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डॉन बॉस्को स्कूल में KG के बच्चे का ‘तिलक’ ईसाई महिला टीचर ने जबरन पोछा, कहा-दोबारा लगाया तो मार पड़ेगी: ऑपइंडिया से बोले पीड़ित परिजन- जानबूझकर करते हैं हिंदू धर्म का अपमान


ईसाई टीचर ने हिंदू छात्र के माथे से तिलक हटाया

असम के सोनितपुर ज़िले के सिरजुली स्थित डोन बॉस्को स्कूल में एक ईसाई कैथोलिक स्कूल की टीचर ने एक हिंदू बच्चे के माथे से ज़बरदस्ती ‘तिलक’ हटा दिया। मंगलवार (24 जून 2025) को भी बच्चे के साथ ऐसा ही व्यवहार किया गया और उसे दोबारा तिलक लगाकर आने पर धमकाया गया। इस घटना की जानकारी बच्चे ने माता-पिता को दी।

मामला क्या है?

सोमवार (23 जून 2025) को किंडरगार्टन (KG) में पढ़ने वाले बच्चे के माथे से टीचर रिनी रोज़ ने ‘तिलक’ मिटा दिया था। जब बच्चे ने घर जाकर अपने माता-पिता को यह बताया, तो वे तुरंत स्कूल पहुँचे और प्रिंसिपल (फादर) से शिकायत की। प्रिंसिपल ने माता-पिता को भरोसा दिलाया गया कि ऐसा फिर नहीं होगा।

लेकिन, अगले ही दिन मंगलवार (24 जून 2025) को बच्चे के साथ फिर वही हुआ। उसके माथे से तिलक ज़बरदस्ती हटाया गया। टीचर रिनी रोज़ ने बच्चे को धमकी भी दी कि अगर उसने दुबारा तिलक लगाया तो उसे मारा जाएगा। इस धमकी से बच्चा बहुत परेशान हो गया है।

हिंदू धर्म का जानबूझकर अपमान

पीड़ित बच्चे के चाचा, अवध किशोर वर्मा ने ढेकियाजुली पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई है। चाचा वर्मा ने कहा है कि यह सिर्फ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाना नहीं, बल्कि संविधान में दिए गए धर्म के पालन के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। चाचा ने इसे धार्मिक भेदभाव और हिंदू धर्म का जानबूझकर किया गया अपमान बताया है।

पुलिस शिकायत के बाद डोन बॉस्को स्कूल पहुँची, लेकिन प्रिंसिपल ने बताया कि आरोपित टीचर रिनी रोज़ घर जा चुकी हैं। स्कूल प्रशासन ने ‘ऑपइंडिया’ को बताया कि वे मामले की जानकारी लेने पुलिस स्टेशन जा रहे हैं।

अवध किशोर वर्मा ने यह भी बताया कि कुछ दिन पहले इसी कैथोलिक स्कूल के अधिकारियों ने एक हिंदू बंगाली छात्र की ‘तुलसी माला‘ भी ज़बरदस्ती हटा दी थी।

बंगाल के स्कूल ने तुलसी माला पहनने से रोका

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना ज़िले में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था। बारासात के नबापल्ली जोगेंद्रनाथ बालिका विद्यामंदिर में हिंदू छात्राओं को स्कूल की प्रधानाचार्य ने तुलसी की माला पहनने से रोक दिया था। स्कूल की प्रधानाचार्य इंद्राणी दत्ता चक्रवर्ती को छात्रा को कहते हुए सुना था स्कूल में तुलसी की माला पहनकर नहीं आ सकतें।

स्कूल की प्रधानाचार्य के इस आदेश की ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। इस पर काफी हंगामा हुआ, जिसके बाद स्कूल की प्रधानाचार्य को अपना आदेश वापस लेना पड़ा और बकायदा बिना किसी शर्त माफी माँगनी पड़ी।

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