जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर लगी आग शराब की बोतलें के फटने से लगी थी। ये शराब की बोतले उन नोटों की गड्डियों के पास रखी थी, जो जलती हुई पाई थी। यह सारी बातें इस मामले की जाँच रिपोर्ट में सामने आई।
जस्टिस यशवंत वर्मा मामले में सुप्रीम कोर्ट की एक हाई लेवल ज्यूडिशियल कमेटी ने 64 पन्नों की रिपोर्ट में पेश की थी, जिसमें ये सारी बातें सामने आई। शराब की बोतलें होने की जानकारी एक फाइरफाइटर परविंदर मिलक ने दी है।

फायरफाइटर परविंदर मलिक ने बताया कि नोट स्टोररूम के दाहिनी ओर पड़े थे और ऐसा लग रहा था कि इन्हें प्लास्टिक की थैलियों में रखा गया था। नोट लगभग पूरी तरह जल चुके थे। परविंदर ने यह भी बताया कि उनके साथी प्रदीप को एक वीडियो में देखा जा सकता है, जो स्टोररूम में सुलगती हुई आग बुझा रहा है।
रिपोर्ट में यह भी बताया कि स्टोररूम में एक शराब कैबिनेट स्विच बॉक्स के पास रखा हुआ था। फायरफाइटर परविंदर मलिक ने बताया कि आग बुझाते समय बाईं ओर शराब की बोतलों के टकराने की आवाज़ आई, जिससे स्टोररूम के दाहिनी ओर आग और तेज़ हो गई।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि आग लगने के समय जस्टिस वर्मा शहर से बाहर थे और उनके घर में किसी के पास भी स्टोररूम की चाबी नहीं थी, इसलिए सुरक्षा गार्डों को ताला तोड़कर आग बुझाने वालों को अंदर जाने देना पड़ा था।
कमेटी की रिपोर्ट और आगे की कार्रवाई
जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से जले हुए नोट मिलने की तस्वीरें सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का संज्ञान लिया था। इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट ने जाँच के लिए एक 3 मेंबर पैनल का गठन किया। इस पैनल ने 10 दिनों की जाँच के बाद अपनी रिपोर्ट तत्कालीन CJI संजीव खन्ना को सौंपी। अब इसी रिपोर्ट की एक कॉपी वायरल हो रही है।
इस पैनल में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस जीएस संधवालिया और कर्नाटक हाई कोर्ट की जज अनु शिवरमण शामिल थीं। पैनल ने 10 दिनों में 55 गवाहों से पूछताछ की और जस्टिस वर्मा के घर पर उस जगह का भी दौरा किया जहाँ आग लगी थी।
सबूतों और गवाहों के बयानों को प्रिंसिपल ऑफ नेचुरल जस्टिस का पालन करते हुए जस्टिस वर्मा को भी भेजा गया था। रिपोर्ट के अंत में कहा गया है कि जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ आरोप इतने गंभीर हैं कि उन्हें जज के पद से हटाने की कार्यवाही शुरू की जा सकती है।
मामला क्या है?
यह पूरा मामला दिल्ली हाई कोर्ट के तत्कालीन जज यशवंत वर्मा के सरकारी बंगले में 14 मार्च, 2025 की रात को लगी आग से जुड़ा है। आग बुझाने के दौरान स्टोररूम से जले हुए 500-500 के नोटों का बड़ा ढेर मिला था। 23 मार्च, 2025 को जस्टिस वर्मा के सरकारी बंगले के पास कूड़े के ढेर में भी जले हुए नोट मिले थे।
इस घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जाँच के लिए कमेटी का गठन किया था। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी सुप्रीम कोर्ट की रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहने की बात कही थी।