नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल के सलाहकार सुनील बहादुर थापा ने आतंकवाद को क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया है। उन्होंने 9 जुलाई को काठमांडू में नेपाल इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल को ऑपरेशन एंड एंगेजमेंट की ओर से आयोजित सेमिनार में कही। सेमिनार ‘दक्षिण में आतंकवाद: क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए चुनौतियाँ’ विषय पर आयोजित की गई थी।
नेपाल से खुली सीमा का उठा सकता है फायदा
भारत और नेपाल के बीच 1751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा रेखा है। यहाँ चौकसी काफी कम होती है। आतंकवादियों के लिए अपनी पहचान छिपा कर इससे आना दूसरी जगहों की तुलना में आसान है। जम्मू कश्मीर में आतंकियों की एंट्री पर कड़ा पहरा होने के बाद आतंकी दूसरे दरवाजे की तलाश कर रहे हैं इसलिए हाल के वर्षों में नेपाल में आतंकी गतिविधियाँ बढ़ गई हैं। नेपाल से भारत के बीच आने-जाने के लिए सड़क मार्ग आसान है। यहाँ वीजा नहीं लगता और हर दिन हजारों लोग सीमा पार करते हैं। नेपाली दस्तावेज बनाना यहाँ आसान है।
नेपाल में हिन्दू बहुसंख्यक हैं। इसके बाद बौद्ध का नंबर आता है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यहाँ मुस्लिमों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है खास कर भारत-नेपाल से सटे तराई क्षेत्रों में। साल 2021 की जनगणना के मुताबिक मुस्लिम की जनसंख्या 4.27 फीसदी है। ये लोग सबसे ज्यादा 7 जिले में रहते हैं जो यूपी-बिहार से सटे हैं। इन जगहों में आईएसआई के स्लीपर सेल की मौजूदगी भी बताई जाती है। इनसे भारत-नेपाल सीमा की जानकारी लेने और आतंकियों के घुसपैठ के लिए किया जा सकता है।
आतंकवाद को खत्म करने के लिए सहयोग जरूरी
सुनील कुमार थापा ने भारत-नेपाल के मजबूत सहयोग की चर्चा की और खुफिया जानकारी शेयर करने, मनी लॉन्ड्रिंग पर एक्शन और सीमा की चौकसी बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खात्मे के लिए भारत के साथ सहयोग बढ़ाना होगा। सेमिनार में पाकिस्तान में आतंक को मिल रही पनाह को क्षेत्रीय देशों और सार्क के लिए बड़ी चुनौती बताया है।
ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ की नेपाल ने
उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ आतंकवाद पर एक मजबूत चोट था। इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान स्थित 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। थापा ने याद दिलाया कि पहलगाम हमले में एक नेपाली भी आतंकवाद की भेंट चढ़ गया था। इससे पता चलता है कि आतंकवाद की जद में सिर्फ एक देश नहीं बल्कि कई देश हैं।
पहले भी नेपाल की जमीन का इस्तेमाल किया था आतंकियों ने
1999 में इंडियन एयरलाइंस का विमान आईसी-814 का अगवा किया गया था। ये विमान काठमांडू से दिल्ली आ रहा था। आतंकवादी काठमांडू एयरपोर्ट की सुरक्षा चूक का फायदा उठाते हुए फ्लाइट में चढ़ गए। आतंकियों के पास आधुनिक हथियार थे। इनलोगों ने विमान का अपहरण कर लिया था।