रूस द्वारा विमान का इंजन देने की खबर उस वक्त आई है जब रूस के राष्ट्रपति पुतिन भारत आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर कॉन्ग्रेस पर हमला बोला।
उन्होंने कहा, “रूस ने उन खबरों को खारिज कर दिया है जिनमें कहा गया था कि मॉस्को पाकिस्तान को JF-17 थंडर ब्लॉक III लड़ाकू विमानों में लगाने के लिए RD-93MA इंजन की आपूर्ति कर रहा है। कॉन्ग्रेस के पास कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है। कोई विश्वसनीय स्रोत भी नहीं है।”
Russia has dismissed reports of Moscow proceeding with the supply of RD-93MA engines to Pakistan for integration into the JF-17 Thunder Block III fighter jets.
Jairam Ramesh relied on a story published by NBT, which in turn quoted a little-known website notorious for pushing… https://t.co/iocAtPvPfG pic.twitter.com/iengQOdEkr— Amit Malviya (@amitmalviya) October 5, 2025
WION ने एक रूसी सूत्र के हवाले से कहा, “इस तरह की किसी भी घटनाक्रम की पुष्टि नहीं हुई है। रूस और भारत के बीच बड़े सौदों की संभावना की तलाश अभी भी जारी है। ऐसे में कोई व्यक्ति जानबूझ कर दोनों देशों के बेहद मजबूत और दीर्घकालिक सहयोग में दरार डालने की कोशिश कर रहा है। उसने कहा कि पाकिस्तान के साथ इस स्तर का सहयोग नहीं हो सकता, जिससे भारत को दिक्कत महसूस हो।”
जेएफ-17 का इंजन बनाता है रूस
IDRW की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि रूस ने पाकिस्तान को जेएफ-17 थंडर फाइटर जेट में इस्तेमाल के लिए इंजन देने का फैसला किया है। चीन इस जेट को बनाता है। पाकिस्तान के पास 150 जेएफ 17 लड़ाकू विमान हैं। लेकिन इस विमान में रूस का आरडी-93एमए इंजन लगे हुए हैं। इसलिए विमान के आधुनिकीकरण के लिए रूस का सहयोग जरूरी है।
भरोसेमंद रूस क्यों कर रहा पाकिस्तान की मदद- कॉन्ग्रेस
कॉन्ग्रेस ने रूस द्वारा पाकिस्तान को जेएफ-17 इंजन दिए जाने संबंधी खबरों का हवाला देते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कॉन्ग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इसे कूटनीतिक विफलता करार देते हुए कहा कि भारत का भरोसेमंद साथी रूस अब पाकिस्तानी सेना का सहयोग क्यों कर रही है? खबरों में कहा गया है कि रूस जेएफ-17 विमानों के लिए आरडी-93एमए इंजन देने पर सहमति जताई है। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कॉन्ग्रेस के आरोपों को निराधार बताया है।
राष्ट्रपति पुतिन कर रहे भारत दौरे का इंतजार
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिसंबर में भारत दौरे पर आने वाले हैं। भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर होने वाले हैं। पिछले हफ्ते रूसी राष्ट्रपति ने वल्दाई फोरम में कहा कि वे दिसंबर की शुरुआत में अपनी दिल्ली यात्रा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और अपने प्रिय मित्र और भरोसेमंद साथी, प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।”
भारत-रूस के बीच शिखर सम्मेलन बारी-बारी से होता है। पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी इस शिखर सम्मेलन के लिए रूस गए थे और इस साल राष्ट्रपति पुतिन भारत आ रहे हैं। इससे पहले भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर रूस की यात्रा पर गए थे। उन्होंने अपने समकक्षों से मुलाकात के अलावा खास तौर पर राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की थी।
पीएम मोदी और पुतिन एससीओ सम्मेलन में मिले थे
प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की। इस दौरान रूसी राष्ट्रपति और पीएम मोदी एक ही कार से द्विपक्षीय वार्ता स्थल पर गए। पूरी दुनिया में ये सुर्खियाँ भी बनी थी। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव शीर्ष नेताओं के बीच दिसंबर में होने वाली बैठक की तैयारियों के तहत वार्षिक शिखर सम्मेलन से पहले दिल्ली आ सकते हैं।
भारत-रूस संबंध काफी मजबूत
भारत-रूस व्यापार 60 अरब डॉलर से अधिक का है। रक्षा, ऊर्जा और व्यापार भारत-रूस संबंधों के केन्द्र में हैं। रूस भारत का सबसे बड़ा रक्षा आपूर्तिकर्ता ह। तकनीक हस्तांतरण से लेकर सह-विकास तक के कई परियोजनाओं में दोनों भागीदार हैं। रूस से खरीदा गया S400 विमान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त करने में अहम भूमिका निभाई थी।
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भारत-रूस संयुक्त उद्यम का एक अहम उदाहरण है। इसने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान अपनी क्षमता साबित की और इसे फिलीपींस जैसे देशों को निर्यात भी किया जा रहा है।
भारत पर अमेरिकी टैरिफ को देखते हुए रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने पिछले हफ़्ते कहा था कि उनका देश भारतीय दवा और कृषि उत्पादों का आयात बढ़ाना चाहेगा। दोनों देश भारत और यूरेशियन आर्थिक संघ के बीच एक मुक्त व्यापार समझौते के भी इच्छुक हैं।













