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न कोई शिकायत दी, न जवाब… बस रोए जा रहे वोट चोरी का रोना- राहुल गाँधी के आरोपों को सुन भड़का चुनाव आयोग: कहा- उनकी ‘धमकियाँ’ तथ्यहीन, अधिकारी कॉन्ग्रेस नेता को करें नजरअंदाज


चुनाव आयोग ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी के वोट चोरी से जुड़े आरोपों का खंडन करते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है। चुनाव आयोग ने राहुल गाँधी के बयान को भ्रामक, तथ्यहीन और धमकाने वाला बताते हुए कहा कि आयोग इस तरह के निराधार आरोपों को नजरअंदाज करता है।

आयोग ने अपने बयान में कहा, “चुनाव आयोग रोजाना लगाए जा रहे ऐसे निराधार आरोपों को नजरअंदाज करता है और हर दिन धमकियाँ दिए जाने के बावजूद आयोग सभी चुनाव अधिकारियों से ऐसे गैर-जिम्मेदार बयानों को नजरअंदाज कर निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से काम करने का अनुरोध करता है।”

चुनाव आयोग का कहना है कि राहुल गाँधी मीडिया में चुनाव आयोग और चुनाव प्रक्रिया के खिलाफ बयानबाजी तो कर रहे हैं लेकिन उन्होंने अपने आरोपों पर चुनाव आयोग के पत्रों का कोई जवाब नहीं दिया है। साथ ही, उन्होंने लगातार आरोप लगाने के बावजूद चुनाव आयोग में कोई औपचारिक शिकायत भी दर्ज नहीं कराई है।

चुनाव आयोग ने बताया कि उन्होंने राहुल गाँधी को बीते 12 जून को एक मेल भेजा था और अपनी शिकायत दर्ज करने को कहा था लेकिन उन्होंने उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। आयोग का कहना है कि उस दिन उन्होंने राहुल गाँधी को एक पत्र भी भेजा लेकिन उस पर भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया है।

चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि उन्हें राहुल गाँधी की तरफ से किसी भी मामले पर कोई भी शिकायत या पत्र नहीं मिला है। आयोग ने राहुल के आरोपों को निंदनीय बताया और कहा कि बहुत आश्चर्यजनक बात है कि राहुल गाँधी बेतुके आरोप लगा रहे हैं और अब तो उन्होंने चुनाव आयोग और उसके कर्मचारियों को धमकाना भी शुरू कर दिया है।

इससे पहले राहुल गाँधी ने चुनाव आयोग के सीधे तौर पर वोट चोरी में शामिल होने का दावा किया था। उन्होंने चुनाव आयोग के अधिकारियों को धमकाते हुए कहा था कि वो अधिकारियों को छोड़ेंगे नहीं और रिटायर होने के बाद भी उन्हें ढूंढकर निकालेंगे।

राहुल गाँधी ने संसद के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था, “हम हमारे पास स्पष्ट सबूत हैं कि वोट चोरी हो रही है और चुनाव आयोग वोटों की चोरी में शामिल है। मैं यह बात हल्के तौर पर नहीं बोल रहा हूँ बल्कि 100% सबूतों के आधार पर बोल रहा हूँ। जैसे ही हमने ये (सबूत) जारी किए तो देश को पता चल जाएगा कि चुनाव आयोग बीजेपी के लिए मतदाताओं की चोरी करा रहा है।”

उन्होंने कहा, “हमें मध्य प्रदेश के चुनाव और विधानसभा चुनाव में शक था, जो महाराष्ट्र में थोड़ा और पुख्ता हुआ। हमें लगा कि राज्य स्तर पर वहाँ चोरी हुई है। एक करोड़ वोटर जोड़े गए थे और 6 महीने तक गहराई से जाँच कराने पर जो हमें मिला है वो एटम बम है। फटेगा तो चुनाव आयोग भारत में दिखेगा नहीं।”

राहुल ने चुनाव आयोग के अधिकारियों को धमकाते हुए कहा, “मैं गंभीरता से बोल रहा हूँ कि चुनाव आयोग में जो भी ये काम कर रहे हैं, ऊपर से नीचे तक, आप लोग याद रखिए, आपको हम छोड़ेंगे नहीं चाहे कुछ भी हो जाए। आप हिंदुस्तान के खिलाफ काम कर रहे हो और यह देशद्रोह है। आप कहीं भी हों चाहे रिटायर हो गए हों हम आपको ढूँढकर निकालेंगे।”

राहुल गाँधी बीते कई वर्षों से कई राज्यों में कॉन्ग्रेस की हार के बाद से ही चुनाव आयोग पर लगातार हमला करते रहे हैं। वह बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले की गई विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे हैं।

कॉन्ग्रेस ने राहुल गाँधी का यह बयान X पर भी शेयर किया था जिस पर चुनाव आयोग ने जवाब दिया है। चुनाव आयोग ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 के बाद एक भी कॉन्ग्रेस उम्मीदवार द्वारा कोई याचिका नहीं दायर की गई थी। आयोग ने कहा, “लोकसभा चुनाव 2024, आज से एक वर्ष से अधिक समय पूर्व सम्पन्न हुए थे। चुनाव परिणामों के विरुद्ध कुल 10 Election Petitions दायर की गईं लेकिन इन में से एक भी याचिका किसी भी हारे हुए कॉन्ग्रेस उम्मीदवार द्वारा दायर नहीं की गई थी।”

आयोग ने कहा कि एक साल बाद लाखों चुनाव कर्मियों पर बेबुनियाद आरोप लगाना, बार-बार डराना-धमकाना और वोट चोरी जैसे शब्दों का उपयोग करना एक बेहद गैर-जिम्मेदाराना तरीका है।

यह पहली बार नहीं है जब राहुल गाँधी के बयानों का चुनाव आयोग ने फैक्ट चेक किया है। इससे पहले भी राहुल गाँधी के बयानों पर आयोग ने लगातार प्रतिक्रिया दी है और चुनावी प्रक्रिया में किसी भी तरह के धांधली के आरोपों को खारिज किया है।



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