एअर इंडिया

एअर इंडिया विमान हादसे को लेकर शुरूआती जाँच रिपोर्ट सामने आ गई है। इसके बाद रिपोर्ट को लेकर हर तरह के विशेषज्ञ अपनी-अपनी थ्योरी दे रहे हैं। इन्हीं में एक विशेषज्ञ पूर्व पायलट भी है। उसने दावा किया है कि एअर इंडिया फ्लाइट AI-171 के पायलटों ने जानबूझ कर विमान क्रैश करवा दिया। यह थ्योरी उसने बिना किसी जाँच रिपोर्ट में यह बात कहे जाने के दी है। इसी विशेषज्ञ ने एक माह पहले इससे ठीक उल्टा दावा किया था।

यह थ्योरी देने वाले विशेषज्ञ का नाम कैप्टन मोहन रंगनाथन है। वह स्वयं पूर्व पायलट है। वह एअर इंडिया हादसे के बाद से लगातार टीवी चैनल और बाकी मीडिया में नई-नई थ्योरी दे रहा है। AAIB के प्रारम्भिक जाँच रिपोर्ट देने के बाद उसने NDTV से दावा किया है कि हादसे की वजह बने फ्यूल कंट्रोल स्विच को जानबूझ कर ऑफ किया गया था। उसने यह बात लाइव टीवी शो में कही है और पायलटों को कठघरे में खड़ा किया है।

कैप्टन मोहन रंगनाथन ने दावा किया कि दोनों में से एक पायलट ने यह जानते हुए फ्यूल कंट्रोल स्विच जानबूझकर ऑफ किया कि इससे विमान क्रैश हो जाएगा। विशेषज्ञ रंगनाथन ने इसे ‘आत्महत्या’ तक का केस बता डाला। इसके बाद रंगनाथन ने यहाँ तक दावा किया कि फ्यूल कंट्रोल स्विच गड़बड़ कर ही नहीं सकते और उन्हें इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि उन्हें पायलट ही बंद कर सकते हैं।

कैप्टन मोहन रंगनाथन ने कहा, “यह अपने आप या पॉवर फेलियर की वजह से नहीं हो सकता क्योंकि फ्यूल कंट्रोल स्विच स्लाइडिंग टाइप नहीं होता। वे एक स्लॉट में रहने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, और उन्हें ऊपर या नीचे ले जाने के लिए आपको उन्हें बाहर निकालना पड़ता है। इसलिए, अनजाने में उन्हें ‘बंद’ स्थिति में ले जाने की संभावना नहीं है। यह निश्चित रूप से जानबूझकर किया गया काम है ताकि फ्यूल कंट्रोल स्विच को चयन का मामला है ताकि इसे ‘बंद’ किया जा सके।”

काल कवलित हुए ड्रीमलाइनर विमान के फ्यूल स्विच कैसे होते हैं और उनको कैसे चलाया जा सकता है इस पर बात करना एक पायलट के लिए कोई विशेष मुद्दा नहीं है। लेकिन किसी पायलट का बिना जाँच में सामने आए यह कह देना कि उन्होंने आत्महत्या के लिए ऐसा किया है, काफी विचित्र बात है। यह तब और अजीब हो जाती है यह बात कहने वाला व्यक्ति ही एक माह पहले ही पायलटों के अधिकारों के लिए एकदम टाल ठोंक के खड़ा हो।

दरअसल, इन्हीं कथित विशेषज्ञ ने एक माह पहले इस बात की आशंका जताई थी कि हादसे की जाँच के अंत में किसी तरह पायलटों पर डाला जाएगा। द न्यूज मिनट से बात करते हुए मोहन रंगनाथन ने दावा किया था कि एयरपोर्ट के पास चिड़िया थीं और वह प्लेन टकराई थी। रंगनाथन ने कहा था, “मैं शर्त लगा सकता हूँ कि जाँचकर्ता या तो एअर इंडिया के मेंटेनेस या विमान को दोषी ठहराने की कोशिश करेंगे, और निश्चित रूप से पायलटों को दोषी ठहराएँगे। लेकिन वे यह स्वीकार नहीं करेंगे कि वहाँ चिड़िया थी।”

काफी हास्यास्पद है कि जो व्यक्ति एक माह पहले पायलटों को दोषी ठहराए जाने को लेकर शर्तें लगा रहा था आज वह खुद अपनी बात से पलट गया है। कैप्टन रंगनाथन ने यह सारे दावे तब किए हैं जब AAIB की जाँच रिपोर्ट में स्पष्ट तौर कहीं नहीं लिखा कि पायलटों की गलती से यह हादसा हुआ। रिपोर्ट में लिखा है कि विमान का टेकऑफ के बाद फ्यूल कंट्रोल स्विच ऑफ हुआ और एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने ऐसा क्यों किया, जिसका जवाब दूसरे पायलट ने मना करके दिया।

लेकिन मोहन रंगनाथन का विवादों से नाता कोई नया नहीं है। वर्ष 1999 में मोहन रंगनाथन ने सिल्कएयर को लेकर दावा किया था। रंगनाथन का दावा था कि उन्होंने एक और पायलट के विमान को गड़बड़ तरीके से चलाने के चलते इस्तीफ़ा दिया था। दरअसल, जिस पायलट के बारे में रंगनाथन ने दावे किए थे वह दावे सेकुछ ही दिन पहले विमान सही हादसे का शिकार हुआ था और इस दुर्घटना में 104 यात्री मारे गए थे। इस मामले की जाँच में आत्महत्या का एंगल भी रखा गया था।

इसको लेकर चल रहीं चर्चाओं के बीच यह दावा रंगनाथन ने किया था, इसे एयरलाइन ने खारिज कर दिया था और कहा कि असल में उनके नौकरी छोड़ने का कारण कुछ और था। संभव है कि तब भी मोहन रंगनाथन सुर्ख़ियों में आने के लिए ऐसे दावे कर रहे हों, जैसे वह अब पायलटों को दोषी ठहरा के कर रहे हैं। हालाँकि, उनके दावे काफी अजीब और आधारहीन दिखाई पड़ते हैं।

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