एक महिला अपने घर से काम पर निकलती है। बीच रास्ते में उसे एक नंगा युवक गन्ने के खेत में खींचने की कोशिश करता है। यह घटना मेरठ की है। जहाँ पिछले कई दिनों से ‘न्यूड गैंग’ का आतंक पसरा हुआ है।
पीड़ितों की मानें तो इस गैंग के लड़के नंगे होते हैं। उनके बाल लंबे और घने होते हैं। बदन में तेल पोते होते हैं ताकि कोई पकड़ ना सके।
ये उसी तरह का खौफ है। जैसे कुछ साल पहले दिल्ली में ‘काला बंदर’ का था। कानपुर में ‘मुँह नोंचवा बंदर’ का था। पर मेरठ का मामला इन दोनों से अलग है। दिल्ली और कानपुर के मामले कहीं न कहीं सामूहिक भय और अफवाह से पैदा हुए थे और लोगों को घरों में कैद कर दिया था।
लेकिन मेरठ के मामले में एक पीड़िता FIR दर्ज करवा चुकी है। FIR दर्ज होने के बाद कई और पीड़िताएँ भी सामने आई है। जो कहती हैं कि उन्होंने बदनामी के डर से उन पर बीती घटनाओं के बारे में किसी को नहीं बताया था।
पुलिस सादी वर्दी में गन्ने के खेतों में इस गैंग के लोगों की तलाश कर रही है। ड्रोन से निगरानी की जा रही है। पुरुष खुद पहरा दे रहे हैं। पर अभी तक कुछ ठोस हाथ नहीं लगा है।
मेरठ के भराला और इकलौता गाँव में नंगे युवकों ने बनाया निशाना
‘न्यूड गैंग’ का ये आतंक मेरठ के भराला और इकलौता गाँव में पैर पसार रहा है। इन दोनों गाँवों में महिलाओं को निशाना बनाया गया। दो घटनाओं में FIR हुई हैं। एक महिला को नौकरी पर जाते वक्त तो अन्य 3 छात्राओं को स्कूल से घर लौटते वक्त नंगे युवकों ने खेत की तरफ खींचा।
भराला गाँव में जिस महिला को गन्ने के खेत की ओर खींचा था, उसने युवक का शरीर देखा था। महिला ने बताया कि युवक ने कपड़े नहीं पहने थे और मुँह को ढका हुआ था। महिला के चींखने पर जब उसे बचाने पास में काम कर रहे मजदूर दौड़े हुए आए तो युवक भाग निकला।
वहीं इकलौता गाँव में दोपहर के समय 3 छात्राएँ घर लौट रही थी जब अचानक गन्ने के खेत से एक युवक निकला। छात्राओं ने भी यही बताया कि युवक ने कपड़े नहीं पहने थे। छात्रा जब चिल्लाने लगी तो युवक भाग गए। इस बार भी युवक का चेहरा नहीं देखा गया।
महिलाएँ-बेटियों ने शर्म से नहीं बनाई आपबीती, अब सुरक्षा का डर
सिर्फ दो मामलों में FIR दर्ज की गई है। जबकि कई और महिलाओं ने मामला सामने आने के बाद आपबीती सुनाई है, जो शर्म से पहले चुप बैठी थीं। गाँव की बाकी महिलाएँ घटनाएँ सुनकर खौफ में आ गई हैं। अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
दैनिक भास्कर से बातचीत में गाँव के निवासी विनीत भराला बताते हैं कि महिलाओं ने अब गाँव से बाहर निकलना बंद कर दिया है, सिर्फ मजबूरी में बाहर आती हैं। घर से बाहर भी अब महिलाओं ने समूह बनाकर निकलना शुरू कर दिया है।
भराली गाँव की पीड़िता की सास संतोष खुद डंडा लेकर घर के बाहर पहरा दे रही हैं। संतोष कहती हैं हमारे घर में और भी बहन-बेटियाँ हैं, सबकी सुरक्षा जरूरी है, इसीलिए मैं खुद लाठी लेकर बाहर खड़ी हो जाती हूँ।
पुलिस ने चलाया तलाशी अभियान
पुलिस भी ‘न्यूड गैंग’ की दहशत के बाद अलर्ट हो गई है। पूरे गाँव में तलाशी अभियान चलाया गया है। खेतों के ऊपर ड्रोन से निगरानी की जा रही है। पुलिसकर्मी लाठी-डंडे लेकर गाँव की सीमा पर पहरा दे रहे हैं। दिन में तीन बार QRT की गाड़ियाँ गाँव में गश्त कर रही हैं। पूरे गाँव में सीसीटीवी लगाए गए हैं।
SSP विपिन टाडा ने बताया कि गाँववालों की सूचना के बाद ही पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू किया है, अब तक कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं देखी गई है।