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पाकिस्तान में पिछले साल भर में हुए 1000 लड़कियों का अपहरण और धर्मांतरण

पाकिस्तान में हर साल करीब 1000 अल्पसंख्यक लड़कियों का अपहरण किया जाता है और उनका जबरन धर्मांतरण कराया जाता है। मूवमेंट फॉर सॉलिडैरिटी एंड पीस ने इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि इन लड़कियों की उम्र करीब 12 से 25 साल के बीच होती है। स्थिति ये है कि पुलिस ऐसा मामलों में कार्रवाई नहीं करती।

एक दूसरे मानवाधिकार संस्था जुबली कैंपेन और ओपन डोर्स ने दावा किया है कि अल्पसंख्यक लड़कियों के अपहरण और धर्मांतरण के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। 2024 में 10 साल और उससे ऊपर की कई लड़कियाँ का अपहरण किया गया था। IANS की रिपोर्ट के मुताबिक कई लड़कियाँ ऐसी त्रासदी झेलने के बाद मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार हो गईं। जबकि आरोपित खुले में घूम रहा होता है। कोर्ट अक्सर ऐसे मामले में आरोपित की ये दलीलें मान लेती है कि लड़की ने अपनी मर्जी से धर्मपरिवर्तन कर निकाह किया था।

ईशनिंदा कानून का अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहा इस्तेमाल

इस इस्लामिक मुल्क में धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति बेहद खराब है। द वॉयस ऑफ पाकिस्तान माइनॉरिटी ने इस पर गंभीर चिंता भी जताई है। संगठन का कहना है कि पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून लागू होने के बाद, इसका इस्तेमाल अल्पसंख्यकों को धमकाने और हिंसा भड़काने के लिए किया जा रहा है। ‘डर की गलियाँ: 2024-25 में धर्म या आस्था की स्वतंत्रता’ शीर्षक से रिपोर्ट जारी कर संगठन ने कहा है कि हिन्दुओं, ईसाईयों, अहमदियों के लिए ये ‘बेहद चिंताजनक साल’ रहा। इनके खिलाफ हिंसा में जबरदस्त बढोतरी हुई। इनके पूजा स्थलों को तोड़ा गया और टारगेट कर हत्याएँ की गई।

बच्चों के बचाव के लिए बने कानूनों का कोई मतलब नहीं

संगठन ने कहा है कि अल्पसंख्यकों का जबरन धर्मांतरण और कम उम्र में निकाह जारी है। बाल विवाह निरोधक कानूनों का कोई मतलब यहाँ नहीं है। ईशनिंदा कानून आने के बाद अल्पसंख्यकों की स्थिति और दयनीय हो गई है। इस्लामी भीड़ किसी को भी इसका शिकार बना देते हैं। कोर्ट में बार एसोसिएशन भी इनका पक्ष लेता है। कट्टरपंथी सोच के खिलाफ कोई नहीं बोलता। रिपोर्ट में इस स्थिति को ‘बेहद खतरनाक’ कहा गया है। रिपोर्ट में पाकिस्तान सरकार से एक ऐसे आयोग बनाने की सिफारिश की गई है, जो अल्पसंख्यकों को फँसाने वाले मामलों की जाँच करे। रिपोर्ट में मदरसों पर भी नजर रखने पर जोर दिया गया है। ये नाबालिग लड़कियों के धर्मांतरण में शामिल हैं।

वहीं अमेरिका के ‘ सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ ऑर्गनाइज्ड हेट’ के अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान के हिन्दू, सिख, ईसाई, अहमदिया और दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों का सामाजिक बहिष्कार किया जा रहा है।

2023 में नाबालिग मुस्कान बनी थी शिकार

घटना का जिक्र करते हुए कहा गया है कि मई 2023 में 14 साल की मुस्कान का मोहम्मद अदनान और उसके पिता ने अपहरण कर लिया। उसका जबरन धर्मांतरण करवा कर निकाह करवा दिया गया।2 साल बाद किसी तरह भाग गई मुस्कान ने बताया कि उसे लोहे के छड़ से पीटा जाता था। उसका एक बार गर्भपात भी इसकी वजह से हुआ। ईसाइयों के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया।

4 भाई-बहनों का धर्मांतरण करवाया गया

19 जून 2025 को सिंध के शाहदादपुर से 4 हिन्दू भाई-बहनों का अपहरण किया गया। इनमें सबसे बड़ी जिया 22 साल की, दूसरी दीया (20), दिशा ( 16) और गणेश कुमार (14) था। अपहरण के दो दिन बाद इनका वीडियो सामने आया। इसमें चारो नए नामों के साथ नमाज पढ़ रहे थे। परिवार का इसके बाद बुरा हाल है। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि बच्चों से कैसे मिल पाएँगे?

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