दिल्ली के सीमापुरी इलाके की बंगाली बस्ती में शुक्रवार (4 जुलाई 2025) को ऑल इंडिया न्यूज़ की पत्रकार सुप्रिया पाठक और कैमरामैन श्याम पर इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ ने जानलेवा हमला किया। बुर्का पहने महिलाओं ने न सिर्फ सुप्रिया को पीटा बल्कि उनके बाल भी खींचे।

मुस्लिम भीड़ द्वारा हिंदू पत्रकारों पर हमले की ये घटना ना तो पहली बार हुई है, ना ही इसमें कोई बात ऐसी है, जिसके चलते इसे नई घटना का दर्जा दिया जा सकता हो। यूँ तो अनगिनत घटनाएँ ऐसी रही हैं, लेकिन आइए उदाहरण के तौर पर उनमें से 14 घटनाओं पर विस्तार से चर्चा करते हैं।

सीमापुरी में All India News की पत्रकार सुप्रिया और कैमरामैन श्याम पर मुस्लिम भीड़ का हमला

दिल्ली के सीमापुरी इलाके की बंगाली बस्ती में शुक्रवार (4 जुलाई 2025) की शाम ऑल इंडिया न्यूज़ की पत्रकार सुप्रिया पाठक और उनके कैमरामैन श्याम पर मुस्लिमों की भीड़ ने जानलेवा हमला किया। यह हमला उस समय हुआ जब सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण और झुग्गी-झोपड़ी के मुद्दे पर सुप्रिया रिपोर्टिंग करने के लिए तैयार थी और उनके कैमरामैन श्याम बंगाली मार्केट के पास एक मस्जिद के सामने कैमरा लेकर खड़े थे।

मुस्लिम महिलाओं ने सुप्रिया के बाल खींचे, भीड़ ने दोनों को पत्थर और बेल्ट से मारा। इस हमले में सुप्रिया का एक पैर भी टूट गया। हमलावरों ने उनके कैमरा और माइक के साथ-साथ उनका फोन और पर्स भी छीन लिया।

दिल्ली में मुस्लिम भीड़ का हिंदू महिला पत्रकार पर हमला

दिल्ली में बुधवार (2 जुलाई 2025) को एक हिंदू महिला पत्रकार अवैध रुप से रह रहे कुछ मुस्लिमों से बात करने पहुँची थी। इसी बीच मुस्लिमों की भीड़ ने उसे घेर लिया और मारना शुरू कर दिया। कट्टरपंथियों ने महिला पत्रकार पर पत्थरों से हमला किया, जबकि वो केवल रिपोर्टिंग कर रही थी। जब उसने उनके वहाँ अवैध रुप से रहने पर सवाल उठाया तो भीड़ उसे चाकू दिखाकर डराने लगी।

जयपुर में मुस्लिमों के क्षेत्र में रिपोर्टिंग कर रही थी महिला, मुस्लिमों ने सरेआम दी धमकी

राजस्थान के जयपुर में 28 अप्रैल 2025 को एक महिला पत्रकार रिपोर्टिंग करने उस इलाके में पहुँची, जहाँ मुस्लिमों की संख्या हिंदूओं की अपेक्षा अधिक थी। इसी बीच मुस्लिम भीड़ ने महिला पत्रकार को कैमरा बंद करने के लिए कहा, जब उसने ऐसा करने से इंकार किया तो वे उसे धमकी देकर इलाके से भगाने लगे।

दिल्ली में वक्फ प्रदर्शन कर रही भीड़ का सुदर्शन न्यूज के पत्रकारों पर हमला

दिल्ली में 17 मार्च 2025 को मुस्लिम प्रदर्शनकारी वक्फ के विरोध में धरनारत थे। अन्य मीडियाकर्मियों की तरह ही सुदर्शन न्यूज के पत्रकारों ने भी वहाँ इकट्ठा हुए मुस्लिमों से इस बारे में सवाल किया। क्योंकि मुस्लिम जवाब ही नही दे पा रहे थे, इसलिए उन्हें पलट कर पत्रकारों पर ही हमला करना ठीक लगा। और तिलमिलाए कट्टरपंथियों ने सुदर्शन न्यूज के जर्नलिस्ट्स पर हमला कर दिया।

नैनीताल के हल्द्वानी में मुस्लिम भीड़ का अमर उजाला के पत्रकार पर हमला

नैनीताल के हल्द्वानी में 8 फरवरी 2024 को बनभूलपुरा में बने अवैध मस्जिद और मदरसों को गिराने के उद्देश्य से प्रशासनिक टीम पहुँची हुई थी। इस दौरान यहाँ मीडियाकर्मी भी मौजूद थे। अवैध होने के बावजूद मस्जिद को ढहाने के फैसले से नाखुश मुस्लिमों ने न सिर्फ प्रशासनिक समूहों से मारपीट की बल्कि पत्रकारों को भी पीटा।

इनमें वे पत्रकार भी शामिल थे, जिन्होंने कभी इन्ही कट्टरपंथियों के समर्थन में खबरें छापी थी। इस हमले में अमर उजाला के पत्रकार राजेंद्र सिंह बिष्ट भी चोटिल हुए थे। यही नहीं मुस्लिमों ने पुलिस स्टेशनों और पेट्रोल पंप को भी जलाने के साथ-साथ एक पुलिसकर्मी को भी जिंदा जलाने की कोशिश की थी।

