sudarshanvahini.com

जो जिले बांग्लादेश से सटे, जहाँ मुस्लिम बहुसंख्यक, वहाँ 9 गुना तक बढ़ा वोटर रजिस्ट्रेशन: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में ‘घुसपैठ’?


घुसपैठ की समस्या से जूझ रहे पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिलों में नए वोटर रजिस्ट्रेशन में तेजी से उछाल देखने को मिला है। ये नए वोटर रजिस्ट्रेशन राज्य में 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले किए जा रहे हैं।

इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 3 महीनों में मुस्लिम बहुल मालदा, मुर्शिदाबाद, नदिया, उत्तर दिनाजपुर, कूच बिहार, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना जिलों में फॉर्म-6 के जरिए नए वोटरों के रजिस्ट्रेशन 9 गुना तक बढ़ गए हैं। पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के दफ्तर ने भी इसकी पुष्टि की है।

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट बताती है, “नए वोटर रजिस्ट्रेशन की संख्या इतना तेजी से बढ़ी है कि जहाँ पहले हर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 100 रजिस्ट्रेशन होते थे, अब वह बढ़कर हर महीने करीब 900 तक पहुँच गए हैं।”

दिलचस्प बात यह है कि ये सभी जिले बांग्लादेश की सीमा से लगे हुए हैं। पश्चिम बंगाल में बीजेपी लंबे समय से चेतावनी देती आई है कि सीमावर्ती जिलों में घुसपैठ और डेमोग्राफी में बदलाव बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है।

फर्जी वोटरों को मतदाता सूची में जोड़ने वाले अधिकारियों पर चुनाव आयोग की सख्ती

इस महीने की शुरुआत में चुनाव आयोग (ECI) ने पश्चिम बंगाल के 4 चुनाव अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। इन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर फर्जी वोटर एप्लिकेशन्स को मंजूरी दी थी।

इनकी करतूत राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से मतदाता सूची के रूटीन अपडेट के दौरान फॉर्म-6 की सैंपल चेकिंग में उजागर हुई थी। इनमें से 2 निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ERO) दिब्बोतम दत्ता चौधरी और बिप्लब सरकार जबकि 2 सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (AERO) तथागत मंडल और सुदीप्त दास थे।

इसके अलावा, चुनाव आयोग ने डेटा एंट्री ऑपरेटर सुरोजित हलदार के खिलाफ भी FIR दर्ज करने का निर्देश दिया है।

चुनाव आयोग ने स्पष्ट आदेश दिया है कि इन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही जल्द से जल्द शुरू की जाए। आयोग ने कहा कि इन अधिकारियों द्वारा किया गया काम ‘अपराधी आचरण’ के बराबर है और इसलिए इन चारों अधिकारियों पर FIR भी दर्ज की जाए।

आयोग ने बाद में 7 दिन की समयसीमा देते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया कि फर्जी वोटर जोड़ने में शामिल चुनाव अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई हो।

पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर घुसपैठ

पश्चिम बंगाल को उन राज्यों में गिना जाता है जहाँ सबसे ज्यादा बांग्लादेशी घुसपैठिए आकर बसते हैं। पिछले तीन वर्षों में 2688 बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए और उन्हें वापस बांग्लादेश भेजा गया है।

इन दावों को हाल ही में प्रकाशित रिसर्च पेपर से और बल मिला। इसमें खुलासा किया गया कि पश्चिम बंगाल में करीब 1 करोड़ अधिक वोटर मौजूद हैं।

यह रिसर्च पेपर ‘Electoral Roll Inflation in West Bengal: A Demographic Reconstruction of Legitimate Voter Counts (2024)’ 7 अगस्त 2025 को प्रकाशित हुआ था। इस पेपर को डॉ. मिलन कुमार (सहायक प्राध्यापक, IIM, विशाखापट्टनम) और डॉ. विद्यु शेखर (सहायक प्राध्यापक, एसपी जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च) ने लिखा है।

यह पेपर मतदाता सूची, जनगणना और नागरिक पंजीकरण सिस्टम से मिले आधिकारिक आँकड़ों पर आधारित है। इसमें 2004 की आधार मतदाता सूची से जीवित बचे वोटरों का अनुमान, नई पीढ़ी (1986–2006 जन्म) के आधार पर जोड़े गए लोग और स्थाई प्रवास के हिसाब से तैयार किया गया था।

पश्चिम बंगाल में घुसपैठ, फर्जी वोटर और कुछ प्रशासनिक लोगों की मिलीभगत से लोकतंत्र के लिए मुसीबत खड़ी करने जैसा काम किया जा रहा है। यह चुनावी खेल बल्कि सीमा और देश की सुरक्षा के लिए सीधा खतरा बन सकता है।

Source link

Exit mobile version