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न मिलाया हाथ-न की कोई बात, दरवाजा भी मुँह पर बंद किया: पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ भारतीय टीम का बर्ताव देख रोया ‘आतंकिस्तान’, ACC के पास जाकर गिड़गिड़ाया


भारत पाकिस्तान हैंडशेक

पहलगाम आतंकी हमले के बाद पहली बार भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट का मुकाबला खेला गया। इस मैच में भारत ने पाकिस्तान को करारी हार दी। लेकिन मुकाबले की सबसे खास बात थी, भारतीय टीम का पाकिस्तान की टीम से हाथ ना मिलाना। अब इस No Handshake पर पाकिस्तानी क्रिकेटर और मुल्क की आवाम तिलमिला गई है।

पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने तो अपना रोना लेकर एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) तक पहुँच गए, जिसके अध्यक्ष मोहसिन नकवी खुद पाकिस्तान से हैं। PCB ने एक बयान में कहा, “मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट ने टॉस के समय कप्तान सलमान अली आगा से भारतीय टीम के कप्तान से हाथ न मिलाने को कहा था। पाकिस्तानी टीम मैनेजमेंट ने इस व्यवहार को खेल भावना के विरुद्ध बताते हुए अधिकारिक विरोध दर्ज कराया है।”

भारतीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी टीम से हाथ मिलाने से बचने का टीम इंडिया का फैसला प्रशंसकों के लिए भले ही एक नई बात हो लेकिन मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट को इसकी जानकारी पहले ही दे दी गई थी। मैच रेफरी ने भी पाकिस्तान को भारत के इरादे के बारे में पहले ही बता दिया था और सलमान अली आगा को भी सूर्यकुमार और अन्य भारतीय खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से बचने की सलाह दी थी।

पाकिस्तानी क्रिकेट जगत में बौखलाहट

पाकिस्तानी के क्रिकेट जगत से भी भारतीय टीम के No Handshake पर खूब प्रतिक्रियाएँ सामने आईं। पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब अख्तर जो भारत के खिलाफ जहर उगलते हैं, उनको यह घटना काफी दुखद लगी और उनका दिल पसीज गया।

शोएब अख्तर ने कहा, “यह निराशाजनक और अवाक है, यह दुखद है, पता नहीं क्या कहूँ। इस पर राजनीति मत करो। हमने तुम्हारे बारे में अच्छी बातें कही हैं, बस हाथ मिलाओ यार, क्रिकेट का खेल है। थोड़ी शालीनता दिखाओ। घर-घर में भी झगड़े होते हैं लेकिन हाथ न मिलाकर बात को आगे मत बढ़ाओ।”

वहीं, मैच के बाद सेरेमनी में शामिल न होने के पाकिस्तानी टीम के कप्तान सलमान आगा के फैसले को शोएब अख्तर ने सही बताया, “वो नहीं गए, ठीक किया। बहुत अच्छा।”

पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कोच माइक हेसन ने कहा, “हम हाथ मिलाने के लिए आगे बढ़े थे लेकिन तब तक वे ड्रेसिंग रूम जा चुके थे। यह मैच का निराशाजनक अंत था। हम अपने खेल से पहले ही निराश थे लेकिन हम हाथ मिलाने के लिए तैयार थे।”

पाकिस्तान के एक और पूर्व क्रिकेटर कामरान अकमल ने भी एक डिबेट के दौरान कहा, “हम इस काबिल नहीं हैं कि शीर्ष की पाँच छह टीमों के साथ खेल पाएँ। सबसे निचले पायदान पर रहने वाली टीमों जैसे बांग्लादेश के साथ खेलते हुए हम अच्छे लगते हैं।”

पाकिस्तान मीडिया ने बताया ‘छोटी हरकत’

भारतीय टीम के कैप्टन सूर्य कुमार ने मुकाबले की शुरुआत में टॉस के वक्त भी पाकिस्तान के कैप्टन सलमान से हाथ मिलाने से परहेज किया। इसके बाद मैच के अंत में भारत की जीत के बाद खिलाड़ी बिना हाथ मिलाए पाकिस्तान टीम के मुँह पर ड्रेसिंग रूम का दरवाजा बंद कर चले गए। उधर, पाकिस्तानी खिलाड़ी स्टेडियम में इंतजार करती रही।

अब भारतीय टीम की इस No Handshake मोमेंट पर पाकिस्तानी मीडिया विश्लेषण तैयार कर रही है। कुछ क्रिकेट एक्सपर्ट्स को डिबेट में बिठाकर भारतीय खिलाड़ियों को कम आँक रहे हैं। कुछ पाकिस्तानी एक्सपर्ट ने तो इसे भारतीय क्रिकेट टीम की ‘छोटी हरकत’ करार दिया।

ऐसे ही एक पाकिस्तानी एक्सपर्ट, जो भारत-पाकिस्तान मुकाबले का एनालिसिस करने बैठे थे, वो कहते हैं, “आप (भारतीय क्रिकेट टीम) हाथ नहीं मिलाएँगे तो क्या हीरो बन जाएँगे। जो क्रिकेट को जानता है वो कभी इसकी सराहना नहीं करेगा।”

