तेजस

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने दुबई एयर शो में तेजस फाइटर जेट के घातक क्रैश के बाद डर को शांत करने की कोशिश की है। कंपनी ने इसे अलग घटना कहा और अपने ऑपरेशंस या डिफेंस कमिटमेंट्स पर किसी बड़े असर से इनकार किया।

सोमवार (24 नवंबर 2025) को जारी नए बयान में सरकारी एयरोस्पेस कंपनी ने साफ किया कि इस हादसे से उसकी बिजनेस गतिविधियाँ, वित्तीय स्थिति या तय समय पर डिलीवरी की प्रतिबद्धताएँ प्रभावित नहीं होंगी। HAL ने बताया कि वह जाँच कर रही एजेंसियों के साथ पूरी तरह सहयोग कर रहा है और जैसे-जैसे जाँच आगे बढ़ेगी, सभी संबंधित पक्षों को जानकारी देता रहेगा।

अल मकतूम इंटरनेशनल एयरपोर्ट 21 नवंबर 2025 को हादसा हुआ। एयर शो के दौरान स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस ने कम ऊँचाई पर एक मुश्किल करतब किया, तभी अचानक उसकी ऊँचाई कम हो गई और विमान तेज धमाके के साथ जमीन से टकरा गया। हादसे के बाद आग का बड़ा गोला बना और काला धुआँ आसमान में फैल गया।

दुर्घटना में भारतीय वायु सेना के पायलट विंग कमांडर नमांश सयाल की जान चली गई। यह भारतीय वायु सेना और देश के रक्षा समुदाय के लिए बड़ा झटका है।

यूएई के रक्षा मंत्रालय ने हादसे की पुष्टि की है, जबकि भारतीय वायु सेना ने दुर्घटना की सही वजह जानने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है। शुरुआती आकलन में कुछ रक्षा विशेषज्ञों ने ‘G-फोर्स ब्लैकआउट’ की संभावना जताई है, ऐसी स्थिति जिसमें उड़ान के दौरान बहुत अधिक गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से पायलट कुछ समय के लिए बेहोश हो सकता है। हालाँकि, अधिकारी अभी इस पर आधिकारिक पुष्टि नहीं कर रहे हैं।

इस बीच, पाकिस्तान और चीन से जुड़े सोशल मीडिया बॉट्स और ट्रोल नेटवर्क एक नकारात्मक ऑनलाइन मुहिम चला रहे हैं, जिसमें झूठा दावा किया जा रहा है कि इस हादसे से तेजस लड़ाकू विमान पर संभावित खरीदारों का भरोसा कम हो गया है।

लेकिन यह तथ्य दबाया जा रहा है कि ऐसी दुर्घटनाएँ दुनिया भर में होती हैं, अमेरिकी और चीनी लड़ाकू विमानों के साथ भी खासकर एयर शो के दौरान, जब जेट अपनी अधिकतम क्षमताओं पर उड़ाए जाते हैं। ये उड़ानें सामान्य उड़ानों जैसी नहीं होतीं, बल्कि बेहद कठिन, तेज और कम ऊँचाई पर किए जाने वाले करतब होते हैं। ऐसे में पायलट के पास गलती सुधारने का समय और जगह बहुत कम होती है।

घबराहट में गिरे शेयर, फिर संभल गए

इस हादसे का असर शेयर बाजार में तुरंत दिखाई दिया। HAL के शेयरों में तेज गिरावट आई और BSE पर यह दिन के दौरान करीब 9% टूटकर ₹4,205 तक गिर गया। निवेशकों को डर था कि कंपनी की छवि को नुकसान होगा और उसके निर्यात सौदों पर असर पड़ सकता है।

लेकिन कुछ ही समय बाद शेयर ने अपनी गिरावट का बड़ा हिस्सा संभाल लिया और करीब ₹4,430 के आसपास ट्रेड करने लगा। यह अब लगभग 3.6% नीचे था, जिससे साफ हुआ कि शुरुआती गिरावट ज्यादा भावनात्मक थी, न कि कंपनी की असली स्थिति पर आधारित।

बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट घबराहट में की गई सेलिंग थी। HAL का ऑर्डर बुक अभी भी बहुत मजबूत है और उसके पास तेजस Mk-1A लड़ाकू विमानों के बड़े ऑर्डर लंबित हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि जब तक जाँच में कोई गंभीर तकनीकी खामी सामने नहीं आती, तब तक कंपनी इस अस्थायी झटके से आसानी से निकल सकती है।

अलग-थलग दुर्घटना है, न कि सिस्टम की विफलता

इस हादसे के बाद भारत की स्वदेशी रक्षा उत्पादन व्यवस्था पर फिर से बहस शुरू हो गई है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ एक दुर्घटना के आधार पर घरेलू रक्षा तकनीक को गलत ठहराना ठीक नहीं है।

कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की जाँच चल रही है और अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि दुर्घटना की असल वजह क्या थी, क्या यह मानवीय गलती थी, उड़ान मुश्किल परिस्थितियों में थीं या फिर कोई तकनीकी समस्या। यह दुर्घटना दुखद थी, लेकिन एक अकेली घटना थी। भारत का तेजस हल्का लड़ाकू विमान कार्यक्रम सुरक्षित है और अपनी निर्धारित दिशा में आगे बढ़ रहा है।



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