अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत के साथ उनका एक व्यापार समझौता हो सकता है, जिसमें चीजें खरीदने-बेचने पर बहुत कम टैक्स लगेगा। इसे ‘मच लैस टैरिफ’ का नाम दिया गया है।
ट्रंप ने मंगलवार (1 जुलाई 2025) को बताया कि दोनों देशों के बीच बातचीत में कुछ रुकावटें आ रही हैं, फिर भी उन्हें उम्मीद है कि वे एक समझौता कर लेंगे। यह बात ट्रंप ने 9 जुलाई 2025 को अमेरिकी टैक्स (जिसे ‘लिबरेशन डे’ टैरिफ कहते हैं) की 90 दिन की रोक खत्म होने से ठीक पहले कही है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि उन्हें लगता है कि भारत के साथ एक व्यापार समझौता हो जाएगा। यह समझौता ‘अलग तरह’ का होगा, जिससे अमेरिका भारत के बाजार में ‘आसानी से चीजें बेच पाएगा।’
ट्रंप ने कहा, “अभी भारत अपने व्यापार में किसी को आसानी से अंदर नहीं आने देता।” उन्हें लगता है कि भारत इसमें बदलाव करेगा, और अगर ऐसा हुआ, तो सामानों पर बहुत कम टैक्स (टैरिफ) लगेगा।
#WATCH | On trade deals with India, US President Donald Trump says, "I think we are going to have a deal with India. And that is going to be a different kind of a deal. It is going to be a deal where we are able to go in and compete. Right now, India does not accept anybody in. I… pic.twitter.com/6c199NGm8B
— ANI (@ANI) July 1, 2025
कहाँ फँस रही है बात?
भारत और अमेरिका के अधिकारी एक व्यापार समझौता करने की कोशिश कर रहे हैं। अगर 9 जुलाई 2025 तक यह समझौता नहीं होता, तो अमेरिका भारत से आने वाले सामानों पर 26% टैक्स लगाने की योजना बना रहा है। इसमें पहले से लगा 10% टैक्स भी शामिल है।
बातचीत में सबसे बड़ी रुकावट यह है कि भारत अपने डेयरी उत्पादों (दूध, दही आदि) का बाजार विदेशी कंपनियों के लिए नहीं खोलना चाहता। अमेरिका चाहता है कि भारत डेयरी और खेती से जुड़े सामानों जैसे सेब, सूखे मेवे और जेनेटिकली मॉडिफाइड फसलों पर कम टैक्स लगाए।
भारत की माँग
वहीं, भारत चाहता है कि अमेरिका उसके कपड़े, गहने, चमड़े के सामान और खेती से जुड़े उत्पादों जैसे झींगा, तिलहन, अंगूर और केले के लिए अपना बाजार खोले।
व्यापार के जानकार कहते हैं कि शायद दोनों देश कुछ खास सामानों और सेवाओं पर ही समझौता करें। जैसे- भारत से आने वाले कपड़े, चमड़े और गहने जैसे सामानों पर क्योंकि इन्हें बनाने में बहुत से मजदूर लगते हैं। बाकी चीजों को शायद अभी समझौते से बाहर रखा जाए।
आगे क्या होगा?
अभी यह साफ नहीं है कि बातचीत कैसे आगे बढ़ेगी। दोनों देश अपने-अपने फायदे देखना चाहते हैं। भारत के लिए डेयरी और खेती का मामला बहुत संवेदनशील है, जबकि अमेरिका इन क्षेत्रों में पूरी तरह से पहुँच चाहता है।
हालाँकि, अभी भारत से अमेरिका जाने वाले सामानों पर कोई असर नहीं पड़ा है, सिर्फ स्टील और एल्यूमीनियम जैसे कुछ सामानों पर पहले से ही ज्यादा टैक्स लगता है।