इस हमले के जवाब में भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकियों के ठिकानों को तबाह किया। इस साहसिक मिशन में भाग लेने वाले 9 लड़ाकू पायलटों को वीर चक्र भी दिया गया, जो युद्ध के समय दिया जाने वाला तीसरा सबसे बड़ा वीरता पदक होता है।
इसके अलावा, एक अधिकारी को शौर्य चक्र और 26 अन्य को वायु सेना पदक से नवाजा गया। जिन खास बात ये भी रही कि इस बार पहली बार ‘सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक’ भी वायु सेना के अधिकारियों को दिया गया है, जो एक बड़ा सैन्य सम्मान है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और अन्य अभियानों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए 3 अग्निवीरों को वीरता पदक से सम्मानित किया गया है।
वायु सेना के जिन 26 अधिकारियों या सैनिकों को वायु सेना पदक मिला है उनमें वे लड़ाकू पायलट शामिल हैं जिन्होंने पाकिस्तान के अंदर लक्ष्यों को भेदने के मिशन में भाग लिया था। साथ ही, इसमें वे अधिकारी और सैनिक भी शामिल हैं जिन्होंने S-400 और अन्य वायु रक्षा प्रणालियों का संचालन किया था।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत 7 मई को हुई थी। ये ऑपरेशन पहलगाम हमले का सीधा जवाब था, जिसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर नौ आतंकी ठिकानों को तबाह किया।
इस जवाबी कार्रवाई में 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए। यह ऑपरेशन पाकिस्तान के मुरीदके और बहावलपुर जैसे शहरों में चलाए गए, जो लंबे समय से आतंकियों के गढ़ माने जाते हैं। इस मिशन के जरिए भारत ने यह साफ संदेश दिया कि देश की सुरक्षा से कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता और अगर कोई ऐसा करेगा, तो उसे मुंहतोड़ जवाब मिलेगा।
किसे-किसे मिला वीरता पुरस्कार?
इस बार खास बात ये रही कि चार वायुसेना अधिकारियों को सबसे बड़ा युद्धकालीन विशिष्ट सेवा पुरस्कार ‘सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक’ दिया गया है, जो अब तक आम तौर पर थल सेना और नौसेना को मिला करता था। यह पदक आखिरी बार कारगिल युद्ध के बाद भारतीय वायुसेना को दिया गया था। कुल 7 अधिकारियों को यह पुरस्कार दिया गया था।
- लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा – उत्तरी कमान के प्रमुख
- लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई – सैन्य अभियानों के निदेशक
- वाइस एडमिरल संजय जसजीत सिंह (सेवानिवृत्त) – पश्चिमी नौसेना कमान के पूर्व प्रमुख
- एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी – उप वायुसेनाध्यक्ष
- एयर मार्शल नागेश कपूर – दक्षिणी वायु कमान के प्रमुख
- एयर मार्शल जीतेंद्र मिश्रा – पश्चिमी वायु कमान के प्रमुख
- एयर मार्शल ए.के. भारती – डीजीएओ (डायरेक्टर जनरल एयर ऑपरेशंस)
26 officers and airmen of the Indian Air Force awarded the Vayu Sena Medal (Gallantry), including fighter pilots who took part in missions to hit targets inside Pakistan and officers and men operating the S-400 and other air defence systems which foiled all attacks planned by… pic.twitter.com/HuRgdcVlHO
— ANI (@ANI) August 14, 2025
इन अधिकारियों की अगुवाई में भारतीय वायुसेना ने ड्रोन हमलों को नाकाम किया, दुश्मन के एयरबेस पर सटीक हमले किए और एक लेयर्ड एयर डिफेंस सिस्टम से भारतीय हवाई क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित की। स्वदेशी मिसाइल सिस्टम जैसे आकाश, पिकोरा और ओएसए-एके का बेहतरीन उपयोग हुआ।
वीरता पुरस्कार पाने वाले जांबाज
9 लड़ाकू पायलटों को वीर चक्र दिया गया है, जिनके नाम
- ग्रुप कैप्टन आर एस सिद्धू
- मनीष अरोड़ा, अनिमेष पाटनी, कुणाल कालरा
- विंग कमांडर जॉय चंद्रा
- स्क्वाड्रन लीडर सार्थक कुमार, सिद्धांत सिंह, रिजवान मलिक
- फ्लाइट लेफ्टिनेंट ए एस ठाकुर
इसके अलावा, एक अधिकारी को शौर्य चक्र और 26 अन्य अधिकारियों को वायु सेना पदक से नवाजा गया है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 16 जवानों को वीरता पदक मिला है जिन्होंने ऑपरेशन के दौरान अद्भुत बहादुरी दिखाई।