अन्य पाकिस्तानी क्रिकेट एक्सपर्ट तो यह तक बोलने लगे, “इससे क्रिकेट की बेकदरी हुई है। बेचारे प्लेयर्स की रेप्युटेशन खराब हो रही है। मैं इसे छोटी हरकत समझता हूँ। वो (भारतीय क्रिकेट टीम) बेचारे मजबूर हुए हैं ऐसा करने पर, उन पर दबाव था ये करने का।

सोशल मीडिया पर पाकिस्तान आवाम की प्रतिक्रिया

जहाँ पाकिस्तानी क्रिकेटर और मीडिया ने भारतीय टीम के No Handshake पर खूब रोना रोया। वहीं सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी यूजर्स ने भारत-पाकिस्तान के बीच खराब रिश्ते को और बढ़ावा दिया। सोशल मीडिया पर एक तरफ पाकिस्तान टीम को दरियादिल दर्शाया गया और भारतीय टीम को दुश्मन बताया गया।

निर्बाज रमजान नाम की यूजर ने कहा, “मैच के बाद हाथ नहीं मिलाया। पाकिस्तान टीम इंडिया के हाथ मिलाने का इंतजार कर रही थी लेकिन वे नहीं आए।” इस रिएक्शन में पाकिस्तानी क्रिकेट टीम को ‘महान’ बनाकर पेश किया गया।

मर्यम नाम की यूजर ने एक्स पर लिखा, “भारतीय कप्तान ने टॉस और मैच के बाद हाथ मिलाने से इनकार कर दिया, जो पाकिस्तान का साफतौर पर अपमान है। फिर भी पंजाबी कहते हैं कि “भारत नहीं, अफगनिस्तान दुश्मन है” जबकि अफगान टीम ने हमारी टीम का गर्मजोशी से स्वागत किया। अजीब बात है कि हकीकत हर बार उन्हें गलत साबित करती है।”

सिम्बा नाम से एक्स यूजर ने कहा, “क्रिकेट को हमेशा से सज्जनों का खेल कहा जाता रहा है लेकिन आज भारत ने एक साधारण हाथ मिलाने से इनकार करके इसके इमोशन पर दाग लगा दिया, जो स्पोर्ट्समैनशिप के बिल्कुल खिलाफ है। इसके विपरीत, पाकिस्तान ने शालीनता से आगे बढ़कर साबित कर दिया कि असल में दिल किसका होता है। आगे बढ़ो, लड़कों, दिल जीतते रहो।”

जहानजैब दुर्रानी नाम की यूजर ने कहा, “मैच के बाद हाथ मिलाने से इनकार करके और दरवाजा बंद करके, भारतीय टीम ने दिखा दिया कि वे कितने बेढंगे और तुच्छ हैं। छोटे दिल, छोटा दिमाग!!! ठीक यही वजह है कि जिन्ना ने कहा था कि हमारे बीच कुछ भी समान नहीं है। शुक्र है कि हमने अपनी आजादी ले ली और हमें उनके साथ नहीं रहना पड़ रहा। छोटे लोग हैं।”\

जहानजैब दुर्रानी के कमेंट का स्क्रीनशॉट

भारतीय खिलाड़ियों के No Handshake ने दर्शाया देशप्रेम

भारतीय टीम के हाथ ना मिलाने पर पाकिस्तान ने रोना शुरू कर दिया। इससे साफ नजर आता है कि पाकिस्तान अब भी भारत के सामने झुका हुआ है। भारतीय टीम का रवैया पाकिस्तान को ‘छोटी हरकत’ लगा, तो मुल्क का आतंकी को पनाह देना किस हद तक सही है। शायद पाकिस्तान भूल गया है कि भारत का यह रवैया देशप्रेम है, ये उन पीड़ितों का सम्मान है, जिन्होंने पहलगाम आतंकी हमले में अपनी जान गवा दी। वही हमला, जिसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान को शिकस्त दी।

भारतीय क्रिकेट टीम के कोच गौतम गंभीर ने भी इस हैंडशेक विवाद पर बात करते हुए कहा, “यह मैच हमारे लिए महत्वपूर्ण था क्योंकि हम पहलगाम हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ एकजुटता दिखाना चाहते थे और उन्होंने जो कुछ भी सहा, उसके लिए भी। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि हम भारतीय सेना को उनके सफल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहते हैं। हम अपने देश को गौरवान्वित और खुश करने की कोशिश करेंगे।”

टीम के कप्तान सूर्य कुमार यादव ने भी मैच के बाद दिए बयान में कहा, “पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं, हम अपनी एकजुटता व्यक्त करते हैं और इस जीत को आर्म्ड फोर्सेस को समर्पित करना चाहते हैं।

सूर्या ने पाकिस्तान के ख‍िलाड़‍ियों संग हाथ ने म‍िलाने की वजह भी स्पष्ट की। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार और BCCI पूरी तरह से एकमत थे। हमने फैसला लिया कि हम सिर्फ खेल खेलने आए हैं और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया।

देशप्रेम में भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी टीम से हाथ नहीं मिलाया। इसके बावजदू अगर पाकिस्तान इसे ‘छोटी हरकत’ समझता है तो समझता रहे। लेकिन भारत द्वारा पाकिस्तान के किसी भी ‘शांतिप्रिय’ बयान को माना नहीं जाएगा। देशप्रेम में भारत अब पाकिस्तान को बॉयकॉट भी करना चाहे तो करेगा, चाहे वह क्रिकेट जैसे लोकप्रिय खेल में ही क्यों न हो। पाकिस्तान और भारत बहुत अलग हैं।



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