उत्तराखंड के हल्द्वानी में चुन-चुन कर हुआ था हिंदू पत्रकारों पर हमला

उत्तराखंड के हल्द्वानी में फरवरी 2024 की हिंसा में दंगा करने वाले मुस्लिमों ने पुलिस प्रशासन और वहाँ रिपोर्टिंग कर रहे हिंदू पत्रकारों की पहचान कर उनपर हमला किया था। समाचारपत्र अमृत विचार के पत्रकार संजय भी इसमें घायल हुए थे। उनकी हालत इतनी नाजुक थी कि कई दिनों तक वे ICU में भर्ती थे।

लखनऊ में मोनिस और एहसान ने काट दी थी पत्रकार की उंगलियाँ

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 29 अप्रैल 2025 को जाने-माने साहसी पत्रकार कवि तिवारी पर मोहम्मद मोनिस, मोहम्मद एहसान और उसके साथियों ने घात लगाकर हमला कर दिया। इन मुस्लिम हमलावरों ने कवि तिवारी पर उस वक्त हमला किया, जब वे मंदिर जा रहे थे।

अचानक हुए इस हमले में उन्हें गंभीर चोटें आई। हमलावरों ने उन पर चाकू से कई बार गंभीर वार किए, जिसके चलते उनकी उंगलियाँ ही नहीं मुँह भी बुरी तरह से कट गया।

झारखंड में मुस्लिमों ने घंटों तक रोके रखी महिला पत्रकार की कार

झारखंड के पाकुड़ में 18 अक्टूबर 2024 को महिला पत्रकार अर्चना अवैध रोहिंग्या और बांग्लादेशियों पर रिपोर्टिंग करने पहुँची थी। जिस समय उसकी कार पाकुड़ से गुजर रही थी। उसी समय मुस्लिमों ने अर्चना के पास पहुँचकर उन्हें धमकी दी। मुस्लिमों ने उनकी कार को रोककर काफी देर हंगामा किया। और उन्हें जाने से रोके रखा। वहाँ किसी तरह अर्चना ने खुद की जान बचाई और निकल पाई।

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में महिला पत्रकार के साथ मारपीट

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में 31 मार्च 2024 को मुख्तार अंसारी के निधन के बाद रिपोर्टिंग करने पहुँची महिला पत्रकार अर्चना तिवारी पर मुस्लिम भीड़ ने हमला कर दिया था। यहाँ अर्चना को घेरने की कोशिश की गई। रिपोर्टिंग के दौरान महिला पत्रकार के साथ धक्का-मुक्की भी की गई। इस हमले में अर्चना को चोट भी आई।

दैनिक जागरण के पत्रकार पर मुस्लिम भीड़ का हमला

उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर में 10 जुलाई 2024 को दैनिक जागरण के पत्रकार अमित पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने धारदार हथियार से हमला किया था। इसमें उन्हें गंभीर चोटें आई थी। बड़ी मुश्किल से अमित ने मुस्लिम भीड़ से अपनी जान बचाई थी।

रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकार पर मुस्लिम भीड़ के इशारे के बाद हमला

सुदर्शन न्यूज का एक पत्रकार 31 अगस्त 2023 को रिपोर्टिंग कर रहा था। इसी बीच एक मुस्लिम व्यक्ति ने उन पर हमला कर दिया। इतना ही नहीं पत्रकार के ऊपर अपनी गाड़ी चढ़ाने की भी कोशिश की। जिसकी वजह से पत्रकार जमीन पर गिर गया था।

कर्नाटक में गोहत्या का खुलासा करने वाली महिला पत्रकार पर मुस्लिम भीड़ का हमला

कर्नाटक में हसन जिले के पेंशन मोहल्ले में 5 दिसंबर 2020 को अवैध रूप से गोहत्या करने वाले गिरोह की सच्चाई सामने लाने वाली एक महिला पत्रकार पर मुस्लिम भीड़ ने हमला कर दिया। भीड़ में शामिल बुर्काधारी महिलाओं ने महिला पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार तो किया ही उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी।

केरल में रिपब्लिक टीवी की पत्रकार पूजा प्रसन्ना पर मुस्लिम भीड़ का हमला

केरल के पतनमतिट्टा में 17 अक्टूबर 2018 को सबरीमाला मंदिर पर कवरेज के दौरान रिपब्लिक टीवी की पत्रकार पूजा प्रसन्ना पर मुस्लिम भीड़ ने हमला किया था। इस बीच इस्लामी कट्टरपंथियों ने पूजा प्रसन्ना की कार का शीशा तोड़ने की भी कोशिश की।

कर्नाटक में अवैध बूचड़खाने की रिपोर्टिंग करने पर इंडिया टूडे के पत्रकार पर हमला

कर्नाटक के रामनगर जिले के कोडिपल्या गाँव में 10 अगस्त 2018 को अवैध बूचड़खानों के खिलाफ छापेमारी के दौरान इंडिया टुडे के एक पत्रकार रिपोर्टिंग कर रहे थे इसी बीच मुस्लिम भीड़ ने बूचड़खाने के बाहर पत्रकार और पुलिस की टीम कर हमला कर दिया। यहाँ छापेमारी के बाद 71 बछड़ों को छुड़ाया गया था, वहीं 7 आरोपितों के खिलाफ FIR भी दर्ज की गई थी।

सोचने वाली बात है कि आखिर इस्लामी कट्टरपंथियों की ऐसी कौन सी योजना है, जिसको छिपाने की कोशिश में ये इस निर्ममता पर उतर आते हैं। जब किसी अवैध निर्माण के लिए पत्रकार इनसे सवाल करते हैं और इन मुस्लिमों के पास जवाब नहीं होता, तो ये जानलेवा हमला कर अपने गलत मंसूबों की सच्चाई सामने आने से बचाने में जुट जाते हैं।



Source link

Search

Categories

Recent Posts

Tags

Gallery