वर्ष पुराना है।
क्या कहती है शासन की रिपोर्ट?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मकबरे को लेकर हुए विवाद के बाद जिला प्रशासन ने इसकी विस्तृत रिपोर्ट बनाने के लिए उच्चस्तरीय जांच समिति गठित की थी। इस समिति में 2 अपर जिलाधिकारी (ADM), 3 उपजिलाधिकारी (SDM), 2 तहसीलदार और 12 लेखपाल शामिल थे। अब करीब 75 पेज की इस रिपोर्ट को कमिश्नर के जरिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजा गया है।
इस रिपोर्ट में मकबरे की जमीन गाटा संख्या 753 के साथ-साथ आसपास पूरे इलाके के 8 गाटा संख्या की जानकारी दी गई है। 753 के साथ मकबरे से सटे 1159 गाटा संख्या का ब्यौरा दिया गया है। 1159 गाटा संख्या के 23 खातेदारों में 6 नंबर पर ठाकुर जी विराजमान मंदिर भी दर्ज है।
इस रिपोर्ट में सामने आया है कि खतौनी में गाटा संख्या 753 के तहत मकबरे की कुल 11 बीघा जमीन दर्ज है। वहीं, वक्फ बोर्ड ने जो दस्तावेज दिए हैं उनमें सिर्फ 15 बिस्वा जमीन ही वक्फ संपत्ति के तौर पर दर्ज है। इन दोनों कागजातों के बीज करीब 10 बीघा जमीन की अंतर दिखाई दिया है।
रिपोर्ट में जिस गाटा संख्या 753 में मकबरा दर्ज है उसके मालिकाना हक से लेकर राष्ट्रीय संपत्ति घोषित होने और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में दर्ज होने का विवरण इस रिपोर्ट में दिया गया है।
रिपोर्ट में मकबरे के अस्तित्व, निर्माण काल और इस्तेमाल की भी जानकारी दी गई है। साथ ही, इसमें बवाल के दिन चूक को लेकर भी जानकारी दी गई है।
इस पूरे विवाद के बाद इलाके में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है। मकबरे के एक किलोमीटर के दायरे की सड़कों पर निगरानी रखी जा रही है। पुलिस ने इस पूरे मामले में 10 नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। इस FIR में एक सपा नेता का भी नाम है जिसे इस घटना के बाद अब पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।